पटौदी दैनिक रेल यात्री संघ ने सौंपा ज्ञापन
रेवाड़ी दिल्ली के बीच 2-2 पैसेंजर ट्रेन की मांग
फतह सिंह उजाला
पटौदी । कोरोना काल के दौरान ट्रेन बंद होने से रेवाड़ी-पटौदी-गुरूग्राम के 40 हजार के करीब दैनिक यात्री बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं । ऐसे परिवारों के सामने अब रोजी रोटी का संकट गंभीर समस्या बन गया है , वही अनेक लोग ऐसे हैं जिनको अपने रोजगार से भी हाथ धोना पड़ गया है । अकेले पटौदी रेलवे स्टेशन से ही प्रतिदिन औसतन 10000 दैनिक यात्री रेवाड़ी, गुड़गांव और दिल्ली के बीच में कामकाज के लिए आवागमन करने वालों में शामिल हैं । लेकिन बीते मार्च माह के अंतिम सप्ताह से लोकल ट्रेन बंद होने के कारण अनेक दैनिक कामकाजी व्यक्ति अपने कामकाज पर नहीं जा पा रहे हैं और ऐसे में अनेक लोगों को काम पर नहीं जा पाने के कारण अपने रोजगार से भी हाथ धोना पड़ गया है।
इसी गंभीर समस्या को देखते हुए पटौदी दैनिक रेल यात्री संघ के द्वारा देश के गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव के नाम पटौदी स्टेशन अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा गया है । रविवार को सौपे गए ज्ञापन में दैनिक रेल यात्री संघ के द्वारा कहा गया है कि कोरोना कोविड-19 महामारी के देखते हुए एनसीआर क्षेत्र में लोकल ट्रेनें बंद करने से सैकड़ों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट गंभीर समस्या बन गया है । करीब 40,000 दैनिक यात्री रेवाड़ी दिल्ली के बीच में प्रतिदिन आवागमन करने वालों में शामिल हैं । जोकि रेवाड़ी से दिल्ली के बीच में विभिन्न शहरों में अपने कामकाज , फैक्ट्रियों, प्राइवेट जॉब, कारखानों में काम करने वाले , दैनिक मजदूरी करने वाले दिल्ली से सामान लाकर सप्लाई करने वाले, व अन्य कामकाजी लोग शामिल हैं ।
जब से ट्रेनें बंद हुई हैं ऐसे सभी लोग लोगों में से अधिकांश बेरोजगार हुए बैठे हैं । छोटे-मोटे काम धंधे करने वाले लोगों के सामने अपने परिवारों का भरण पोषण करने की गंभीर समस्या पैदा हो गई है। काम पर नहीं जाने की वजह से अनेक लोगों को बेरोजगार होना पड़ गया है । क्योंकि रेल ही एकमात्र ऐसा आवागमन का साधन है ,जो कि दैनिक यात्रियों के लिए सबसे सस्ता यातायात का माध्यम है । कुछ साधन संपन्न जैसे-तैसे करके अपने काम धंधे पर तो जा रहे हैं ,लेकिन उनका आवागमन का खर्च ही अब इतना बढ़ चुका है कि जितना मेहनताना महीने का मिलता है लगभग उतना ही आवागमन के दौरान वाहन के इंजन में खर्च हो जाता है ।
दैनिक रेल यात्री संघ के द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री, रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से अनुरोध किया गया है कि गंभीर आर्थिक तंगी को देखते हुएसस्ता आवागमन का माध्यम रेल को ध्यान में रखते हुए रेवाड़ी दिल्ली के बीच में सुबह और शाम कम से कम 2-2 पैसेंजर ट्रेन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। जिससे कि अनेक परिवारों की हालत को बद से बदतर होने से बचाया जा सकेगा । दैनिक यात्री संघ के प्रधान योगेंद्र चैहान के मुताबिक अनेक दैनिक यात्री तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपने छोटे मोटे रोजगार काम धंधे गुड़गांव - दिल्ली जैसे शहरों में किए हुए हैं । लेकिन आर्थिक रूप से वे इतने संपन्न नहीं है कि गुड़गांव और दिल्ली सड़क मार्ग या अपने वाहनों से आवागमन कर सकें । अब जब किसी हद तक कोरोना कोविड-19 पर नियंत्रण पाया जा चुका है, तो आम लोगों के परिवारों के भरण पोषण सहित जीवन को ध्यान में रखते हुएगृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव को माननीय हित को ध्यान में रखते हुए रेल सुविधा उपलब्ध करवाने पर गंभीरता से विचार करते हुए लोगों को राहत दी जानी चाहिए।
