स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति ने राष्ट्रपति को भेजा पत्र

उत्तराधिकारी समिति और स्वतंत्रता सेनानी परिवारों का अपमान

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति गुरुग्राम की ओर से इस बात पर आपत्ति जताई गई है कि भारत सरकार द्वारा मनाए जाने वाले आजादी का अमृत महोत्सव के लिए बनाई गई समिति में एक भी सदस्य स्वतंत्रता सेनानियों, उनके संगठनों से नहीं लिया गया है। इसे लेकर स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अधिकार अनुरोध पत्र भेजा है। यह पत्र शुक्रवार को जिला उपायुक्त को सौंपा गया।

स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति के अध्यक्ष कपूर सिंह दलाल, उपाध्यक्ष रोशन लाल यादव, महासचिव सूबेदार बिजेंद्र सिंह ठाकरान, महासचिव विरेंद्र कुमार यादव, खजांची लेखराज राघव की ओर से राष्ट्रपति के नाम भेजे गए पत्र में कहा गया है कि केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उच्च अधिकारियों की उपेक्षा की जा रही है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने को जो समिति गठित की गई है, उस समिति के किसी भी सदस्य ने हमारी समिति या परिवारों से कोई संपर्क नहीं किया। यह सीधे तौर पर स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों का अपमान है। सभी सरकारों द्वारा की गई इस तरह की उपेक्षा से निराश और नाराज हैं। समिति की ओर से कुछ सुझाव भी इस ज्ञापन में दिए गए हैं।

जिसमें कहा गया है कि स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के लिए स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समिति हरियाणा चंडीगढ़ का पुनर्गठन किया जाए। हरियाणा राज्य के सभी स्वतंत्रता सेनानियों एवं आईएनए के शहीदों का गजट नोटिफिकेशन होना चाहिए। साथ ही इंडिया गेट पर जो नेशनल वार मेमोरियल बना हुआ है, उसी के साथ वाली जमीन पर देश के सभी स्वतंत्रता सेनानियों का एक स्वतंत्रता सेनानी राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए और महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद बोस की भव्य प्रतिमा लगाई जाए। स्वतंत्रता सेनानी परिवार आयोग का गठन भी किया जाए। स्वतंत्रता सेनानी एवं शहीदों की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि हमारी पीढियां उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें। इस मौके पर शहीद भगत सिंह ब्रिगेड के अध्यक्ष अभय जैन एडवोकेट, प्रभारी अत्तर सिंह संधू के अलावा वेदप्रकाश रामपुरा, मास्टर मातादीन यादव, रामचंद्र, राजकुमार, बीर सिंह राघव, महीपाल ङ्क्षसह खांडसा, सुरेंद्र ङ्क्षसह खांडसा, सतवीर ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे।


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