गुरुग्राम सिटी और रेवाड़ी के बीच में एकमात्र पटौदी नागरिक अस्पताल

गुरुग्राम सिटी से बाहर पटौदी इलाका सबसे अधिक कोविड-19 प्रभावित

पटौदी नागरिक अस्पताल में ही बनाया गया है कोविड-19 लेशन सेंटर

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 कोरोना कोविड 19 की दूसरी लहर जोकि प्रचंड रूप धारण किए जानलेवा साबित हो रही है, ऐसे में दिन प्रतिदिन ऑक्सीजन की कमी और लाइफ सपोर्ट सिस्टम के अभाव में मरने वालों की संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है । कोरोना की इस दूसरी लहर के बीच पटौदी नागरिक अस्पताल आम जनता विशेष तौर से पटौदी जैसे पिछड़े और ग्रामीण इलाके के लोगों के लिए बेहद सीमित संसाधनों के साथ जीवन तारणहार साबित हो रहा है । ऐसे लाख टके का सवाल यह है कि पटौदी नागरिक अस्पताल को मौजूदा हालात को देखते हुए वेंटिलेटर क्यों नहीं ? कुछ दिन पहले ही सीएम खट्टर ने रेवाड़ी में पांच वेंटिलेटर उपलब्ध करवाने की बात कही । इसके बाद में बुधवार को सोशल मीडिया पर सांसद एवं केंद्रीय मंत्री की तरफ से ब्यान आया कि पीएम केयर्स फंड से रेवाड़ी नागरिक अस्पताल में पांच वेंटीलेटर उपलब्ध करवाए जाएंगे । इधर गुरुग्राम की बात की जाए तो यहां सरकारी लेवल पर केवल मात्र पांच वेंटिलेटर ही उपलब्ध है , जबकि करीब 120 वेंटिलेटर प्राइवेट अस्पतालों में बताए गए है । दूसरे शब्दों में पूरा जिला गुरुग्राम जो कि हरियाणा को सबसे अधिक राजस्व प्रदान कर रहा है यहां की जनता आपात स्थिति में पूरी तरह से सरकारी स्वास्थ्य सेवा के विपरीत प्राइवेट अस्पतालों के भरोसे ही है ।

गुरुग्राम और रेवाड़ी के बीच में पटौदी मौजूद है । पटौदी से गुरुग्राम और रेवाड़ी की दूरी औसतन 30 किलोमीटर एक बराबर ही है । आज के हालात में जिस प्रकार से पटौदी के नागरिक अस्पताल में संदिग्ध कोरोना पीड़ित या फिर सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए अपना जीवन बचाने को चिंतित रोगी उपचार के लिए पहुंच रहे हैं , ऐसे में आपात स्थिति से निपटने के लिए पटौदी के नागरिक अस्पताल को भी तत्काल कम से कम एक वेंटिलेटर की आवश्यकता है। यह समय की मांग और रोगियों की जिंदगी को भी बचाने का सवाल है । गंभीर हालत में यहां से रोगी को गुरुग्राम, दिल्ली या फिर रेवाड़ी ही रेफर किया जाएग अन्यथा किसी भी बड़े प्राइवेट अस्पताल का रास्ता भी दिखाया जाता है । पटौदी के नागरिक अस्पताल में ओटी में रिजेरियन सहित अन्य आपरेशन भी किये जा रहे है।

अब सीधी सीधी बात करते हैं कि सांसद एवं केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह आखिर अपने राजनीतिक गढ़ पाटोदी की जनता और यहां के अस्पताल की तरह आज के हालात में ध्यान क्यों नहीं दे पा रहे ? गौरतलब है पटौदी विधानसभा क्षेत्र की वह इलाका है जहां राव इंद्रजीत सिंह के पिता स्वर्गीय राव वीरेंद्र सिंह ने एमएलए का चुनाव लड़ा और चुनाव जीतने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री भी बने । जिस पटौदी क्षेत्र से रामपुरा हाउस अहीरवाल के कद्दावर और दिग्गज नेता राव बिरेंदर सिंह जो कि हरियाणा के सीएम बनने के साथ-साथ केंद्र में भी मंत्री रहे , अब स्वर्गीय राव वीरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह संभाले हुए हैं । यह बात कहने में कोई गुरेज नहीं कि बीते करीब 16 वर्ष से राव इंद्रजीत सिंह केंद्र में मंत्री पद पर आसीन है। यह बात अलग है कि पटौदी में नया 50 बेड का अस्पताल वर्ष 2017 में आरंभ हुआ । लेकिन यह भी हैरानी से कम नहीं की सबसे अधिक राजस्व देने वाले गुरु ग्राम मुख्यालय के नागरिक अस्पताल में भी पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं हो सके । हाय तौबा मची तो रेवाड़ी नागरिक अस्पताल के लिए पीएम केयर्स फंड से पांच वेंटीलेटर उपलब्ध करवाने की बात कही गई ।
गुरुग्राम और रेवाड़ी के बीच पटौदी क्षेत्र जिसे की राव इंदरजीत सिंह अपना सबसे अधिक मजबूत राजनीतिक गढ़ मानते आ रहे हैं । यहां की जनता का ऐसा क्या कसूर रहा है की करोना जैसी जानलेवा महामारी के बीच पटौदी के नागरिक अस्पताल की तरफ ध्यान ना दे कर एक वेंटीलेटर तक उपलब्ध करवाने की पहल नहीं होती दिखाई दे रही है ? वैसे तो पटौदी के नागरिक अस्पताल में आईसीयू भी अवश्य होना चाहिए । लेकिन ऐसा अभी तक क्यों और किन कारणों से संभव नहीं हो सका , यह भी अपने आप में अबूझ पहेली बना हुआ है । कुछ दिन पहले ही सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा गुरुग्राम रेवाड़ी और मेवात जिला को अपने सांसद कोटे से 50 लाख उपलब्ध करवाए गए । गुरुग्राम जिला तो वैसे ही हरियाणा की सबसे अधिक राजस्व उपलब्ध करवा रहा है । ऐसे में महसूस किया जा रहा है कि सांसद एवं केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह जोकि पटौदी का अपने परिवार के ऊपर बहुत बड़ा एहसान होने की बात तक कह चुके हैं , तो क्या अब वह समय नहीं आ गया है कि किसी न किसी प्रकार से इस एहसान का कुछ हिस्सा जनहित में अदा करते हुए पटौदी के नागरिक अस्पताल को जल्द से जल्द एक वेंटिलेटर उपलब्ध करवाने के साथ-साथ यहां आईसीयू की भी सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। जब यह सुविधा उपलब्ध होगी तो विशेषज्ञ भी इन सुविधाओं को संचालन के लिए उपलब्ध करवाना लाजमी हो जाएगा । बहरहाल इन सब सवालों के जवाब भविष्य के गर्भ में ही दिखाई दे रहे हैं।

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