रेवाड़ी दिल्ली के बीच 2-2 पैसेंजर ट्रेन की मांग
फतह सिंह उजाला
पटौदी । कोरोना काल के दौरान ट्रेन बंद होने से रेवाड़ी-पटौदी-गुरूग्राम के 40 हजार के करीब दैनिक यात्री बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं । ऐसे परिवारों के सामने अब रोजी रोटी का संकट गंभीर समस्या बन गया है , वही अनेक लोग ऐसे हैं जिनको अपने रोजगार से भी हाथ धोना पड़ गया है । अकेले पटौदी रेलवे स्टेशन से ही प्रतिदिन औसतन 10000 दैनिक यात्री रेवाड़ी, गुड़गांव और दिल्ली के बीच में कामकाज के लिए आवागमन करने वालों में शामिल हैं । लेकिन बीते मार्च माह के अंतिम सप्ताह से लोकल ट्रेन बंद होने के कारण अनेक दैनिक कामकाजी व्यक्ति अपने कामकाज पर नहीं जा पा रहे हैं और ऐसे में अनेक लोगों को काम पर नहीं जा पाने के कारण अपने रोजगार से भी हाथ धोना पड़ गया है।
इसी गंभीर समस्या को देखते हुए पटौदी दैनिक रेल यात्री संघ के द्वारा देश के गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव के नाम पटौदी स्टेशन अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा गया है । रविवार को सौपे गए ज्ञापन में दैनिक रेल यात्री संघ के द्वारा कहा गया है कि कोरोना कोविड-19 महामारी के देखते हुए एनसीआर क्षेत्र में लोकल ट्रेनें बंद करने से सैकड़ों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट गंभीर समस्या बन गया है । करीब 40,000 दैनिक यात्री रेवाड़ी दिल्ली के बीच में प्रतिदिन आवागमन करने वालों में शामिल हैं । जोकि रेवाड़ी से दिल्ली के बीच में विभिन्न शहरों में अपने कामकाज , फैक्ट्रियों, प्राइवेट जॉब, कारखानों में काम करने वाले , दैनिक मजदूरी करने वाले दिल्ली से सामान लाकर सप्लाई करने वाले, व अन्य कामकाजी लोग शामिल हैं ।
जब से ट्रेनें बंद हुई हैं ऐसे सभी लोग लोगों में से अधिकांश बेरोजगार हुए बैठे हैं । छोटे-मोटे काम धंधे करने वाले लोगों के सामने अपने परिवारों का भरण पोषण करने की गंभीर समस्या पैदा हो गई है। काम पर नहीं जाने की वजह से अनेक लोगों को बेरोजगार होना पड़ गया है । क्योंकि रेल ही एकमात्र ऐसा आवागमन का साधन है ,जो कि दैनिक यात्रियों के लिए सबसे सस्ता यातायात का माध्यम है । कुछ साधन संपन्न जैसे-तैसे करके अपने काम धंधे पर तो जा रहे हैं ,लेकिन उनका आवागमन का खर्च ही अब इतना बढ़ चुका है कि जितना मेहनताना महीने का मिलता है लगभग उतना ही आवागमन के दौरान वाहन के इंजन में खर्च हो जाता है ।
दैनिक रेल यात्री संघ के द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री, रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से अनुरोध किया गया है कि गंभीर आर्थिक तंगी को देखते हुएसस्ता आवागमन का माध्यम रेल को ध्यान में रखते हुए रेवाड़ी दिल्ली के बीच में सुबह और शाम कम से कम 2-2 पैसेंजर ट्रेन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। जिससे कि अनेक परिवारों की हालत को बद से बदतर होने से बचाया जा सकेगा । दैनिक यात्री संघ के प्रधान योगेंद्र चैहान के मुताबिक अनेक दैनिक यात्री तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपने छोटे मोटे रोजगार काम धंधे गुड़गांव - दिल्ली जैसे शहरों में किए हुए हैं । लेकिन आर्थिक रूप से वे इतने संपन्न नहीं है कि गुड़गांव और दिल्ली सड़क मार्ग या अपने वाहनों से आवागमन कर सकें । अब जब किसी हद तक कोरोना कोविड-19 पर नियंत्रण पाया जा चुका है, तो आम लोगों के परिवारों के भरण पोषण सहित जीवन को ध्यान में रखते हुएगृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव को माननीय हित को ध्यान में रखते हुए रेल सुविधा उपलब्ध करवाने पर गंभीरता से विचार करते हुए लोगों को राहत दी जानी चाहिए।