कांग्रेस नेत्री ने कहा कि - प्रदेश के समग्र विकास हेतु भाजपा - जजपा के इस लुटतन्त्र वाले अवसरवादी गठबंधन को हरा कर कांग्रेस की सरकार बनाना है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश अध्यक्ष चौ उदयभान के आह्वान पर पूरे प्रदेश में चलाए जा रहे हर घर कांग्रेस अभियान को मिल रहा है भारी जनसमर्थन।
शिवचरण/पटौदी ! आज प्रदेश का हर वर्ग इस निरंकुश खट्टर सरकार से छुटकारा पाने के लिए कांग्रेस को सत्ता में लाने का मन बना चुका है। भारत जोड़ो यात्रा, विपक्ष आपके समक्ष व हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को मिले भारी जनसमर्थन के बाद अब जन आक्रोश रैली एवं घर घर कांग्रेस अभियान के तहत कांग्रेस लगातार जनसंपर्क में जुटी हुई है,और जब तक हरियाणा को बेरोजगारी, महंगाई में नम्बर 1 बनाने वाली इस तानाशाही सरकार को उखाड़ नही फेंक देते तब तक कांग्रेस कार्यकर्ता चैन की सांस नही लेंगे।' उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेटर सुनीता वर्मा ने पटौदी विधानसभा के करीब आधा दर्जन गांवों में जनसंपर्क के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने छावन, देवलावास, मिलकपुर, गदाईपुर, खलीलपुर, सिवाड़ी, सिवाड़ी की ढाणी, जराऊ, बिरहेड़ा तथा पालड़ी गांवों में लोगों से रुबरू होते हुए कहा कि एक तरफ भाजपा सबका साथ सबका विकास करने की बात कहती है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाकर कार्य कर रही है। हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री राजस्थान में चुनाव प्रचार के समय 450 रुपये में सिलेंडर देने की बात करते हैं लेकिन हरियाणा वासियों को दोगुने रेट में सिलेंडर दे रहे हैं।
वर्मा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश अध्यक्ष चौ उदयभान ने नववर्ष पर घर घर कांग्रेस, हर घर कांग्रेस अभियान का ऐलान किया था और उसी कड़ी में पटौदी विधानसभा के सभी गाँवो में इस कार्यक्रम के द्वारा हरियाणा की मौजूदा भाजपा जजपा सरकार की नाकामियों, वादाखिलाफी और इन जुमलेबाजों की जनविरोधी नीतियों को तथा कांग्रेस की जनहितैषी व विकासपरक सोच को जन जन तक पहुंचाने का हम काम करेंगे।
महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि आज प्रदेश की मौजूदा भाजपा जजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते हरियाणा में निवेश का अभाव हुआ है वहीं महँगाई व बेरोजगारी में लगातार बढ़ोतरी हुई है जिसका नतीजा है कि आज हरियाणा प्रदेश पूरे भारत मे सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है।