पहले दिन से ही जेएमके अस्पताल प्राचीन हनुमान मंदिर के नाम से कार्यरत
ट्रस्ट की प्रॉपर्टी का नाम नहीं बदलने का किया गया प्रशासन से अनुरोध
पहले ही इस संदर्भ में लिखित में जिला प्रशासन को दी हुई है सूचना
शिवचरण
पटौदी । कोरोना कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा आम जनमानस को अपने आसपास ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए ग्रामीण स्तर पर कार्य आरंभ किया जा चुका है । ऐसे में पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े बोहड़़ाकला गांव में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पीछे श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के द्वारा बनाए गए जय महाकाल जेएमके अस्पताल का नामकरण नहीं बदलने का ट्रस्ट के द्वारा एक बार फिर से शासन प्रशासन, पटौदी के एसडीएम, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है ।
श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के एडवोकेट ललित सारंग, जितेंद्र सैनी और रवि शंकर सोनी के द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है कि बीते वर्ष भी श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के द्वारा, जय महाकाल जेएमके अस्पताल प्राचीन हनुमान मंदिर बोहड़़ाकला का नाम करण नहीं बदलने का अनुरोध करते हुए लिखित में अनुरोध किया हुआ है । श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के सचिव विट्ठल गिरी महाराज के द्वारा भी आग्रह किया गया है कि जिस नाम से यह अस्पताल कार्यरत रहा , वर्तमान समय में भी यहां पर बनाए जा रहे कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर का नामकरण जय महाकाल जेएमके अस्पताल ही रखा जाए । बीते वर्ष कुछ स्वार्थी तत्वों के द्वारा जय महाकाल अस्पताल का नामकरण बदल कर नीलकंठ अस्पताल किया जाने से श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट की प्रॉपर्टी अथवा अस्पताल को लेकर शासन प्रशासन सहित आम जनमानस में भी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गई । ऐसा किया जाना कानूनी और नैतिक दृष्टि से बिल्कुल भी उचित नहीं है ।
उन्होंने कहा है कि श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट जय महाकाल जेएमके अस्पताल भवन परिसर को कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी को देखते हुए यहां पर पीड़ितों के उपचार सहित स्वास्थ्य लाभ के हित को प्राथमिकता देते हुए यह भवन शासन प्रशासन को जब तक जरूरत हो इस्तेमाल करने की स्वेच्छा से सहमति प्रदान करता है । लेकिन बीते वर्ष डीसी एवं जिलाधीश के द्वारा पटौदी के पूर्व एसडीएम को भी लिखित में सूचित कर दिया गया था कि संबंधित अस्पताल के संदर्भ में जो भी पत्राचार अथवा बातचीत की जाए वह केवल ट्रस्ट और ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ ही की जाए ।
इसी कड़ी में श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के एडवोकेट ललित सारंग, जितेंद्र सैनी और रवि शंकर सोनी के द्वारा शासन प्रशासन, पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता पटौदी के एसडीएम का ध्यान इस तरह भी दिलाया गया है कि जब बीते बरस जय महाकाल जेएमके अस्पताल भवन परिसर को प्रशासन के द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में लिया गया तो उसके बाद में भी कुछ स्वार्थी लोगों के द्वारा निजी स्वार्थ के हित में यहां बिजली का कनेक्शन अपने नाम से अलाट करवा लिया गया । ऐसे में सवाल यही है कि जो संपत्ति अथवा प्रॉपर्टी सरकार के द्वारा अधिकृत करके संचालित की जा रही थी तो ऐसे में बिना शासन प्रशासन की अनुमति या फिर शासन प्रशासन सहित वरिष्ठ अधिकारियों को धोखे में रखकर बिजली का कनेक्शन ले लिया गया ? इस बात का भी भेद समय खुला जब शासन प्रशासन सहित सरकार के अधीन होते हुए जय महाकाल जेएमके अस्पताल बनाम नीलकंठ अस्पताल पर छापा मारकर बिजली की चोरी पकड़ी गई । इसके बाद ही यहां पर इस सारे रहस्य से पर्दा भी उठ गया कि कुछ स्वार्थी लोगों के द्वारा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को धोखे में रखकर कथित मिलीभगत से बिजली का कनेक्शन गलत तरीके से अलाट करवाया गया ।
ऐसे किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के द्वारा एक बार फिर से अनुरोध किया गया है कि प्राचीन हनुमान मंदिर बोहड़़ाकला के पीछे श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के द्वारा निर्मित और अतीत में संचालित जय महाकाल जेएमक अस्पताल का वर्तमान समय में भी नामकरण जय महाकाल जेएमक अस्पताल प्राचीन हनुमान मंदिर बोहड़़ाकला के नाम से ही किया जाए। श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट कोरोना महामारी सहित आपदा के इस समय पूरी तरह से शासन प्रशासन सहित सरकार के साथ सहयोग के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है।
