पटौदी के एक गांव में 3 दर्जन से अधिक कोविड-19 के पॉजिटिव

कथित कोविड-19 के कारण पटौदी में दो लोगों की हुई मौत

इससे बीते एक वर्ष के दौरान कोरोना से हो चुकी 6 की मौत  

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 नवाबी नगरी का तमगा ओढ़े तथा संतो की तपोस्थली कहलाने वाले पटौदी इलाके की हालत कोरोना कोविड-19 की दूसरी और तीसरी लहर के बीच में  बेहद गंभीर और चिंताजनक बनकर सामने आ रही है । जारी अप्रैल माह के दौरान भी सिटी से बाहर देहात कहलाने वाले इलाकों में शामिल पटोदी ब्लॉक में ही कोविड-19 के सबसे अधिक पॉजिटिव केस दर्ज किए जाते आ रहे हैं । यह बात अलग है कि बीते 3 दिनों से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सिटी से बाहर देहात कहलाने वाले पटौदी फरुखनगर और सोहना ब्लॉक के प्रतिदिन पॉजिटिव केस के आंकड़ों को सार्वजनिक करना बंद कर दिया गया है ।

यह ठीक उसी प्रकार से है की कबूतर के आंख बंद करने से कबूतर को महसूस होता है कि बिल्ली नहीं है, लेकिन बिल्ली के रूप में खतरा सामने ही मौजूद होता है । ऐसे में जब देहात के पॉजिटिव मामलों के आंकड़े सामने नहीं आएंगे तो देहात में रहने वाले लोग किस प्रकार से जान सकेंगे की उनके इलाके में कोरोना कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं या फिर कोरोना मुक्त इलाके में रह रहे हैं ? सूत्रों के मुताबिक पटौदी क्षेत्र की अप्रैल माह के दौरान कोरोना कोविड-19 को लेकर स्थिति बेहद गंभीर और चिंताजनक दिन प्रतिदिन बनती जा रही है । सूत्रों के मुताबिक पटोदी देहात के ही एक गांव में 3 दर्जन से अधिक कोरोना कॉविड 19 के पॉजिटिव मामले मौजूद हैं । इसका सीधा सा गणित यही है कि पूरा गांव और यहां के ग्रामीण भी  कोरोना कोविड-19 के खतरे के बीच में  रह रहे हैं । पटौदी में सोमवार को कथित कोरोना कोविड-19 के कारण दो लोगों की मौत होने की चर्चा बनी हुई है ।

पटौदी क्षेत्र में विभिन्न ग्रामीण इलाकों के साथ साथ पटौदी और हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में भी कोरोना कॉविड 19 के पॉजिटिव मामले दर्ज किए जा रहे हैं । लेकिन सवाल फिर वही का वही है कि स्वास्थ्य विभाग के सामने ऐसी कौन सी मजबूरी है या फिर कोई बहुत बड़ा दबाव है ? जो सिटी से बाहर देहात कहलाने वाले इलाके पटौदी ,फरुखनगर और सोहना क्षेत्र में प्रतिदिन के कोरोना कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों के आंकड़े आम जनमानस को सावधान और जागरूक करने के दृष्टिगत बताने से परहेज बरता जा रहा है । ऐसे में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों का ही कहना है कि जब देहात-ग्रामींण क्षेत्र के कोरोना कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों को अथवा आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा तो यह बात स्वभाविक है कि वहां के बाशिंदे यह मानने लगेंगे की उनके इलाके शायद स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक कोरोना से मुक्त हो चुके हैं । इसके विपरीत जो लोग कोरोना कॉविड 19 से पॉजिटिव रिपोर्ट में सामने आ रहे हैं, उनको ही सीधे सूचना दी जा रही है। इस मामले में जागरूक लोगों का तर्क यही है कि कोरोना कॉविड 19 के पॉजिटिव मामलों को लेकर सिटी से बाहर देहात के इलाके के लोगों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बिल्कुल भी अंधेरे में नहीं रखा जाना चाहिए । बहरहाल स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा जो फैसला लिया गया कि देहात के इलाके के करोना कोविड 19 के पॉजिटिव आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा ? इसके पीछे भी कथित रूप से स्वास्थ्य विभाग कि अपनी कोई ना कोई लीक से हटकर ही रणनीति भी हो सकती है।

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