क्या सैफ अली खान का दिल इतना छोटा की अपने गृह छेत्र की चिंता नहीं
पटौदी क्षेत्र में जरूरत है शुद्ध पर्यावरण में मौजूद एक क्वारंटाइन सेंटर की
बीते वर्ष सैफ अली खान ने 50-100 खाने के पैकेट बंटवा बटोरी सुर्खियां
फतह सिंह उजाला
पटौदी । जिस समय जिला गुरुग्राम , राज्य और देश की जनता कोरोना कॉविड 19 के आतंक के बीच स्वस्थ होने की जद्दोजहद कर रही है । ऐसे में लाख टके का सवाल यही है कि पटौदी के कथित 10वंे नवाब सैफ अली खान का उनके ही पैतृक शहर मैं पैतृक आवास इब्राहिम पैलेस पाटौदी महल आखिर किस काम आएगा ! बीते वर्ष इन्हीं दिनों में कोरोना संकट के दौरान सैफ अली खान के द्वारा कुछ पैकेट खाने के बंटवाकर सुर्खियां बटोरने का काम किया गया ।
इसके अतिरिक्त महामारी के संकट जैसे दौर में 500 करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक कहे जाने वाले सैफ अली खान का क्या दिल इतना छोटा है कि आज एक बार फिर जब सिटी से बाहर पटौदी का इलाका कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी के दौर से गुजरते हुए आम जनमानस स्वस्थ होने की जद्दोजहद में है , तो क्या सैफ अली खान को अपने बड़े दिल का परिचय कराते हुए करीब 120 कमरों वाले अपने पटौदी महल को स्वेच्छा से कोरोना कॉविड 19 से संक्रमित अथवा पीड़ितों की सुविधा के लिए खुशी-खुशी उपलब्ध नहीं करवा देना चाहिए। या फिर सैफ अली खान का दायरा और हाथ केवल मात्र कुछ खाने के पैकेट बांटने तक ही आगे बढ़ने में सक्षम है ! आज के समय में कोरोना कॉविड 19 जैसी बेकाबू होती जा रही महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस बात को लेकर भी कथित रूप से चिंतित है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना कॉविड 19 संक्रमित लोगों के परिजनों को भी यह डर सताता रहता है कि कहीं वह भी इसकी चपेट में नहीं आ जाए । बीते वर्ष जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पटौदी के पाथ फाइंडर स्कूल और बेस्ट अकैडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया था। प्रबुद्ध लोगों सहित कई चिकित्सकों का भी मानना है कि यदि स्कूलों को कोविड-19 के संक्रमित लोगों को रखने के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया भी जाता है तो यहां भविष्य में पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों अथवा छात्रों के स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखा जाना बहुत जरूरी है ।
गौरतलब है कि बीते 1 वर्ष के दौरान ही सैफ अली खान अभिनीत वेब सीरीज तांडव की पटौदी महल में ही सैकड़ों लोगों को बुलाकर शूटिंग की गई । उस समय भी कोरोना कोविड-19 कथित रूप से पूरी तरह समाप्त नहीं हो सका था । लेकिन फिर भी 120 कमरों वाले पटौदी महल के साथ साथ यहां खुले परिसर में कई दिनों तक लगातार तांडव वेब सीरीज की शूटिंग की गई । सूत्रों के मुताबिक तांडव वेब सीरीज के अलावा भी कुछ माह पहले भी पटौदी महल में ही करीब 10 से 12 दिन तक शूटिंग की गई । बीते कुछ माह पहले जब सैफ अली खान पटौदी महल में पहुंचे थे तो यहां करीब 1 माह तक रहे और करीना कपूर दिल्ली में शूटिंग के लिए प्रतिदिन पटौदी महल से ही अप डाउन करती रही । इसके बाद में सैफ और करीना यहां से रवाना हो गए ।
