यह घटना फर्रुखनगर में स्थित एस बी आई बैंक ब्रांच की

मंगलवार बैंक के एटीएम गार्ड ने ही देखा धुआं निकलता

एटीएम गार्ड ने तुरंत बैंक मैनेजर को फोन पर दी सूचना

2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया
 
फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 मंगलवार की अलसाई सुबह, लोग अभी अपनी दिनचर्या भी सही से आरंभ नहीं कर सके थे। कि बैंक से धुआं निकलते देख बैंक के ही एटीएम गार्ड के पांव तले जमीन खिसक गई । यह घटना फर्रुखनगर इलाके में स्थित एसबीआई बैंक ब्रांच की है । एटीएम गार्ड ने बिना देरी किए बैंक मैनेजर को फोन पर घटना की जानकारी दी । इसके साथ ही दमकल विभाग को भी सूचना दे दी गई । देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और आग इस कदर भड़क गई कि बैंक के आसपास भी किसी का पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा था । आग कब क्यों और कैसे लगी इस बात का तत्काल पता नहीं लग सका । लेकिन देखते ही देखते आग ऐसी भड़की के पूरे बैंक परिसर को अपनी चपेट में ले लिया।  यहां तक कि आग बैंक के स्ट्रांग रूम तक भी फैलती हुई पहुंच गई। बैंक में अधिकांश लकड़ी का फर्नीचर , कंप्यूटर जो कि प्लास्टिक बॉडी के बने होते हैं, एसी , बिजली के तमाम वायरिंग यह सब ऐसी चीजें थी जिनके कारण आग तेजी से फैल़ती चली गई ।

बैंक के दरवाजे, आसपास की बैंक की खिड़कियों इत्यादि से भी धुअंा और आग की लपटें तेजी से बाहर निकलने लगी । यह घटना मंगलवार सुबह करीब 6 बजे की है । बिना देरी किए बैंक शाखा प्रबंधक सुभाष चंद्र भी मौके पर पहुंच गए। जैसे-जैसे आसपास के लोगों और बैंक के कर्मचारियों को मालूम हुआ तो वह भी बैंक की तरफ दौड़ पड़े । लेकिन आस पास कोई ऐसी सुविधा भी नहीं उपलब्ध थी कि अपने स्तर पर बैंक के अंदर भड़क रही आग को बुझाने का कोई प्रयास किया जा सकता । आग की भयावहता को देखते हुए पटौदी , गुरूग्राम से 3 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और स्टाफ पहुंचा, बिना देरी किए फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने आग बुझाने का काम शुरू कर दिया। पहली चुनौती यही थी कि किस प्रकार से बैंक के अंदर प्रवेश करके सुलग रही अथवा भड़क रही आग को बुझाया जा सके । इससे पहले बैंक की बिजली आपूर्ति को भी बंद कर दिया गया, जिससे कि किसी और अन्य प्रकार के हादसे की आशंका भी ना रहे। तीन दमकल गाड़ियों के कर्मचारियों के द्वारा करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद जैसे-तैसे बैंक के अंदर भड़क रही आग को काबू कर लिया गया ।


