आगामी 10-15 वर्षों में भारत देश पर इस्लाम का कब्जा हो जाएगा

संगठित हो रेडिकल इस्लामिक जिहाद के विरुद्ध धर्म युद्ध लड़़ना पड़ेगा

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम/पटौदी। 
 आज रेडिकल इस्लामिक जिहाद से पूरे विश्व मानवता को भयंकर खतरा पैदा हो गया है । इस्लाम के निशाने पर केवल सनातन धर्म ही नहीं, अपितु समस्त गैर इस्लामिक विचारधारा के लोग हैं । यदि समय रहते सभी ने मिलकर इसका प्रतिकार नहीं किया तो 10-15 वर्षों में भारत पर इस्लाम का कब्जा हो जाएगा । यह बात काशी सुमेरु पीठाधीश्वर यति सम्राट अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज ने एनसीआर के शिव शक्ति धाम डासना, गाजियाबाद (यूपी) के परिसर में “ विश्व सनातन संसद “ का शिलान्यास अपने हाथों से किया जाने के उपरांत मौजूद सनातनियों सहित हिंदू धर्मावलबिंयों के बीच कही।

शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द ने सनातन संस्कृति के अनुयायियों का आहवान और सचेत करते कहा कि यदि ऐसा हुआ तो इस्लामिक भारत पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ा खतरा बन जाएगा।  उन्होंने कहा कि इसलिए गैर इस्लामिक विचारधारा के लोगों को संगठित होकर रेडिकल इस्लामिक जिहाद के विरुद्ध धर्म युद्ध लड़़ना ही पड़ेगा । हिन्दुओं के पास एक-दो लाख के मोबाइल तो होते हैं, लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए एक लाठी तक नहीं होती । इसलिए अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक हिन्दू के पास कोई न कोई अस्त्र-शस्त्र होना ही चाहिए । पूज्य शंकराचार्य नरेन्द्रानन्द ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में बच्चों को प्राथमिक सैन्य प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, यह समय की जरूरत और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए बहुत जरूरी भी है ।

शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द ने कहा कि आज के समय में मौजूद सभी साधु, संत, सन्यासी, सहित भगवान राम के प्रति आस्थावान-समर्पित प्रत्येक इंसान की जीवन धन्य है कि, उनके जीते-जी ही भगवान राम के भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। सही मायने में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम के द्वारा ही हिंदूत्व और मानव जीवन की मर्यादा का अनंतकाल के लिए बीजारोपण किया गया।

अधिवेशन में सबसे पहले यति नरसिंहानन्द सरस्वती जी ने विस्तार से रेडिकल इस्लामिक जिहाद की गुप्त योजना और उसके दुष्परिणाम पर अपने विचार विस्तार के साथ में रखे । यहां पर पूरे देश के गैर इस्लामिक (हिन्दू, जैन, सिख, यहूदी, इसाई इत्यादि) धर्माचार्यों की सहभागिता रही। यह कार्यक्रम काशी सुमेरु पीठाधीश्वर यति सम्राट अनन्त श्री विभूषित पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज की अध्यक्षता में सम्पन्न किया गया। शिलान्यास अधिवेशन मे पूज्य शंकराचार्य भगवान के सहित सनातन हिन्दू धर्म से स्वामी दीपांकर जी महाराज, आध्यात्मिक गुरू श्री पवन सिन्हा , जैन धर्म के आचार्य डा लोकेश, डा ए के मर्चेण्ट , इसाई धर्म गुरू टीटू पीटर , कन्याकुमारी से कैप्टन एम शिवा, श्री रवि प्रकाश शर्मा , जैन धर्म के सरदार ओंकार सिंह नरूला सहित अनेकों धर्माचार्यों ने अपने विचार प्रस्तुत किये । पूरे कार्यक्रम का संचालन वीर चक्र विजेता कर्नल टी पी त्यागी के द्वारा किया गया।

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