मातृभूमि के लिए शहीद होने वाले के लिए स्वर्ग से श्रेष्ठ स्थान नहीं
एक सैनिक मरने के बाद भी अनंतकाल के लिए अमर रहता
सैनिक का पद, रैंक मरणोपरांत भी उसके साथ ही जाते
फतह सिंह उजाला
पटौदी। गांव रणसिका के निवासी युवा शहीद (22 वर्ष) कैप्टन कपिल कुंडू के तृतीय बलिदान दिवस के मौके पर बिग्रेडियर करतार सिंह ने कहा कि, सैनिक के जैसा सेवक, सर्वेंट और सपूत कोई अन्य नहीं हो सकता है। क्वालिटी आॅफ लाइफ, सेना के अलावा कहीं भी नहीं है। भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा है कि, मातृभूमि के लिए शहीद होने वाले के लिए स्वर्ग से श्रेष्ठ स्थान नहीं है। स्वर्ग भी शहीदों के आगमन से धन्य हो जाता है। मरते तो सभी है लेकिन मौत आए भी तो एक सैनिक की तरह से ही गले लगानी चाहिये। एक सैनिक मरने के बाद भी अनंतकाल के लिए अमर रहता है। सविंधान का आर्टिकल 18 भी यही कहता है कि, सैनिक का पद, रैंक मरणोपरांत भी उसके साथ ही जाते हैं। उन्होंने गैर सैनिकों का आहवान किया कि, सैनिक का सदैव सम्मान करना चाहिये।
उन्होंने कहा आज के हालात में देश को दुश्मन से अधिक खतरा विघटनकारी ताकतों से ही है। दुश्मन को तो बार्डर पर पहचान कर रोक सकते हैं, लेकिन देश में छिपे दुश्मनों को पहचानना अधिक मुश्किल हो रहा है। भाईचारा बिगाड़ने और वैमन्सय फैलाने वालों से बचकर ही रहें। ऐसे लोग दुश्मन से भी कही अधिक खतरनाक हो सकते हैं। बिग्रेडियर करतार सिंह गुरूवार को शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के बलिदान दिवस के मौके पर बोल रहे थे। इससे पहले रणसिका आगमन पर शहीद के स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करने के साथ ही शहीद कपिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके साथ में शहीद की माता सुनीता कुंडू, टेसवा के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार, कंवर सिंह, पूर्व सरपंच तारीफ कुंडू , पूर्व एमएलए बिमला चैधरी, संदीप कुंडू, चेयरमैन राकेश यादव, बिजेंद्र सरपंच, विक्रम ठेकेदार, कर्नल रोशन लाल सहित अन्य भी मौजूद थे। बलिदान दिवस कार्यक्रम का आरंभ शहीद कुंडू के चित्र पर पुष्प अर्पित करने व दीप प्रज्जवलन सहित तिरंगा झंडा फहराकर किया गया।
बिग्रेडियर सिंह ने कहा कि कैसे भी हालात हो, हमें सबसे पहले देश की रक्षा खासकर आंतरिक सुरक्षा करनी है। देश की रक्षा करने के लिए हमें बार्डर पर जाने की जरूरत नहीं, वहां पर सैनिक रक्षा के लिए मुस्तैद हो रक्षा कर रहे हैं लेकिन जो देश के अंदर हमारे दुश्मन बैठे हैं उनसे देश को बचाना है। ये दुश्मन बेहद जहरीली विचारधारा के साथ हमारा भाईचारा बिगाड़ना चाहते हैं, वैमन्सय पैदा कर रहे हैं। हमें ऐसे ही दुश्मनों से बचकर इनको निपटाना होगा। प्रत्येक नागरिक अपने सामर्थ और सोच के साथ देश की रक्षा और एकजुटता के लिए सहयोग कर सकता है। उन्होंने कहा कि, 22 वर्ष के युवा शहीद कैप्टन कपिल कुंडू की शहादत और सर्वोच्च बलिदान से हमें यह सीख