साम्प्रदायिक, जातीय व मोब लिंचिंग जैसे गंभीर अपराध बढ़ रहे हैं फेक न्यूज़ से।

मनीषबलवान सिंह जांगड़ा
हिसार: सोशल मीडिया पर हो रहे दुष्प्रचार और झूठी खबरों के तेज़ी से बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए व गलत खबरों के तुलनात्मक अध्ययन के लिए गुरु जम्भेश्वर विश्विद्यालय, हिसार, के सीएमटी विभाग ने एक नया सर्च इंजन लॉन्च किया है। विभाग के डीन व चैयरमेन प्रो. उमेश आर्या द्वारा निर्मित यह सर्च इंजन इंटरनेशनल फैक्ट चेकिंग नेटवर्क(आईएफ़सीएन) से प्रमाणित लगभग 15 फैक्ट चेकिंग वेबसाइट का डाटा एक स्थान पर उपलब्ध करवाएगा। सर्च इंजन का उद्घाटन करते हुए विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि फेक न्यूज़ एक व्यवसाय बन चुका है। ऐसे में यह सर्च इंजन न सिर्फ विश्विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए बल्कि अन्य सभी लोगों के लिए उपयोगी साबित होगा।

सर्च इंजन के जरिये विश्वसनीय वेबसाइटों से जानकारी मिलेगी।

विभागाध्यक्ष प्रो. आर्या ने बताया कि इस सर्च इंजन में Alt News, Boomlive, The Quint इत्यादि का डाटा सर्च किया जा सकता है। कोई भी इंटरनेट यूजर www.tinyurl.cmtfactchecking लिंक पर जाकर फेक न्यूज़ से संबंधित सूचना प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर यूजर किसी भी खबर की सत्यता जानने के लिए गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन का उपयोग करता है। लेकिन ये सभी फैक्ट चेकिंग सर्च इंजन ना होकर साधारण सर्च इंजन हैं जहां सही और गलत सूचनाओं में अंतर कर पाना आम लोगों के लिए सम्भव नही है। प्रो. आर्या ने बताया कि सर्च इंजन से सूचना केवल विश्वसनीय वेबसाइट पर ही खोजी जाती है। इससे वायरल हो रहे संदेश की पड़ताल आसानी से सम्भव है और सटीक परिणाम मिलते हैं। सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी असत्य होने पर भी लोग उसके स्त्रोत का सही पता नही लगा पाते हैं और भ्रम के जाल में फंस कर गलत निर्णय ले बैठते हैं। फेक न्यूज़ से वैमनस्य फैलता है और मोब लिंचिंग जैसी घटनाएं होती हैं। 

प्रो.उमेश आर्या ने गूगल फैक्ट चेकिंग के जरिये फेक न्यूज़ का पता लगाने में दिया है अभूतपूर्व योगदान।

उन्होंने ये भी कहा कि छात्रों और शोधार्थियों में सही सूचना को सही ढंग से सर्च करने का अभाव रहता है। विद्यार्थियों को "नेट सर्फिंग स्किल' विकसित करने में यह सर्च इंजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इंटरनेट पर गुणवत्तापूर्ण सूचना मुफ्त में उपलब्ध है लेकिन उसे कैसे सर्च करना है यह हर एक व्यक्ति को समझ नही आता इसलिए प्रो. उमेश आर्या गूगल पावर सर्च एवं सूचना संग्रहण पर कार्यशाला आयोजित करते रहते हैं और "गूगल न्यूज़ इनिशिएटिव ट्रेनिग इंडिया" के ट्रेनर रहते हुए भारत में सर्वाधिक फैक्ट चेकिंग ट्रेनिंग आयोजित कर अपनी पहचान बनाई है। उल्लेखनीय है की डॉ आर्या ने गूगल सर्च इंजन को नई-नई विधाओं में इस्तेमाल करने के विषयों पर पूरे भारत में 2 हज़ार से ज्यादा व्यख्यान दिए हैं। 
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