पटौदी नागरिक अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन

सरकार अपने किए गए वायदों को जल्द पूरा करें

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 हम आशा थी, आशा हैं और आशा ही रहेंगे, लेकिन सरकार हमारी आशाओं को भी पूरा करें। कुछ इसी अंदाज में आशा वर्कर के द्वारा शनिवार को पटौदी के नागरिक अस्पताल परिसर में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया । यह धरना प्रदर्शन आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा संबंधित सीआईटीयू के बैनर तले किया गया । इस धरना प्रदर्शन का नेतृत्व सी आई टी यू के जिला सचिव कामरेड धर्मवीर के द्वारा किया गया ।

धरना प्रदर्शन के दौरान पटौदी ब्लॉक की विभिन्न गांवों की अनेक आशा वर्कर मौजूद रही। बीते काफी समय से अपनी मांगों को पूरा किया जाने के लिए लगातार धरना प्रदर्शन व ज्ञापन इत्यादि के माध्यम से सरकार के सामने अपनी फरियाद करती आ रही आशा वर्कर शनिवार को सूबे की मनोहर लाल सरकार पर खूब लाल हुई । आशा वर्कर्स ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाते हुए सरकार विरोधी नारे भी लगाए। धरना प्रदर्शन के दौरान आशा वर्कर्स यूनियन पटौदी ब्लॉक की प्रधान रानी, मीना, परवीना, मीरा, पूजा, रेखा सहित दर्जनों की संख्या में पटौदी ब्लॉक के विभिन्न ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित आशा वर्कर मौजूद रही।

आशा वर्कर्स नें इस मौके पर अपनी मांगों के बारे में सरकार से और हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री से मांग करते हुए कहा कि सबसे महत्वपूर्ण कोरोना कोविड-19 महामारी के दौरान काम कर रही आशा वर्कर को जोखिम भत्ते के तौर पर 4000 रूपए का भुगतान किया जाए । वही कोविड  19 के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहन राशि का 50प्रतिशत का भी उन्हें भुगतान किया जाए। पटौदी ब्लॉक की प्रधान रानी ने कहा कि वह बीते काफी लंबे समय से सरकार के द्वारा आशा वर्कर से किए गए वायदों को पूरा करने के लिए मांग करती आ रही हैं और शांतिपूर्ण तरीके से झरना विरोध प्रदर्शन करते हुए विभिन्न स्तर पर ज्ञापन भी सौंपा जा चुके हैं । लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है । जबकि सबसे अधिक कार्य आज के समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में आशा वर्कर्स के द्वारा ही लिया जा रहा है।

धरना प्रदर्शन के दौरान विभिन्न आशा वर्कर्स में अपनी मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा सबसे पहले जनता को गुणवत्तापूरक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कराने के लिए स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाया जाए और एनएचएम को नियमित रूप से स्थाई किया जाए । आशा वर्कर्स ने अपनी मांग करते हुए कहा कि 8 एक्टिविटी का काटा गया 50 प्रतिशत का तुरंत वापिस लागू किया जाए । अपनी मांगों को बताते हुए आशा वर्कर्स ने सरकार से मांग की है कि गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना की शिकार आशा वर्कर्स को सरकार के पैनल पर अस्पतालों में इलाज की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं । सभी आशा वर्कर्स को सामुदायिक स्तरीय स्थाई कर्मचारी का दर्जा दिया जाए । जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतनमान जो लागू किया गया है, उसका भुगतान किया जाए। साथ ही इसे महंगाई भत्ते के साथ भी जोड़ा जाए । आशा वर्कर्स की यह भी मांग है कि ईएसआई एवं पीएफ की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए ।

सबसे महत्वपूर्ण मांग बताते हुए आशा वर्कर्स ने कहा कि आशा वर्कर्स को हेल्थ वर्कर का सरकार के द्वारा दर्जा प्रदान किया जाए । इसी कड़ी में आशा वर्कर्स ने कहा कि 21 जुलाई 2018 को सरकार के द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के बचे हुए बाकी फैसलों को भी सरकार आशा वर्कर्स के हित में यथाशीघ्र लागू करें । जब तक यह मांगे पूरी नहीं हो जाएंगी आशा वर्कर्स का आंदोलन धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

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