23 के कानूनी संघर्ष के उपरांत रामगोपाल को मिली जमानत

गुरुग्राम एडिशनल सेशन कोर्ट ने शर्तों के साथ मंजूर की जमानत

जेल से बाहर आ गौ सेवा कर राम भगत अपने पैतृक गांव रवाना

शिवचरण ( शिवा )
पटौदी ।
 दिल्ली के शाहीन बाग में बेखौफ होकर गोली चलाने को लेकर देशभर में चर्चा का विषय बने रामगोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल को अंततः 23 दिन भोंडसी जेल में रहने के बाद जमानत मिल गई है । बीती देर शाम दिन ढले भोंडसी जेल से बाहर आने के बाद राम भगत गोपाल सबसे पहले गौशाला में पहुंचे और यहां गोधन की जी भर कर सेवा भी की । यहां गौशाला में ही कुछ लोगों के द्वारा राम भगत गोपाल को पहचान लिया गया और उसके साथ अपनी अपनी मोबाइल में सेल्फी भी कैद की गई । गौ सेवा करने के उपरांत राम भगत भोपाल अपने परिजनों के बीच पैतृक गांव के लिए रवाना हो गए।
राम गोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल को गुरुग्राम कोर्ट के एडिशनल सेशन जज डीएन भारद्वाज की अदालत के द्वारा शर्तों के साथ में जमानत मंजूर की गई है । रामगोपाल शर्मा की जमानत एक लाख के बांड की गारंटी के साथ ही माननीय न्यायधीश के द्वारा जमानत आदेश में लिखे गए तमाम दिशा निर्देशों का पालन करना भी राम गोपाल के अनिवार्य होगा । रामगोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल की जमानत की पैरवी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट लोकेश वशिष्ठ और सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अविनाश मिश्रा के द्वारा की गई । एडिशनल सेशन जज डीएन भारद्वाज की अदालत ने राम भगत गोपाल के पैरोकार के द्वारा उसकी जमानत के लिए विभिन्न मामलों का हवाला देते हुए अदालत से अनुरोध किया। इस अनुरोध को अदालत के द्वारा विभिन्न शर्तों के साथ में मंजूर कर लिया गया।
गौरतलब है कि बीती 4 जुलाई को हिंदू जागरण मंच पटौदी के तत्वाधान में स्थानीय रामलीला मैदान में ही लव जिहाद ,जमीन जिहाद, धर्मांतरण सहित सनातन संस्कृति के प्रसार प्रचार जैसे मुद्दों को लेकर महापंचायत आयोजित की गई । इसी महापंचायत के मंच से राम भगत भोपाल के द्वारा भी बेहद जोशीले अंदाज में अपना वक्तव्य दिया गया । इसी वक्त अव्य को भड़काऊ भाषण का आरोप लगाते हुए जमालपुर के ही रहने वाले दिनेश पुत्र प्रेम प्रकाश द्वारा अपराधिक मुकदमा पटौदी थााना में दर्ज करवाया गया । इसके उपरांत 12 जुलाई को पुलिस ने रामगोपाल को तलाश कर गिरफ्तार कर लिया और पटौदी कोर्ट में पेश किया गया , जहां से उसे कोर्ट के आदेशानुसार न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया। इसके उपरांत पटौदी की ही कोर्ट में राम भगत गोपाल की जमानत की याचिका लगाई गई , इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पटौदी की कोर्ट ने राम भगत गोपाल की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके उपरांत गुरुग्राम कोर्ट में एडिशनल सेशन जज डीएन भारद्वाज की अदालत में राम भगत गोपाल की जमानत याचिका रद्द किया जाने को चुनौती दी गई ।
रामगोपाल शर्मा के पैरोकार सीनियर एडवोकेट लोकेश वशिष्ठ और अविनाश मिश्रा के द्वारा गुरुग्राम सेशन कोर्ट में उसकी जमानत मंजूर किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए अनुरोध किया गया कि राम भगत गोपाल जमानत का हकदार है । एडवोकेट के द्वारा रखे गए कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एडिशनल सेशन जज डीएन भारद्वाज की अदालत के द्वारा राम भगत गोपाल को एक लाख रूपए बोंड की शर्त के साथ साथ अन्य विभिन्न प्रकार की कठोर शर्तों के प्रति बाध्य करते हुए उसकी जमानत को स्वीकार कर लिया ।
इसके उपरांत मंगलवार दिन ढ़ले रामगोपाल शर्मा उर्फ राम भगत भोपाल 23 दिन के बाद जमानत मंजूर होने के बाद भोंडसी जेल से बाहर निकले । इसके बाद वह सीधे एक विख्यात गौशाला में पहुंचे , यहां पर अल्पाहार लेने से पहले रामगोपाल उर्फ राम भगत भोपाल ने गोधन की जी भर कर सेवा भी की। इसी दौरान कुछ लोगों को भनक लग गई की राम भगत गोपाल यहां गौशाला में मौजूद है , इसके बाद में सिविल डिफेंस के एसएचओ गौ भक्त मोनू मानेसर , बोहड़ाकला गांव के रहने वाले बावनी के प्रधान राजेश चैहान , पहाड़ी गांव के पूर्व सरपंच नरेंद्र पहाड़ी सहित अन्य के द्वारा अपनी-अपनी सेल्फी भी मोबाइल में कैद की गई । राम गोपाल शर्मा उर्फ राम भगत गोपाल की जमानत याचिका स्वीकार होने तथा भोंडसी जेल से बाहर आने पर विभिन्न सामाजिक संगठनों सहित अन्य हिंदू संगठनों और सनातन अनुयायियों के द्वारा अपनी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रणाली सहित अदालतों पर पूरा विश्वास और भरोसा है । सभी ने उम्मीद जाहिर की है की पटौदी में आहूत महापंचायत प्रकरण में भी कानून के द्वारा रामगोपाल उर्फ राम भगत गोपाल को अवश्य न्याय प्राप्त होगा। 
Previous Post Next Post