पटौदी और हेलीमंडी में किया प्रदर्शन सड़कों पर उतरे लोग

आरोप दरिंदों और प्रशासन के अधिकारियों में नहीं कोई अंतर

एसडीएम और तहसीलदार नहीं मिलने पर अधिक भड़का गुस्सा

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
   हाथरस में युवती के साथ दरिंदगी और उसके बाद हुई मौत के साथ ही पीड़ित युवती के बलात अंतिम संस्कार को लेकर अनुसूचित वर्ग के विभिन्न संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा । गुरुवार को पटौदी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों और अनेक सदस्यों के द्वारा पटौदी-हेलीमंडी में अलग-अलग विरोध प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार , उत्तर प्रदेश सरकार और हरियाणा सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की गई।

इसके बाद विभिन्न संगठनों के लोग हाथों में हाथरस पीड़िता और उसके परिवार के प्रति संवेदना के लिखे स्लोगन, होल्डिंग, बैनर इत्यादि लेकर पटौदी के लघु सचिवालय पहुंचे । जहां इनके द्वारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाना था । लेकिन पटौदी के एसडीएम, पटौदी के तहसीलदार और पटौदी के नायब तहसीलदार के नहीं मिलने पर प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और अधिक भड़क गया। विरोध स्वरूप महिलाओं सहित सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी लघु सचिवालय का घेराव कर धरने पर बैठ गए और साफ-साफ चेतावनी दे डाली कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का पहले से सूचना दिया जाने के बावजूद इसी प्रकार का व्यवहार रहा तो यहां लघु सचिवालय में ताला लटका दिया जाएगा ।

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हाथरस में बेबस लाचार युवती के साथ दोहरा अमानवीय अत्याचार किया गया है । एक तो दरिंदों ने की हैवानियत ने मजबूर युवती की जान ले ली और इससे बड़ा अपराध हाथरस के प्रशासन के द्वारा किया गया, जब पीड़ित मृतक युवती का अंतिम संस्कार करने से परिजनों को जबरन रोककर बंदी बना दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि यह पीड़ित परिवार के साथ-साथ मृतक पीड़ित युवती का मौलिक, कानूनी, सामाजिक और संवैधानिक अधिकार भी था जिसे की यूपी की योगी सरकार और वहां के प्रशासन के द्वारा बलात हरण कर लिया गया। ऐसे तमाम लोगों के खिलाफ एससी / एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके इन्हें अभिलंब बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।
इस बीच में गुस्साई भीड़ नारे लगाती रही की बहन हम शर्मिंदा हैं-तेरे कातिल जिंदा हैं, बहन हम शर्मिंदा हैं-तेरे कातिल जिंदा है, बेटी हम शर्मिंदा हैं-तेरे कातिल जिंदा है, बेटी हम शर्मिंदा हैं-तेरे कातिल जिंदा है। लोगों के भड़के गुस्से को देखते हुए जब यह बात प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक पहुंची तो आनन-फानन में पटौदी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे तहसीलदार दौड़ कर पटौदी लघु सचिवालय पहुंचे । इसके बाद में विभिन्न संगठनों के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम अलग-अलग ज्ञापन सौंपे गए । प्रदर्शनकारियों ने सोपे ज्ञापन में दो टूक मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी देरी के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से इस्तीफा ले और साथ में हाथरस के इस पूरे प्रकरण से जुड़े हुए विभिन्न विभागों के तमाम अधिकारियों को अविलंब बर्खास्त किया जाए । साथ ही पीड़ित परिवार के मौलिक ,कानूनी और संवैधानिक अधिकारों का हरण करने के आरोपी प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ भी एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके दोषियों के साथ-साथ इन पर भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए ।

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