मास्टर माईन्ड बीमा कम्पनी के क्लेम डिमार्टमेन्ट का पूर्व कर्मचारी

पोलिसी का फर्जी तरीके से क्लेम की वारदात को दिया अन्जाम

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। फर्जी तरीके से बैंक खाता खोलकर, मृत्यु प्रमाण-पत्र इत्यादि दस्तावेज तैयार करके धोखाधङी से बीमा पोलिसी का क्लेम करके रुपए ठगने की वारदात को अन्जाम देने के मामले में 04 आरोपियों को अपराध शाखा पालम विहार, गुरुग्राम की पुलिस टीम के द्वारा काबू किया गया है।

एसीपी क्राइम प्रीतपाल ने जानकारी देते बताया कि इस षङयन्त्र के मास्टर माईन्ड पहले बीमा कम्पनी के क्लेम डिमार्टमेन्ट में ही करते थे नौकरी, जिन्होनें अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से एक युवक की पोलिसी का फर्जी तरीके से क्लेम करने की वारदात को अंजाम दिया था।’

पुलिस अधिकारी के मुताबिक थाना डी.एल.एफ. सैक्टर-29, गुरुग्राम में दीपिका भल्ला पत्नी प्रशांत भल्ला निवासी मकान नंबर म्-8 /1 साउथ सिटी -1 गुरुग्राम के द्वारा इसके पति प्रशान्त भल्ला को फर्जी तरीके से मृत दिखाकर व फर्जी तरीके से उनका मृत्यु प्रमाण-पत्र व नोमिनी का फर्जी खाता खुलवाकर इसके पति द्वारा ली गई पी.एन.बी. मेट लाईफ इन्शोरेन्स की पोलिसी के क्लेम के लिए फर्जी तरीके से आवेदन करने के सम्बन्ध मे दी गई।

निरीक्षक जोगिन्द्र, प्रभारी अपराध शाखा पालम विहार, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए अपनी समझबुझ से उपरोक्त अभियोग में शिकायतकर्ता के पति की बीमा पोलिसी का फर्जी तरीके से क्लेम लेने की योजना रचने वाले मुख्य आरोपियों सहित 04 आरोपियों को पालम विहार, गुरुग्राम से काबू करने में बङी सफलता हासिल की हैः। आरोपियों की पहचान नीतीश कुमार पुत्र ओमप्रकाश निवासी मकान नंबर 10 गोपाल जी कॉलोनी गांव समालखा, नई दिल्ली, रजनीकांत कुमार पुत्र संतोष कुमार निवासी मकान नंबर 45 नानू विहार कालवाड रोड, जयपुर, दुर्गेश दुबे पुत्र द्वारका नाथ दुबे निवासी मकान नंबर 42 द्वारका बड़खल रोड बिजवासन, नई दिल्ली, नवल किशोर पुत्र सुभाष निवासी गाँव अहरोली हनुमांसी थाना कुशीनगर जिला गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के तौर पर की गई।
पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि आरोपी रजनीकान्त व दुर्गेश दुबे पहले बीमा कम्पनी के क्लेम डिपार्टमेंन्ट में काम करते थे और इन्हे क्लेम के प्रोसेस में क्या दस्तावेज चाहिए और क्लेम करने की पूर्ण जानकारी थी। इन्होनें उपरोक्त अभियोग में शिकायतकर्ता के पति की बीमा पॉलीसी की डिटेल भी इसी दौरान प्राप्त की था। इन दोनों ने अपने साथी नितीश कुमार के साथ मिलकर बीमा पॉलीसी के क्लेम में जरुरी सभी दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार किए व अपने साथी आरोपी नवल किशोर, जो एच.डी.एफ.सी. बैंक में खाता खोलने का काम करता है को फर्जी बैंक खाता खोलने के लिए तैयार किया। इस चारों ने अपने अन्य दो साथियों के साथ मिलकर ं शिकायतकर्ता के पति की पॉलीसी के क्लेम के लिए बीमा कम्पनी को आवेदन कर दिया, किन्तु बीमा कम्पनी के सर्वेयर द्वारा जब सर्वे की गई तो पोलीसी धारक जिन्दा पाया गया। उसके बाद इस मामले का खुलाशा हो गया। आरोपियों को अदालत के सम्मुख पेश करके पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर लिया जाएगा। पुलिस रिमाण्ड के दौरान आरोपियों से अन्य साथी आरोपियों व अन्य वारदातों के बारे में गहनता से पूछताछ करते हुए इनके द्वारा फर्जी तरीके से तैयार किए गए दस्तावेज इत्यादि इनकी निशानदेही पर बरामद किए जाएगें।


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