मीडिया और पालिका पार्षदों को भी नहीं लगने दी गई भनक

पालिका अधिकारियों को आखिर किस बात का सता रहा डर

धोखा किसे निगम कमिश्नर, मीडिया या फिर पालिका पार्षदों को


फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
  जब से गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त विनय प्रताप सिंह को जिला की नगर पालिका और नगर परिषद की जिम्मेदारियां सरकार के द्वारा सौंपी गई हैं, उसके बाद से रविवार को निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह पहली बार हेली मंडी नगर पालिका में अधिकारिक दौरे पर पहुंचे। लेकिन हैरानी की बात यह है कि निगम आयुक्त के आने की सूचना ने तो मीडिया को ही दी गई और इससे बड़ा हैरानी की बात यह है की जनता के चुने हुए महिलाओं पार्षदों सहित अन्य पार्षदों को भी निगम आयुक्त के दौरे को लेकर पूरी तरह अंधेरे में रखा गया।

ऐसे में कम से कम जनता और शासन प्रशासन सहित सरकार के बीच सशक्त संवाद का काम करने वाली मीडिया का यही मानना है की, निगम कमिश्नर विनय प्रताप सिंह जी कम से कम एक बार हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र की सरप्राइज विजिट किया जाना बहुत जरूरी है।  इसके बाद बिना कुछ कहे, बहुत कुछ चीजें अपने आप सामने आकर खड़ी हो सकती हैं । बहरहाल निगमायुक्त का हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र में आनन-फानन में विभिन्न स्थानों पर दौरा सहित निर्माणाधीन साइट का विजिट करवाकर हेलीमंडी पालिका अधिकारियों सहित चेयरमैन ने भी कथित रूप से औपचारिकताएं पूरी कर डाली । इस मामले में हेलीमंडी पालिका सचिव संजय रोहिल्ला से जब बात की गई तो उन्होंने जवाब दिया कि एक दिन पहले ही नगर निगम आयुक्त के यहां आगमन की सूचना मिली थी और स्टाफ को निर्देश दिए गए थे कि कमिश्नर की विजिट के बारे में मीडिया कर्मियों को जानकारी दे दी जाए। साथ ही उन्होंने बचाव करते हुए तर्क दिया हो सकता है कि स्टाफ के ध्यान से यह बात निकल गई हो । सवाल यह है की क्या किसी भी पत्रकार को सूचना देना मुनासिब नहीं समझा गया ? यह बात किसी भी नजरिए से हजम होने वाली नहीं है ।

बहरहाल नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र में पहुंचे और उन्होंने हेलीमंडी नगर पालिका प्रशासन के द्वारा जारी विकास और निर्माणाधीन कार्यों की साइट में, डंपिंग यार्ड, खेल स्टेडियम, बाल भवन, हेलीमंडी नगरपालिका के नव निर्माणाधीन ऑफिस की साइट, बाबा हरदेवा के लिए बनाए जा रहे रोड की साइट सहित अन्य स्थानों का दौरा कर निरीक्षण किया । बलिक यह कहना अधिक उचित होगा कि हेलीमंडी पालिका सचिव संजय रोहिला, चेयरमैन सुरेश यादव, वाइस चेयरमैन विक्रांत चैहान के साथ पार्षद राजेंद्र गुप्ता, अमित कुमार के अलावा पालिका के ही अन्य कर्मचारियों के द्वारा उपरोक्त साइटों का मौका मुआयना करवाया गया।
इधर हेलीमंडी पालिका के ही पार्षद विकास यादव,  मदनलाल, श्रीमति बबीता बाई, श्रीमति नीरू शर्मा, राजीव सिंह, श्रीमती सोनिया उर्फ सोनू , श्रीमती मंजू चैहान, श्रीमती सुदेश , रिंकू , प्रदीप कुमार , श्रीमती मौसम डागर के मुताबिक नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह के हेलीमंडी पालिका कार्यालय सहित पालिका क्षेत्र में उनके द्वारा निर्माणाधीन विकास परियोजनाओं की साइट के दौरे कही भी दिखाई नहीं दिये। सहित मायने में कथित रूप् से अधिकांश पार्षदों को किसी भी प्रकार की सूचना हेलीमंडी नगर पालिका प्रशासन के द्वारा नहीं दी गई । इसी कड़ी में यह भी जानकारी मिली है कि कुछ पार्षदों को कथित रूप से पालिका चेयरमैन के ही समर्थक और दौरे पर साथ रहने वाले पार्षदों के द्वारा ही इस बात की जानकारी दी गई कि नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह हेलीमंडी पालिका क्षेत्र में दौरे पर पहुंच रहे हैं । सूत्रों के मुताबिक महिला पार्षदों सहित अन्य पार्षदों में इस बात को लेकर गहरा रोष बना है की आखिरकार समय रहते जब पालिका प्रशासन को नगर निगम नगर निगम आयुक्त के आगमन की जानकारी थी, तो पार्षदों को नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह के दौरे के बारे में पूरी तरह अंधेरे में क्यों रखा गया ?

गौरतलब है कि पालिका के ही असंतुष्ट पार्षदों के द्वारा हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र में जनवरी 2020 से 31 अगस्त 2020 तक करवाए गए और करवाए जा रहे तमाम कार्यों की विजिलेंस जांच के संदर्भ में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज, पटौदी के एसडीएम और नगर नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह के नाम भी ज्ञापन सोते हुए हैं । रविवार को नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह के आगमन सहित उनके द्वारा विभिन्न विकास परियोजनाओं का मुआयना सहित साइट का दौरा किया जाने की बात को मीडिया के साथ ही पार्षदों से छुपाया जाना कहीं ना कहीं यह चुगली करता है कि पालिका प्रशासन हेलीमंडी को इस बात का पूर्वाभास था कि बऱती जा रही तमाम अनियमितताओं सहित मनमानी का कहीं नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह के सामने ही भंडा नहीं फूट  जाए । पार्षदों को नगर निगम आयुक्त के दौरे को लेकर अंधेरे में रखे जाने से असंतुष्ट पार्षदों में खासतौर से नगर पालिका प्रशासन सहित विशेष रूप से पालिका सचिव के खिलाफ रोष और अधिक बढ़ गया है । अब देखना यह रोचक बात होगी कि असंतुष्ट पालिका पार्षद इस पूरे मामले में क्या रणनीति बनाते  हुए अपना अगला कदम क्या और किस दिशा में बढ़ाएंगे। रविवार के इस पूरे प्रकरण से एक बात तो स्पष्ट महसूस की जा रही है कि या तो नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह को खुश करने का प्रयास किया गया, नहीं तों असंतुष्ट पार्षदों को पूरी तरह से ही अंधेरे में रखा गया है ।

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