किसान आंदोलन को तोड़ने को बनाया संपत्ति क्षति वसूली विधेयक

संपत्ति क्षति वसूली विधेयक लोकतंत्र के लिए खतरनाक

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम ।
 संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष चैधरी संतोख सिंह ने बताया कि किसान आंदोलन के 146वें दिन किसान,मजदूर तथा गुरुग्राम के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रमुख व्यक्ति धरने पर बैठे। उन्होंने कहा कि संपत्ति क्षति वसूली विधेयक किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए बनाया गया है।उन्होंने बताया कि आज संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम तथा ट्रेड यूनियंस ने मिलकर संपत्ति क्षति वसूली विधेयक के विरोध में नायब तहसीलदार सुशील कुमार के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा तथा उपरोक्त विधेयक को रद्द करने की माँग की।

ट्रेड यूनियन काउंसिल के संयोजक अनिल पवार ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2021 में ऐसे खतरनाक प्रावधान हैं जो निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध होंगे। जनवादी महिला समिति की प्रदेशाध्यक्ष ऊषा सरोहा ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि संपत्ति क्षति वसूली विधेयक किसी भी आंदोलन के दौरान कहीं पर भी किसी भी द्वारा किए गए निजी या सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई आंदोलन करने वालों से की जाएगी जो कि सरासर गलत है।

धरने को संबोधित करते हुए नवनीत रोजखेडा ने कहा कि संपत्ति क्षति वसूली विधेयक लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।यह कानून आम आदमी की आवाज को दबाने के लिए बनाया गया है।उन्होने कहा कि किसान इस कानून की कड़ी निंदा और विरोध करते हैं। उन्होने कहा कि जनहित में यह कानून वापस ले लेना चाहिए। धरने पर बैठने वालों में डॉक्टर धर्मबीर राठी,बलवान सिंह दहिया,मनोज झाड़सा,योगेश्वर दहिया,योगेन्द्र सिंह समसपुर,अरुण शर्मा एडवोकेट,सतीश कुमार कादीपुर,पंजाब सिंह,फूल कुमार,मनीष मक्कड़,एस एल प्रजापति,विजय यादव,ईश्वर,कमलदीप,भारती देवी,,आकाशदीप,धर्मवीर झाड़सा तथा अन्य व्यक्ति शामिल हुए।

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