लेनी होगी कि, कुछ भी हो जाए हमें अपने आसपास के माहौल को किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं देना है। यही संकल्प ही शहीद कुंडू को हमारी सच्ची श्रद्धाजंलि होगी। उन्होंने कहा कि फौज में हिंदू-मुसलमान नहीं होते, फौज में केवल हिंदूस्तानी ही होते हैं। किसी भी प्रकार का धर्म, वर्ग, जातीय भेेदभाव नहीं होता है। दिनभर फौजी अपनी-अपनी डयूटी करते हैं और सायं को सभी एक साथ ही बैठते हैं, भोजन लेते हैं। उन्होंने कहा कि, फौैज-सेना एक ऐसा संगठन अथवा संस्था है जहां पर सबसे अधिक भाईचारा आज भी बरकरार है। इसी अनुशासन, इसी बात और शिक्षा को हम अपने दैनिक जीवन में आत्मसात कर लें तो यही युवा शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के लिए श्रद्धांजलि हो सकती है।
युवा और युवतियां ही भारत का भविष्य
समारोह में शहीद की माता श्रीमति सुनिता कुंडू और पूर्व एमएलए बिमला ने कहा कि शहीद कपिल कुंडू के स्मारक परिसर में मौजूद सभी युवा और युवतियां ही भारत के भविष्य की पीढ़ी है, शहीदों को इसी लिये याद किया जाता है कि, युवा वर्ग को देश प्रेम की शिक्षा और शहीदों के द्वारा दुश्मन से संघर्ष सहित सबक सिखाते हुए दिये गए बलिदान से प्रेरणा मिले। उन्होंने कहा कि, दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल और इसमें भी पटौदी क्षेत्र पर पूरे देश को गर्व है कि, कोई भी युद्ध हुआ, यहां के वीर सपूतों ने सबसे अधिक अपना बलिदान दिया है। तारीफ कुंडू ने कहा कि , युवा वर्ग शहीद कुंडू के इन शब्दों पर अमल कर आत्मसात करें कि, जिंदगी छोटी नहीं , बड़ी होनी चाहिये। कपिल ने छोटी उम्र में ही , आने वाली युवा पीढ़ी को बहुत कुछ दे दिया है। समाज को देश को आज के युवाओं से भविष्य के लिए बहुत उम्मीदे हैं।
देश भक्ति का बना जाशीला माहौल
युवा शहीद कपिल कुंडू के द्वारा लिखी गई एक कविता शहीद की भांजी ख्वाहिश ने जब मंच से पढ़कर सुनाया तो एक बारगी माहौल गमगीन हुआ, लेकिन जोशीले शब्दों के उच्चारण के साथ-साथ पूरा वातावरण देश भक्ति से परिपूर्ण और जोशीला बन गया। यहां पहुंचे आसपास के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं के द्वारा देश भक्ति से भरपूर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य नाटिका, नाटक, एकल गीत, समुह नृत्य प्रस्तुत किये गए। सैनिक ड्रैस में छात्रों के द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम ने यहां पहंचे सैन्य अतिथि अधिकारियों सहित सहपाठियों और ग्रामींणों को मंत्रमुग्द्ध कर दिया। युवा शहीद कुंडू के बलिदान दिवस समारोह के मौके पर टेसवा के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार, नायक संजय कुंडू, कैप्टन कंवर सिंह, कैप्टन परमानंद, लीला शर्मा, कैप्टन बिजेंद्र सिंह, अनूप कुमार, शहीद की माता सुनीता कुंडू, पूर्व सरपंच तारीफ कुंडू, मेजबान सरपंच मीना कुमरी, सूबेदार जय नारायण, खेमराम, शहीद कुंडू की बहनें सोनिया, काजल , शिवचरण, एफएस सैनी सहित आसपास के गांवों व स्कूलों के संचालक, अध्यापक भी मौजूद रहे।