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन होटल गेस्ट हाउस इत्यादि से टाइप करके कोरोना कोविड-19 पीड़ितों के उपचार के लिए बेड की संख्या बढ़ाने के लिए मशक्कत कर रहा है । वही कुछ ऐसी भी संस्थाएं सामने आई है जिन्होंने अपने धर्मशाला, वेयरहाउस, आवास, गेस्ट हाउस इत्यादि को अस्थाई अस्पताल बनाने के साथ-साथ क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए बड़ा दिल दिखाया है । आज के हालात में सिटी से बाहर सैफ अली खान के पैतृक शहर पटौदी क्षेत्र में कोरोना कोविड-19 पूरी तरह से बेकाबू होते हुए प्रचंड रूप धारण किए हुए हैं । शायद ही कोई गांव ऐसा होगा जहां पर कोरोना कॉविड 19 के पीड़ित मौजूद नहीं हो । जांच के बाद जो भी व्यक्ति अथवा ग्रामीण पॉजिटिव पाया जाता है ,उसे होम क्वारंटाइन के लिए निर्देश दिए जाते हैं । ऐसे में होम क्वारंटाइन किए जाने वाले पीड़ितों पर निगरानी रखना भी एक बड़ी समस्या बन जाती है ।
पटौदी क्षेत्र के विभिन्न बुद्धिजीवियों और चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों का मानना है कि पटौदी के नवाब का तमगा लगाए सैफ अली खान को अपने बड़े दिल का परिचय कराते हुए अपने ही गृह क्षेत्र के लोगों के जीवन को स्वस्थ बनाने की दिशा में तत्काल पहल करते हुए अपने महल के दरवाजे अविलंब खोलकर जिला स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को अपनी उदारता का परिचय कराना चाहिए। क्योंकि सैफ अली खान का पटौदी महल कहलाए जाने वाला भवन बिल्कुल अलग है और सैफ अली खान के परिवार के रहने के लिए महल से अलग आवासीय क्षेत्र बना हुआ है । दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि 120 कमरों वाला महल और इसके आसपास कई एकड़ में मनभावन हरियाली ,शुद्ध पर्यावरण और ताजा हवा भी उपलब्ध करवाती है । यही वह सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं जो कि आज विशेष रुप से ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे या परेशानी महसूस कर रहे कोरोना कॉविड 19 के पीड़ितों के लिए जरूरी भी है। बहरहाल अब देखना यही है कि पटौदी के नवाब कहलाने वाले सैफ अली खान इस आपदा के समय में अपने बड़े दिल का परिचय करवाते हैं या फिर इस आलीशान भव्य पटौदी महल को अपने पिकनिक सहित मस्ती करने कराने के स्थान के रूप में आंख बंदकर छोटे दिल वाले साबित होंगे।
पटौदी क्षेत्र में जरूरत है शुद्ध पर्यावरण में मौजूद एक क्वारंटाइन सेंटर की
बीते वर्ष सैफ अली खान ने 50-100 खाने के पैकेट बंटवा बटोरी सुर्खियां
फतह सिंह उजाला
पटौदी । जिस समय जिला गुरुग्राम , राज्य और देश की जनता कोरोना कॉविड 19 के आतंक के बीच स्वस्थ होने की जद्दोजहद कर रही है । ऐसे में लाख टके का सवाल यही है कि पटौदी के कथित 10वंे नवाब सैफ अली खान का उनके ही पैतृक शहर मैं पैतृक आवास इब्राहिम पैलेस पाटौदी महल आखिर किस काम आएगा ! बीते वर्ष इन्हीं दिनों में कोरोना संकट के दौरान सैफ अली खान के द्वारा कुछ पैकेट खाने के बंटवाकर सुर्खियां बटोरने का काम किया गया ।
इसके अतिरिक्त महामारी के संकट जैसे दौर में 500 करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक कहे जाने वाले सैफ अली खान का क्या दिल इतना छोटा है कि आज एक बार फिर जब सिटी से बाहर पटौदी का इलाका कोरोना कॉविड 19 जैसी महामारी के दौर से गुजरते हुए आम जनमानस स्वस्थ होने की जद्दोजहद में है , तो क्या सैफ अली खान को अपने बड़े दिल का परिचय कराते हुए करीब 120 कमरों वाले अपने पटौदी महल को स्वेच्छा से कोरोना कॉविड 19 से संक्रमित अथवा पीड़ितों की सुविधा के लिए खुशी-खुशी उपलब्ध नहीं करवा देना चाहिए। या फिर सैफ अली खान का दायरा और हाथ केवल मात्र कुछ खाने के पैकेट बांटने तक ही आगे बढ़ने में सक्षम है ! आज के समय में कोरोना कॉविड 19 जैसी बेकाबू होती जा रही महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस बात को लेकर भी कथित रूप से चिंतित है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना कॉविड 19 संक्रमित लोगों के परिजनों को भी यह डर सताता रहता है कि कहीं वह भी इसकी चपेट में नहीं आ जाए । बीते वर्ष जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पटौदी के पाथ फाइंडर स्कूल और बेस्ट अकैडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल को क्वारंटाइन सेंटर बना दिया गया था। प्रबुद्ध लोगों सहित कई चिकित्सकों का भी मानना है कि यदि स्कूलों को कोविड-19 के संक्रमित लोगों को रखने के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाया भी जाता है तो यहां भविष्य में पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों अथवा छात्रों के स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखा जाना बहुत जरूरी है ।
गौरतलब है कि बीते 1 वर्ष के दौरान ही सैफ अली खान अभिनीत वेब सीरीज तांडव की पटौदी महल में ही सैकड़ों लोगों को बुलाकर शूटिंग की गई । उस समय भी कोरोना कोविड-19 कथित रूप से पूरी तरह समाप्त नहीं हो सका था । लेकिन फिर भी 120 कमरों वाले पटौदी महल के साथ साथ यहां खुले परिसर में कई दिनों तक लगातार तांडव वेब सीरीज की शूटिंग की गई । सूत्रों के मुताबिक तांडव वेब सीरीज के अलावा भी कुछ माह पहले भी पटौदी महल में ही करीब 10 से 12 दिन तक शूटिंग की गई । बीते कुछ माह पहले जब सैफ अली खान पटौदी महल में पहुंचे थे तो यहां करीब 1 माह तक रहे और करीना कपूर दिल्ली में शूटिंग के लिए प्रतिदिन पटौदी महल से ही अप डाउन करती रही । इसके बाद में सैफ और करीना यहां से रवाना हो गए ।
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन होटल गेस्ट हाउस इत्यादि से टाइप करके कोरोना कोविड-19 पीड़ितों के उपचार के लिए बेड की संख्या बढ़ाने के लिए मशक्कत कर रहा है । वही कुछ ऐसी भी संस्थाएं सामने आई है जिन्होंने अपने धर्मशाला, वेयरहाउस, आवास, गेस्ट हाउस इत्यादि को अस्थाई अस्पताल बनाने के साथ-साथ क्वारंटाइन सेंटर बनाने के लिए बड़ा दिल दिखाया है । आज के हालात में सिटी से बाहर सैफ अली खान के पैतृक शहर पटौदी क्षेत्र में कोरोना कोविड-19 पूरी तरह से बेकाबू होते हुए प्रचंड रूप धारण किए हुए हैं । शायद ही कोई गांव ऐसा होगा जहां पर कोरोना कॉविड 19 के पीड़ित मौजूद नहीं हो । जांच के बाद जो भी व्यक्ति अथवा ग्रामीण पॉजिटिव पाया जाता है ,उसे होम क्वारंटाइन के लिए निर्देश दिए जाते हैं । ऐसे में होम क्वारंटाइन किए जाने वाले पीड़ितों पर निगरानी रखना भी एक बड़ी समस्या बन जाती है ।
पटौदी क्षेत्र के विभिन्न बुद्धिजीवियों और चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों का मानना है कि पटौदी के नवाब का तमगा लगाए सैफ अली खान को अपने बड़े दिल का परिचय कराते हुए अपने ही गृह क्षेत्र के लोगों के जीवन को स्वस्थ बनाने की दिशा में तत्काल पहल करते हुए अपने महल के दरवाजे अविलंब खोलकर जिला स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को अपनी उदारता का परिचय कराना चाहिए। क्योंकि सैफ अली खान का पटौदी महल कहलाए जाने वाला भवन बिल्कुल अलग है और सैफ अली खान के परिवार के रहने के लिए महल से अलग आवासीय क्षेत्र बना हुआ है । दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि 120 कमरों वाला महल और इसके आसपास कई एकड़ में मनभावन हरियाली ,शुद्ध पर्यावरण और ताजा हवा भी उपलब्ध करवाती है । यही वह सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं जो कि आज विशेष रुप से ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे या परेशानी महसूस कर रहे कोरोना कॉविड 19 के पीड़ितों के लिए जरूरी भी है। बहरहाल अब देखना यही है कि पटौदी के नवाब कहलाने वाले सैफ अली खान इस आपदा के समय में अपने बड़े दिल का परिचय करवाते हैं या फिर इस आलीशान भव्य पटौदी महल को अपने पिकनिक सहित मस्ती करने कराने के स्थान के रूप में आंख बंदकर छोटे दिल वाले साबित होंगे।