कहा - डंडे के जोर पर संस्थाओं से मनमानी तरीकों से मानको में हेरफेर वाली रिपोर्ट लिखवाकर सरकार देश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा कर रही है।

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार अगर मोदी जी के 9 साल के कार्यकाल में 24.8 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं तो ये 5 किलो अनाज किसे दिया गया ?

शिवचरण/पटौदी । नीति आयोग द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार 140 करोड़ जनसंख्या वाले देश में 57.40 करोड़ जनसंख्या के पास रहने को घर नहीं हैं, लेकिन फिर भी 9 साल में ग़रीबी 29.17% से घटकर 11.28% हुई। मतलब मोदी सरकार ने 24.82 करोड़ लोगों को गरीबी से उबार दिया। जबकि सरकार ये भी कहती है कि देश में 80 करोड़ गरीब लोगों को 5 किलो राशन मुफ्त दिया गया। तो फिर ये कौन लोग हैं जिन्हें गरीबी खत्म होने के बावजूद राशन दिया गया। कहीं ये मोदी सरकार का महाघोटाला तो नही? जबकि हमारा देश आज भी विश्व में भुखमरी में 111वें स्थान पर है।' उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेटर सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि 150 साल में पहली बार ऐसा हुआ की जनगणना हुई नहीं, कंज्यूमर एक्सपेंडिचर सर्वे हो नहीं रहा, रोजगार के अपने आंकड़ों को ही सरकार झुठला रही है, तो फिर ये आंकड़े नीति आयोग के पास आए कहां से?
वर्मा ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक की रिपोर्ट यकीनन भाजपा कार्यालय में लिखी गई है, क्योंकि इसमें तथ्य और तर्क से ज्यादा पूरी रिपोर्ट में मोदी काल को बेहतर बताने की छटपटाहट साफ दिखती है। कारण स्पष्ट है, मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर घिरी है और चुनाव नजदीक हैं।
महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि चुनावी माहौल के बीच नीति आयोग ने जनता को भ्रमित करने के लिए साजिश के तहत ये आँकड़े जारी किए हैं। कांग्रेस शासन की औसत जीडीपी मोदी के 9 वर्षों की औसत जीडीपी से काफी बेहतर रही है जबकि आज देश में बेरोजगारी, महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है, तो क्या ऐसे बदतर हालातों में नीति आयोग हवा में ही नीतियां बनाने लगा है? उन्होंने कहा कि रोजगार दिया नही जा रहा, महँगाई कम की नही जा रही, भुखमरी में देश अव्वल ही है। फिर लोग गरीबी रेखा से ऊपर कैसे आये? ऐसा लगता है कि आगामी चुनावों को देखते हुए मोदी सरकार झूठे आंकड़े पेश करके जनता को गुमराह और मूर्ख बना रही है।
कांग्रेस नेत्री ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत में अभी भी 41.32% लोगों के पास अपना घर नहीं है, 30.93% के पास टॉयलेट (संडास) नहीं है, 43.90% के पास रसोई गैस नहीं है, 31.52% आबादी पोषाहार से वंचित हैं, 19.17% गर्भवती महिलाएं खराब मातृ सेहत (एनीमिक) हैं, 7.32% आबादी अभी भी पेयजल से वंचित है। उन्होंने कहा कि फिर भी ऐसे विपरीत हालातों में केंद्र सरकार के 15 मंत्रालयों को आबंटित बजट का कुल 17.8% ही अब तक खर्च होना बताता है की मोदी-भाजपा सरकार देश से किस तरह ठगी कर रही है तथा विभिन्न मंत्रालयों को आवंटित बजट पर झूठ बोलकर उस धन को अपने मित्र पूंजीपति अडानी-अंबानी की तिजोरियों में सत्ता दुरुपयोग से भेजने का कुप्रयास कर रही है। 2014 में इन्होंने जनता से दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया, फिर 2017 में पकौड़ा बेचने को बोला फिर इन जालसाजों ने 2020 में आत्मनिर्भरता का ज्ञान देना शुरु करके युवाओं का भविष्य व कैरियर बर्बाद करने वाले इन महाधूर्तों व ठगों ने अब 80 करोड़ गरीब लोगों को राशन देने का झूठा व भ्रष्टाचारी दावा किया है।
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