एक सैनिक मरने के बाद भी अनंतकाल के लिए अमर रहता
सैनिक का पद, रैंक मरणोपरांत भी उसके साथ ही जाते
फतह सिंह उजाला
पटौदी। गांव रणसिका के निवासी युवा शहीद (22 वर्ष) कैप्टन कपिल कुंडू के तृतीय बलिदान दिवस के मौके पर बिग्रेडियर करतार सिंह ने कहा कि, सैनिक के जैसा सेवक, सर्वेंट और सपूत कोई अन्य नहीं हो सकता है। क्वालिटी आॅफ लाइफ, सेना के अलावा कहीं भी नहीं है। भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा है कि, मातृभूमि के लिए शहीद होने वाले के लिए स्वर्ग से श्रेष्ठ स्थान नहीं है। स्वर्ग भी शहीदों के आगमन से धन्य हो जाता है। मरते तो सभी है लेकिन मौत आए भी तो एक सैनिक की तरह से ही गले लगानी चाहिये। एक सैनिक मरने के बाद भी अनंतकाल के लिए अमर रहता है। सविंधान का आर्टिकल 18 भी यही कहता है कि, सैनिक का पद, रैंक मरणोपरांत भी उसके साथ ही जाते हैं। उन्होंने गैर सैनिकों का आहवान किया कि, सैनिक का सदैव सम्मान करना चाहिये।
उन्होंने कहा आज के हालात में देश को दुश्मन से अधिक खतरा विघटनकारी ताकतों से ही है। दुश्मन को तो बार्डर पर पहचान कर रोक सकते हैं, लेकिन देश में छिपे दुश्मनों को पहचानना अधिक मुश्किल हो रहा है। भाईचारा बिगाड़ने और वैमन्सय फैलाने वालों से बचकर ही रहें। ऐसे लोग दुश्मन से भी कही अधिक खतरनाक हो सकते हैं। बिग्रेडियर करतार सिंह गुरूवार को शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के बलिदान दिवस के मौके पर बोल रहे थे। इससे पहले रणसिका आगमन पर शहीद के स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करने के साथ ही शहीद कपिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके साथ में शहीद की माता सुनीता कुंडू, टेसवा के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार, कंवर सिंह, पूर्व सरपंच तारीफ कुंडू , पूर्व एमएलए बिमला चैधरी, संदीप कुंडू, चेयरमैन राकेश यादव, बिजेंद्र सरपंच, विक्रम ठेकेदार, कर्नल रोशन लाल सहित अन्य भी मौजूद थे। बलिदान दिवस कार्यक्रम का आरंभ शहीद कुंडू के चित्र पर पुष्प अर्पित करने व दीप प्रज्जवलन सहित तिरंगा झंडा फहराकर किया गया।
बिग्रेडियर सिंह ने कहा कि कैसे भी हालात हो, हमें सबसे पहले देश की रक्षा खासकर आंतरिक सुरक्षा करनी है। देश की रक्षा करने के लिए हमें बार्डर पर जाने की जरूरत नहीं, वहां पर सैनिक रक्षा के लिए मुस्तैद हो रक्षा कर रहे हैं लेकिन जो देश के अंदर हमारे दुश्मन बैठे हैं उनसे देश को बचाना है। ये दुश्मन बेहद जहरीली विचारधारा के साथ हमारा भाईचारा बिगाड़ना चाहते हैं, वैमन्सय पैदा कर रहे हैं। हमें ऐसे ही दुश्मनों से बचकर इनको निपटाना होगा। प्रत्येक नागरिक अपने सामर्थ और सोच के साथ देश की रक्षा और एकजुटता के लिए सहयोग कर सकता है। उन्होंने कहा कि, 22 वर्ष के युवा शहीद कैप्टन कपिल कुंडू की शहादत और सर्वोच्च बलिदान