गंभीर मरीजों को दी जा रही है प्लाज्मा थैरपी, कोरोना में कारगर
 
गुरुग्राम में कोविड-19 मरीजों को दिया जा रहा है बेहतर इलाज

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। 
कोरोना वायरस को मात दे चुके लोग अब अन्य संक्रमित मरीजों को कोरोना वायरस से जंग लड़ने में मदद कर रहे है। कोन्वेलेसेंट प्लाज्मा थैरेपी की मदद से कोरोना वायरस से ठीक हो चुके शख्स के प्लाजमा को संक्रमित मरीज में चढ़ाया जाता है। रोगी के शरीर में प्लाज्मा थेरेपी की मदद से एंटीबॉडीज डेवलप की जाती है जिससे शरीर स्वयं अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और कोरोना वायरस को खत्म करने का कार्य करता है।
सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने बताया कि गुरुग्राम में इस समय रोटरी ब्लड बैंक में प्लाज्मा बैंक की शुरआत की जा चुकी है और पिछले एक सप्ताह में  कोरोना से स्वस्थ हो चुके 7 लोग अपना प्लाजमा डोनेट कर चुके हैं। डाॅ यादव ने बताया कि हर कोरोना संक्रमित मरीज को प्लाज्मा थेरेपी की आवश्यकता नहीं है। आरआरपीसीआर के नतीजे पॉजिटिव आने पर व मरीज का रेस्पिरेटरी रेट 24 ब्रीद प्रति मिनट से अधिक होने के साथ उसके खून का ऑक्सीजन लेवल 93 प्रतिशत से कम पाए जाने पर मरीज को प्लाज्मा थेरेपी की आवश्यकता होती है। उन्हांेने बताया कि मरीजों के बेहतर इलाज के लिए रोटरी ब्लड बैंक अभी तक गुरुग्राम के अलग अलग अस्पतालों में 6 मरीजों को प्लाज्मा उपलब्ध करा चुका है। वहीं अभी तक 18 वॉलंटियर्स अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए ब्लड बैंक में आ चुके हैं जिनके स्वास्थ्य की जांच करते हुए सभी टेस्ट ठीक पाए जाने पर 7 लोगो का प्लाज्मा लिया गया है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने प्लाज्मा के लिए एक  निर्धारित मूल्य तय किया है।  8500 रुपए की राशि रोटरी ब्लड बैंक में जमा कराते हुए प्लाज्मा लिया जा सकता है। बीपीएल परिवारों के सदस्यों और गर्भवती महिलाओं के लिए यह सेवा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। डॉ यादव ने बताया कि प्लाज्मा लेने के लिए मरीज के पास अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टर से हस्ताक्षर किया हुआ रिक्विशन फार्म होना आवश्यक है जिसके बाद नोडल अधिकारी डा. अनूज गर्ग की स्वीकृति के बाद उसे ब्लड बैंक से प्लाज्मा दिया जाएगा।

प्लाज्मा डोनेशन के बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने बताया कि कोरोना से पूरी तरह स्वस्थ हो चुका व्यक्ति, जिसको पिछले 28 दिन के भीतर किसी प्रकार के लक्षण न दिखाई दिए हों, वह प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। प्लाज्मा डोनेट करने के लिए व्यक्ति की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और अधिकतम 65 वर्ष निर्धारित है। व्यक्ति का वजन 55 किलो से कम नहीं होना चाहिए।
कोन्वेलेसेंट प्लाज्मा थैरेपी के बारे में बताते हुए डॉ यादव ने बताया कि यह थेरेपी एक बहुत ही आसान थेरेपी है, जिसमें कोरोना से ठीक हुए मरीज के शरीर से लिए गए प्लाज्मा सेल्स की मदद से दूसरे मरीज को ठीक करने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि शरीर में वायरस अटैक होने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज विकसित करती है जिससे संक्रमित व्यक्ति का शरीर उस बीमारी से लड़ने का कार्य करता है। उन्होंने बताया कि इस थेरेपी की मदद से कोरोना से ठीक हो चुके लोगों के एंटीबॉडीज बीमार लोगों में इस्तेमाल किए जाते हैं और इसकी मदद से संक्रमित व्यक्ति का ईलाज करके ठीक किया जाता है। डॉ यादव ने कहा कि एक बार प्लाज्मा डोनेट करने के बाद भी स्वस्थ व्यक्ति 15 दिनों के बाद दोबारा से अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना से ठीक हो चुके अधिक से अधिक व्यक्ति अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं जिससे अन्य लोगों की मदद करते हुए वह मानवता धर्म को निभाकर दूसरे व्यक्ति के जीवन को बचा सकता है।

Previous Post Next Post