फैंसला लिया गया वापिस, दो घंटे बाद ही आया नया फरमान

कोरोना बचाव की गाइड लाईन श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम। भारतीय सनातन संस्कृति के मुताबिक चैत्र माह के नवरात्र से ही हिंदू नव वर्ष आरंभ होता है। नवरात्र के दौरान असंख्य सनातन अनुयायी और हिंदू 9 दिनों तक उपवास भी रखते हैं । हिंदू नव वर्ष सहित नवरात्र धर्म-कर्म और पुण्य के लिए श्रेष्ठ माना गया है । इसके साथ ही कोरोना कोविड-19 के एकाएक बढ़ते चले आ रहे मामलों को देखते हुए मंगलवार को एक बार तो सरकार के द्वारा यह घोषणा कर दी गई कि गुरुग्राम का प्रख्यात शीतला माता मंदिर आगामी आदेशों तक बंद रखा जाएगा । लेकिन कुछ ही घंटों के बाद सरकार के द्वारा अपने आदेशों में संशोधन करते हुए पहले जारी किए गए आदेश स्थगित कर दिए गए । यह घोषणा कर दी गई कि शीतला माता मंदिर के पट्ट श्रद्धालुओं के लिए खुले ही रहेंगे। लेकिन यहां आने वाले तमाम श्रद्धालुओं को कोरोना कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा।

कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए जहां दिल्ली में आगामी सोमवार तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई । वहीं दक्षिणी दिल्ली के साथ लगते गुरुग्राम में भी अतिरिक्त सावधानियां कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन ने बरतनी शुरु कर दी। नवरात्रों के दौरान शीतला माता मंदिर परिसर में चैत्र का मेला चल रहा है, जिसमें दूर-दराज से श्रद्धालु भी माता के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। बीते करीब एक पखवाड़े से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शीतला माता के दर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन सामाजिक दूरी सहित कोरोना गाईड लाईन का पालन करना भीड़ के कारण समस्या सहित चुनौती भी बन जाता है। ऐसे में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अचानक ही शीतला माता मंदिर को अगले आदेशों तक श्रद्धालुओं के लिए बंद कराने के आदेश जारी किए थे।  लेकिन कुछ ही समय के बाद  प्रदेश सरकार के द्वारा शीतला माता मंदिर को बंद कराने वाले आदेशों को वापिस लेते हुए शीतला माता मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए। अब इनका यहां पहुंचने वाले सभी लोगों के लिए पालन करना अनिवार्य होगा।

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