से हमें यह सीख लेनी होगी कि, कुछ भी हो जाए हमें अपने आसपास के माहौल को किसी भी सूरत में बिगड़ने नहीं देना है। यही संकल्प ही शहीद कुंडू को हमारी सच्ची श्रद्धाजंलि होगी। उन्होंने कहा कि फौज में हिंदू-मुसलमान नहीं होते, फौज में केवल हिंदूस्तानी ही होते हैं। किसी भी प्रकार का धर्म, वर्ग, जातीय भेेदभाव नहीं होता है। दिनभर फौजी अपनी-अपनी डयूटी करते हैं और सायं को सभी एक साथ ही बैठते हैं, भोजन लेते हैं। उन्होंने कहा कि, फौैज-सेना एक ऐसा संगठन अथवा संस्था है जहां पर सबसे अधिक भाईचारा आज भी बरकरार है। इसी अनुशासन, इसी बात और शिक्षा को हम अपने दैनिक जीवन में आत्मसात कर लें तो यही युवा शहीद कैप्टन कपिल कुंडू के लिए श्रद्धांजलि हो सकती है।
युवा और युवतियां ही भारत का भविष्य
समारोह में शहीद की माता श्रीमति सुनिता कुंडू और पूर्व एमएलए बिमला ने कहा कि शहीद कपिल कुंडू के स्मारक परिसर में मौजूद सभी युवा और युवतियां ही भारत के भविष्य की पीढ़ी है, शहीदों को इसी लिये याद किया जाता है कि, युवा वर्ग को देश प्रेम की शिक्षा और शहीदों के द्वारा दुश्मन से संघर्ष सहित सबक सिखाते हुए दिये गए बलिदान से प्रेरणा मिले। उन्होंने कहा कि, दक्षिणी हरियाणा अहीरवाल और इसमें भी पटौदी क्षेत्र पर पूरे देश को गर्व है कि, कोई भी युद्ध हुआ, यहां के वीर सपूतों ने सबसे अधिक अपना बलिदान दिया है। तारीफ कुंडू ने कहा कि , युवा वर्ग शहीद कुंडू के इन शब्दों पर अमल कर आत्मसात करें कि, जिंदगी छोटी नहीं , बड़ी होनी चाहिये। कपिल ने छोटी उम्र में ही , आने वाली युवा पीढ़ी को बहुत कुछ दे दिया है। समाज को देश को आज के युवाओं से भविष्य के लिए बहुत उम्मीदे हैं।
देश भक्ति का बना जाशीला माहौल
युवा शहीद कपिल कुंडू के द्वारा लिखी गई एक कविता शहीद की भांजी ख्वाहिश ने जब मंच से पढ़कर सुनाया तो एक बारगी माहौल गमगीन हुआ, लेकिन जोशीले शब्दों के उच्चारण के साथ-साथ पूरा वातावरण देश भक्ति से परिपूर्ण और जोशीला बन गया। यहां पहुंचे आसपास के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं के द्वारा देश भक्ति से भरपूर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य नाटिका, नाटक, एकल गीत, समुह नृत्य प्रस्तुत किये गए। सैनिक ड्रैस में छात्रों के द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम ने यहां पहंचे सैन्य अतिथि अधिकारियों सहित सहपाठियों और ग्रामींणों को मंत्रमुग्द्ध कर दिया। युवा शहीद कुंडू के बलिदान दिवस समारोह के मौके पर टेसवा के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार, नायक संजय कुंडू, कैप्टन कंवर सिंह, कैप्टन परमानंद, लीला शर्मा, कैप्टन बिजेंद्र सिंह, अनूप कुमार, शहीद की माता सुनीता कुंडू, पूर्व सरपंच तारीफ कुंडू, मेजबान सरपंच मीना कुमरी, सूबेदार जय नारायण, खेमराम, शहीद कुंडू की बहनें सोनिया, काजल , शिवचरण, एफएस सैनी सहित आसपास के गांवों व स्कूलों के संचालक, अध्यापक भी मौजूद रहे।