इसके बावजूद भी आग की भभक के कारण बैंक परिसर के अंदर आसानी से जाना किसी के लिए भी संभव नहीं रहा। आग की भभक जब कुछ कम हुई तो बैंक प्रबंधक सहित अन्य स्टाफ कर्मचारी भी बैंक परिसर में पहुंचे और बैंक के अंदर भड़की आग  से हुए नुकसान का जायजा लिया । बैंक के अंदर ऐसा कुछ भी नहीं बचा जो कि काम करने लायक स्थिति में हो । बैंक के तमाम कागजात, दस्तावेज ,कंप्यूटर फर्नीचर व अन्य सामान जलकर पूरी तरह से कबाड़ में तब्दील हो चुका था । बैंक प्रबंधक के मुताबिक कम से कम 50 लाख रुपए का नुकसान होने की आशंका है । यह तो बैंक प्रबंधक का अपना अनुमान है लेकिन आग लगने से करीब 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है तो बैंक के फिर से जीर्णोद्धार करने में अथवा रिपेयरिंग करने में इससे कहीं अधिक धनराशि भी खर्च होना तय है । यहां तक कि बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे ,कैमरे की कंट्रोल यूनिट इत्यादि सब कुछ आज की गर्मी से बुरी तरह मेल्ट होकर नकारा हो गई ।  यही हाल कंप्यूटर सहित अन्य प्लास्टिक के फर्नीचर व सामान का भी हुआ । बैंक की सीलिंग अथवा छत वह भी जगह-जगह से आग के कारण बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई । सुंदर रंगाई पुताई वाला बैंक परिसर आग और धुंए के कारण एक प्रकार से कोयले की खान जैसा पूरी तरह काला परिसर बन गया । बैंक शाखा प्रबंधक के मुताबिक परिसर में सभी कुछ बैंक की आग की चपेट में आकर के पूरी तरह से नष्ट हो चुका है । इस प्रकार की आशंका जाहिर की जा रही है कि बैंक में आग संभवत बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी हो और यह आग धीरे-धीरे फैलती हुई कहीं ऐसी जगह पहुंच गई जहां से आग ने बिना देरी किए विकराल रूप ले लिया। आग विकराल रूप लेने के साथ ही अंदर ही अंदर भड़क गई और बैंक में आग लगने का उस समय भेद खुला जब बैंक बंद होने के बावजूद कहीं ना कहीं बैंक के मुख्य द्वार शटर या आसपास की जो खिड़कियां थी बैंक की उनसे धुआ जब बाहर निकलता दिखाई दिया तो बैंक के एटीएम के गार्ड की सबसे पहली नजर पड़ी कि आखिर बैंक से दुआ क्यों निकल रहा है ।


काम शुरू होने में लगेगा समय
जिस प्रकार से बैंक परिसर में आग लगी और नुकसान हुआ है , उसको देखते हुए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि यहां पर सामान्य कामकाज बैंक उपभोक्ताओं के लिए आरंभ होने में कई दिन का समय लग सकता है। क्योंकि तमाम कंप्यूटर ,कर्मचारियों के बैठने के लिए फर्नीचर इत्यादि ऐसा कोई भी स्थान -सामान नहीं बचा है जहां तत्काल बैठ के कारण काम आरंभ किया जा सके । कंप्यूटर इत्यादि सेट होने में भी और इनकी नेटवर्किंग में भी समय लगेगा । ऐसे में इस बात से इंकार नहीं की 1 सप्ताह तक भी बैंक का कामकाज सुचारू होने में समय लग सकता है । वहीं यदि बैंक परिसर के जीर्णोद्धार वह रंगाई पुताई की बात की जाए तो इसमें और भी अधिक समय लगना तय है। आग लगने के कारण मंगलवार को बैंक का कामकाज पूरी तरह से ठप रहने से बैंक उपभोक्ताओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा ।

कैश और लाकर रहे सुरक्षित

बैंक परिसर में बने स्ट्रांग रूम तक बेशक से आग पहुंच गई हो लेकिन स्ट्रांग रूम में इस प्रकार की व्यवस्था होती है कि आग लगने जैसी स्थिति में जल्दी से आग स्ट्रांग रूम को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। बैंक प्रबंधक की मानें तो स्ट्रांग रूम अथवा तिजोरी में रखा कैश सुरक्षित है । वही कथित रूप से राहत की बात यह है कि बैंक के लाकर भी सुरक्षित हैं , अधिकांश बैंकों में स्ट्रांग रूम और लाकर बैंक के बेसमेंट में सुरक्षा की दृष्टि से बनाए जाते हैं और यही मुख्य कारण माना जा रहा है कि स्ट्रांग रूम और लाकर में रखे कैश सहित अन्य सामान सुरक्षित ही रहे । फिर भी बैंक के उपभोक्ताओं के मन में हल्की सी अपने-अपने लाकर को लेकर सुरक्षा के हिसाब से आशंका बनी हुई है कि कहीं उनके  लाकर को तो किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है । बैंक प्रबंधन का यही कहना है कि बैंक का कैश और सभी लाकर सुरक्षित हैं ।

Previous Post Next Post