ढांचा विध्वंस पर फैसले का संतों ने किया स्वागत

संत बोले देश के इतिहास में नया अध्याय

इस फैसले से सत्यमेव जयते चरितार्थ हुआ

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
   रामनगरी अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को ढहाए गए विवादित ढांचे के मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत के सुनाये गये फैसले का पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र और धर्म नगरी काशी में भी संत समाज के द्वारा  स्वागत किया है। विभिन्न प्रबुद्ध और प्रकांड विद्वान संतों ने कहा कि इस फैसले से देश के इतिहास में नया अध्याय जुड़ जायेगा। लम्बे संघर्ष के बाद न्याय की जीत हुई है।

अस्सी डुमरावबाग स्थित काशी सुमेरूपीठ के पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला न्यायोचित है। सत्य के आधार पर बड़ा ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले से सही मायने में सत्यमेव जयते चरितार्थ हुआ है। फैसले से भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। लंबे समय से चल रहे इस मामले में आखिरकार हम निष्कर्ष पर पहुंच गये। देश और समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंनें कहा कि भारत की न्यायिक व्यवस्था और प्रक्रिया पूरी तरह से प्राकृतिक न्याय के अनुरूप है। इसके अनेक उदाहरण है, अदालत में फैंसला सुनाया जाने तक भी सभी पक्षों को अपनी बात और दलील रखने का भरपूर मौका प्रदान किया जाता है।

सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले का महंत विमलदेव, महंत दुर्गेशानन्द,इंद्रदेव आश्रम,बृजभूषण दास,स्वामी अखंडानंद तीर्थ,मुनीषानंद आश्रम ने भी स्वागत किया है। बताते चलें 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने भाजपा के वरिष्ठ दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।


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