हिंसा और भेदभाव को दर्शाते हुए ग्रामींणों से चर्चा की गई
लड़के-लड़कियां समाज के प्रति नैतिक जिम्मेदारी समझें
फतह सिंह उजाला
पटौदी। समाजिक संस्था ब्रेकथ्रू ने गुरुग्राम जिले के पटौदी ब्लॉक के गांव नूरगढ़, मंगवाकि, ब्राह्मणवास और फर्रुखनगर ब्लाक के गांव खंडेवला में दखल दो अभियान के बारे मैं बताया, नुक्कड नाटक व हरियाणवी लोक गीतों की प्रस्तुति दी। जिसमे महिला एवं बाल विकास विभाग ने सहयोग दिया। कार्यक्रम में गीतों के माध्यम महिलाओं के जीवन में होने वाली हिंसा और भेदभाव को दर्शाते हुए ग्रामींणों से चर्चा की गई। ब्रेकथ्रू ने इस अभियान की शुरुआत दिसंबर 2020 को की थी । ‘दखल दो’ जिसका अर्थ है हस्तक्षेप करना। के उद्देश्य के साथ में की।
इस अभियान के ब्रांड एंबेसडर राजकुमार राव ने कहा, मैं ‘दखल दो’ अभियान के लिए ब्रेकथ्रू के साथ हाथ मिलाने को लेकर बहुत उत्साहित हूं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस तरह के प्रयास हमें महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने में मदद करेंगे। कार्यक्रम के अंत में गाँव से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रही। गांव के एक युवा प्रदीप ने कार्यक्रम देखने के बाद कहा इस प्रकार के कार्यक्रम हर गांव में करने चाहिए और यह समाज तभी बदलेगा जब गांव के युवा लड़के-लड़कियां ब्रेकथ्रू संस्था के दखल दो अभियान का हिस्सा बनेंगे।’ इस कार्यक्रम में ब्रेकथ्रू संस्था की और गोरी ने कहा अब समय आ गया है गांव हर युवा लड़के लड़कियों को समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझनी होगी। ताकि एक ऐसा समाज बन पाए जिसमें समानता और बराबरी के अवसर हो। तो ब्रेकथ्रू की वेबसाइट पर ‘दखल दो’ के पेज पर जाकर अपनी कहानी को शेयर करें।
लड़के-लड़कियां समाज के प्रति नैतिक जिम्मेदारी समझें
फतह सिंह उजाला
पटौदी। समाजिक संस्था ब्रेकथ्रू ने गुरुग्राम जिले के पटौदी ब्लॉक के गांव नूरगढ़, मंगवाकि, ब्राह्मणवास और फर्रुखनगर ब्लाक के गांव खंडेवला में दखल दो अभियान के बारे मैं बताया, नुक्कड नाटक व हरियाणवी लोक गीतों की प्रस्तुति दी। जिसमे महिला एवं बाल विकास विभाग ने सहयोग दिया। कार्यक्रम में गीतों के माध्यम महिलाओं के जीवन में होने वाली हिंसा और भेदभाव को दर्शाते हुए ग्रामींणों से चर्चा की गई। ब्रेकथ्रू ने इस अभियान की शुरुआत दिसंबर 2020 को की थी । ‘दखल दो’ जिसका अर्थ है हस्तक्षेप करना। के उद्देश्य के साथ में की।
इस अभियान के ब्रांड एंबेसडर राजकुमार राव ने कहा, मैं ‘दखल दो’ अभियान के लिए ब्रेकथ्रू के साथ हाथ मिलाने को लेकर बहुत उत्साहित हूं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस तरह के प्रयास हमें महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने में मदद करेंगे। कार्यक्रम के अंत में गाँव से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रही। गांव के एक युवा प्रदीप ने कार्यक्रम देखने के बाद कहा इस प्रकार के कार्यक्रम हर गांव में करने चाहिए और यह समाज तभी बदलेगा जब गांव के युवा लड़के-लड़कियां ब्रेकथ्रू संस्था के दखल दो अभियान का हिस्सा बनेंगे।’ इस कार्यक्रम में ब्रेकथ्रू संस्था की और गोरी ने कहा अब समय आ गया है गांव हर युवा लड़के लड़कियों को समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझनी होगी। ताकि एक ऐसा समाज बन पाए जिसमें समानता और बराबरी के अवसर हो। तो ब्रेकथ्रू की वेबसाइट पर ‘दखल दो’ के पेज पर जाकर अपनी कहानी को शेयर करें।