ट्रस्ट की प्रॉपर्टी का नाम नहीं बदलने का किया गया प्रशासन से अनुरोध
पहले ही इस संदर्भ में लिखित में जिला प्रशासन को दी हुई है सूचना
शिवचरण
पटौदी । कोरोना कोविड-19 महामारी के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा आम जनमानस को अपने आसपास ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए ग्रामीण स्तर पर कार्य आरंभ किया जा चुका है । ऐसे में पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े बोहड़़ाकला गांव में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पीछे श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के द्वारा बनाए गए जय महाकाल जेएमके अस्पताल का नामकरण नहीं बदलने का ट्रस्ट के द्वारा एक बार फिर से शासन प्रशासन, पटौदी के एसडीएम, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है ।
श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के एडवोकेट ललित सारंग, जितेंद्र सैनी और रवि शंकर सोनी के द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है कि बीते वर्ष भी श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के द्वारा, जय महाकाल जेएमके अस्पताल प्राचीन हनुमान मंदिर बोहड़़ाकला का नाम करण नहीं बदलने का अनुरोध करते हुए लिखित में अनुरोध किया हुआ है । श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के सचिव विट्ठल गिरी महाराज के द्वारा भी आग्रह किया गया है कि जिस नाम से यह अस्पताल कार्यरत रहा , वर्तमान समय में भी यहां पर बनाए जा रहे कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर का नामकरण जय महाकाल जेएमके अस्पताल ही रखा जाए । बीते वर्ष कुछ स्वार्थी तत्वों के द्वारा जय महाकाल अस्पताल का नामकरण बदल कर नीलकंठ अस्पताल किया जाने से श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट की प्रॉपर्टी अथवा अस्पताल को लेकर शासन प्रशासन सहित आम जनमानस में भी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी गई । ऐसा किया जाना कानूनी और नैतिक दृष्टि से बिल्कुल भी उचित नहीं है ।
उन्होंने कहा है कि श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट जय महाकाल जेएमके अस्पताल भवन परिसर को कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी को देखते हुए यहां पर पीड़ितों के उपचार सहित स्वास्थ्य लाभ के हित को प्राथमिकता देते हुए यह भवन शासन प्रशासन को जब तक जरूरत हो इस्तेमाल करने की स्वेच्छा से सहमति प्रदान करता है । लेकिन बीते वर्ष डीसी एवं जिलाधीश के द्वारा पटौदी के पूर्व एसडीएम को भी लिखित में सूचित कर दिया गया था कि संबंधित अस्पताल के संदर्भ में जो भी पत्राचार अथवा बातचीत की जाए वह केवल ट्रस्ट और ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ ही की जाए ।
इसी कड़ी में श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के एडवोकेट ललित सारंग, जितेंद्र सैनी और रवि शंकर सोनी के द्वारा शासन प्रशासन, पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता पटौदी के एसडीएम का ध्यान इस तरह भी दिलाया गया है कि जब बीते बरस जय महाकाल जेएमके अस्पताल भवन परिसर को प्रशासन के द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में लिया गया तो उसके बाद में भी कुछ स्वार्थी लोगों के द्वारा निजी स्वार्थ के हित में यहां बिजली का कनेक्शन अपने नाम से अलाट करवा लिया गया । ऐसे में सवाल यही है कि जो संपत्ति अथवा प्रॉपर्टी सरकार के द्वारा अधिकृत करके संचालित की जा रही थी तो ऐसे में बिना शासन प्रशासन की अनुमति या फिर शासन प्रशासन सहित वरिष्ठ अधिकारियों को धोखे में रखकर बिजली का कनेक्शन ले लिया गया ? इस बात का भी भेद समय खुला जब शासन प्रशासन सहित सरकार के अधीन होते हुए जय महाकाल जेएमके अस्पताल बनाम नीलकंठ अस्पताल पर छापा मारकर बिजली की चोरी पकड़ी गई । इसके बाद ही यहां पर इस सारे रहस्य से पर्दा भी उठ गया कि कुछ स्वार्थी लोगों के द्वारा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को धोखे में रखकर कथित मिलीभगत से बिजली का कनेक्शन गलत तरीके से अलाट करवाया गया ।
ऐसे किसी भी प्रकार के विवाद से बचने के लिए श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के द्वारा एक बार फिर से अनुरोध किया गया है कि प्राचीन हनुमान मंदिर बोहड़़ाकला के पीछे श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट के द्वारा निर्मित और अतीत में संचालित जय महाकाल जेएमक अस्पताल का वर्तमान समय में भी नामकरण जय महाकाल जेएमक अस्पताल प्राचीन हनुमान मंदिर बोहड़़ाकला के नाम से ही किया जाए। श्री महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट कोरोना महामारी सहित आपदा के इस समय पूरी तरह से शासन प्रशासन सहित सरकार के साथ सहयोग के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है।