राष्ट्रीय आपदा काल में की गई तोड़फोड़ पर बड़ा सवाल
पीड़ितों का आरोप अधिकारियों के द्वारा दिखाई गई दबंगई
फतह सिंह उजाला
पटोरी । विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के बीच अभी भी देश में राष्ट्रीय आपदा काल को केंद्र सरकार के द्वारा निरस्त नहीं किया गया है । इसी बीच पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ा कला में अवैध निर्माण के आरोप में की गई तोड़फोड़ को लेकर डिस्टिक टाउन प्लानर इंफोर्समेंट विंग और अधिकारी कटघरे में आ गए हैं ? इस मामले में कुछ सवाल ऐसे हैं कि संबंधित विभाग और इन के वरिष्ठ अधिकारी भी शायद ही जवाब नहीं दे सकेंगे, सीधे-सीधे शब्दों में सवालों का जवाब ही नहीं होगा ?
बीते सप्ताह बोहड़ाकला गांव में अलग-अलग दो स्थानों पर अवैध कॉलोनी के आरोप में कुल 5 मकानों को निशाना बनाया गया । जिन लोगों के मकानों को निशाना बनाया गया उनमें 2 एक्स सर्विसमैन अर्थात पूर्व सैनिक हैं , एक महिला है वह दो अन्य लोग शामिल हैं । इस मामले में संबंधित विभाग के अधिकारियों के द्वारा मकानों को जिस प्रकार जेसीबी से घेरकर तोड़फोड़ करने के आरोप लगाए गए हैं और मौके की जो भी वीडियो सामने आई है , उन्हें देखकर ऐसा लगता है की डिस्टिक टाउन प्लानर अधिकारी किसी दुश्मन देश के नागरिकों या फिर आतंकवादियों के ठिकानों को नेस्तरबूद करने का कारनामा अंजाम दे रहे थे ? यहां लाख टके का सवाल यह है कि जब जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी, राजस्व रिकॉर्ड में दाखिल खारिज भी चढ़ चुका है और इसकी एवज में सरकार के साथ-साथ राजस्व विभाग राजस्व भी वसूल कर चुका है तो वह खरीदी गई जमीन और वहां पर बनाए गए मकान आवास क्या अवैध कहे जा सकते हैं ?
डिस्टिक टाउन प्लानर इंफोर्समेंट विंग के संबंधित अधिकारी के द्वारा एक मकान को ही 3-3 जेसीबी से घेरकर ढ़हाने से यही महसूस होता है कि विभाग और विभाग के अधिकारी संभवत किसी दुर्दांत वंाछित अपराधी या फिर आतंकवादी के ठिकाने को नेस्ताबूद कर केवल और केवल अपने से वरिष्ठ अधिकारियों, जिला प्रशासन और सरकार के सामने स्वयं को सरकार का वफादार साबित करने पर उतारू थे। जिन जिन लोगों के मकान, आवास जो की छत तक बन चुके और वहां पर इन लोगों ने रहना खाना भी आरंभ किया हुआ था उन लोगों में सुरेंद्र शर्मा, रामफल, आशु, महिपाल फौजी और एक चंचल नेगी एक्स सर्विसमैन, यह कुल 5 व्यक्ति शामिल हैं । इस पूरे प्रकरण में जो सबसे चैंकाने वाली बात सामने आई है वह यह है कि डिस्टिक टाउन प्लानर इंफोर्समेंट विंग गुरुग्राम के द्वारा जो नोटिस जारी किए गए वह नोटिस क्रमशः सुमेर सिंह पुत्र कमल, विजय कुमार पुत्र मनजीत , कुलदीप, नरेश, बुधराम पुत्रान केशोराम, विक्रम पुत्र वीर सिंह निवासी बोहड़ा कला तहसील पटौदी के नाम जारी किए हुए हैं और जो तोड़फोड़ की गई या जिन लोगों के मकान पर नोटिस चस्पाये गए उनके नाम इन लोगों से बिल्कुल अलग हैं ।
सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों के नाम विभाग के द्वारा नोटिस तैयार किए गए, वह कथित योजनाबद्ध तरीके से और कथित दबाव के चलते वास्तविक लोगों के विपरीत अन्य लोगों के घरों पर चस्पा किए गए। इसके बाद मकान और आवास को जमींदोज कर दिया गया । बहुत ही हैरानी का विषय यह है की डिस्टिक टाउन प्लानर इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट गुरुग्राम के द्वारा जिन लोगों के नाम नोटिस जारी किए गए उस नोटिस में नाम और केवल वल्दियत लिखी गई है । संबंधित विभाग जिला प्रशासन सूबे की सरकार के पास शायद ही इस बात का जवाब हो कि जिन लोगों के नाम नोटिस जारी किए गए उन लोगों के नाम के सामने उनके वार्ड, मोहल्ले और मोबाइल नंबर नोटिस में क्यों नहीं लिखे गए ? जिससे कि पारदर्शिता बनी रहती कि वास्तव में नोटिस इन लोगों के नाम और किस पते पर जारी किए गए हैं । लगता है संबंधित विभाग ने जानबूझकर यह सारा खेल खेला और सारा जीवन देश की रक्षा करने वाले सैनिकों, महिलाओं का सम्मान का दंभ करने वाली सरकार के रहते महिलाओं के मकानों को भी कथित दबंगई दिखाते हुए जमींदोज करके अपनी पीठ थपथपा ली गई ।
क्यों हुए मौके से फरार अधिकारी
बोहड़ा कला गांव में थाना भवन के पीछे एक्स सर्विसमैन चंचल नेगी के मकान पर तोड़फोड़ के दौरान गहरा मानसिक और दिमागी आघात लगने से बेसुध- बेहोश हुई पुत्र वधू विमला को छोड़ आखिर डिस्टिक टाउन प्लानर इंफोर्समेंट अधिकारी क्यों डर के मारे मौके से फरार हो गए ? इस बात का तो जवाब देना ही पड़ेगा । एक तो अधिकारी मौके पर ड्यूटी पर थे , साथ में पुलिस फोर्स भी थी और कानून यह कहता है की कोई भी महिला अथवा पुरुष गंभीर हालत में बेसुध पड़ा हो तो सबसे पहले उसे उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए । इस प्रकार की गाइडलाइन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा भी जारी की गई हैं । प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यहां विमला नामक महिला को बेहोश-बेसुध होने के बाद मरणासन्न स्थिति में छोड़कर अधिकारी अपने कानूनी ,सामाजिक और नैतिक दायित्व को खूंटी पर टांग सिर पर पैर रख क्यों फरार हुए ? इस बात का जवाब दो सरकार को कम से कम मांगना ही चाहिए।
इनके मकानों पर खरोच तक भी नहीं
डिस्ट्रिक्ट टाउन प्लानर इंफोर्समेंट विंग गुरुग्राम के द्वारा जिन छह व्यक्तियों को नोटिस जारी किए गए उनके मकान, आवास, कोठी पर तो एक खरोच तक भी नहीं आई है । क्या जेसीबी का लश्कर लेकर तोड़फोड़ के लिए पहुंचे अधिकारियों के पास इस बात का क्या प्रमाण है की जो 5 मकान अलग-अलग तोड़े गए , वह जिन लोगों के नाम नोटिस जारी किए गए उनके ही मालिकाना हक अथवा स्वामित्व के मकान आवास हैं । बौहड़ा कला में 20 वार्ड हैं, 10,000 से अधिक वोटर हैं और आठ विभिन्न नाम की पटिया हैं । अब यह तो जेसीबी पर सवार होकर पहुंचे अधिकारी ही जवाब देंगे की ऐसा कौन सा यंत्र या तंत्र था, जिसकी बदौलत जिनके नाम नोटिस जारी किए गए उनके अवैध निर्माण को पहचान कर ध्वस्त कर दिया गया और यदि नहीं किया गया है तो इस बात का भी उन्हें जवाब देना ही चाहिए । कि आखिर वह जिनके नाम नोटिस जारी किए गए , उनके आवास मकान को नेस्ताबूद क्यों नहीं कर सके ?