बीती रात महेंद्रगढ़ था पढ़ाव गुरूुग्राम में नहीं हुआ कोई नुकसान

जिला गुरुग्राम में अलग-अलग दिशा से चार टिड्डी दल का प्रवेश

शनिवार रात को यह टिड्डी दल उत्तर प्रदेश में डालेगा अपना पढ़ाव

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । जैसे ही गुरुग्राम और आसपास के ग्रामीण अंचल में यह बात मालूम हुई कि शनिवार को टिड्डी दल जिला और ग्रामीण इलाकों में प्रवेश करेगा, किसानों सहित आम आदमी की चिंता बढ़ गई । लेकिन राहत की बात यह रही कि टिड्डी दल बिना कोई खास नुकसान किए गुरुग्राम शहर सहित पटौदी, फर्रूखनगर ब्लॉक से अलग-अलग दिशाओं में निकल गय। जिला गुरुग्राम और पटौदी ब्लॉक फर्रुखनगर ब्लॉक में किसानों की फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाने का मुख्य कारण यह रहा कि टिड्डी दल रात को महेंद्रगढ़ व आसपास के इलाकों में ठहरा और रात को ही अनगिनत टिड्ड़ियों ने  फसलों को खा खाकर अपना पेट भर लिया । शनिवार को जब टिड्डी दल ने जिला गुरुग्राम की विभिन्न दिशाओं में से प्रवेश किया तो इनका पेट भरा होने के कारण यह कहीं भी फसलों के ऊपर अधिक समय तक नहीं बैठ सकी और बिना कोई खास नुकसान किए आगे की तरफ बढ़ती रही ।

इस विषय में पटौदी उपमंडल कृषि अधिकारी मनमीत यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि समय रहते ही जानकारी मिल गई थी और शनिवार को सुबह से ही टिड्डी दल के संभावित प्रवेश करने वाले क्षेत्रों पर नजर रखी जा रही थी । जिला गुरुग्राम में टिड्डी दल ने फर्रुखनगर और पटौदी ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश किया । टिड्डी दल की बात की जाए तो यह अलग-अलग दिशा में चार दल बताए गए हैं, इनमें दो दल जिनमें अनगिनत टिड्ड़िया शामिल रही, इन्होंने पटौदी ब्लॉक में सीमांत गांव चिल्हड़ की तरफ से प्रवेश किया और लोकरा, लौकरी , पड़ासौली की तरफ से होते हुए यह आगे की दिशा में बढ़ती रही। इसी प्रकार से इसी दिशा से टिड्डी दल के दूसरे समूह की मऊ , मंगवाकी इत्यादि गांव की तरफ से होते हुए आगे की तरफ इनकी उड़ान जारी रही। इसी प्रकार से फरुखनगर ब्लॉक की बात की जाए तो यहां भी अलग-अलग टिड्डी दलों में प्रवेश किया । झज्जर जिला के माछरोली के आसपास से फर्रूखनगर ब्लॉक के सिवाड़ी, मुबारिकपुर अन्य गांव की तरफ से होते हुए इन्होंने प्रवेश किया । कृषि अधिकारी मनमीत यादव के मुताबिक शनिवार को सुबह से ही टिड्डी दल के ऊपर नजर रखी जा रही थी । ग्रामीण अंचल में यह किसी भी प्रकार का नुकसान करने में सफल नहीं हो सका है । ग्रामीण अंचल के अलावा यह टिड्डी दल गुरुग्राम शहर की बात करें तो डीएलएफ 1 सेक्टर 34, 56 सहित अन्य इलाकों में भी दिखाई दिया । वहां भी यह टिड्डी दल अपना पेट भरा होने के कारण किसी प्रकार का नुकसान नहीं कर सका है ।

इधर ग्रामीणों के मुताबिक टिड्डी दल ने सिवाड़ी , मुबारकपुर आसपास के गांव में लगी फसल पर हमला बोलने का प्रयास किया । किसान परिवारों के सदस्य कोमल, बलबीर, मुबारकपुर के सरपंच सुरेश , सुभाष , राज सिंह, बलबीर के मुताबिक जैसे ही इस बात का पता लगा कि टिड्डी दल इलाके में घुस आया है तो उन्होंने आवाज करने वाले थाली ,पीपा ,कनस्तर या लोहे के सामान को जोर-जोर से पीटना शुरू कर दिया , जिसका शोर और कंपन के कारण टिड्डी दल नुकसान नहीं पहुंचा सका । ग्रामीण अंचल में इस समय पशु चारे के लिए ज्वार की फसल की बिजाई की हुई है । इसी प्रकार से पशु चारे में इस्तेमाल किए जाने वाला ढांचा भी शामिल है । बाजरा और कपास की फसल भी खेतों में मौजूद है । जवार, ढांचा और कपास की फसल औसतन ऊंचाई पर पहुंच चुकी है। जबकि बाजरा की फसल अंकुरित होकर 4 से 6 इंच तक की ऊंचाई ही ले पाई है । बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि टिड्डी दल की टिड्डियां जहां भी संबंधित फसल, पेड़ को खाती है, वहीं पर ही साथ-साथ मल का भी त्याग करती हैं और इसी मल में से ही टिड्ड़ियों के अंडों के शामिल रहने के कारण टिंड्डिया भी जन्म लेती हैं ।


वही कृषि अधिकारी मनमीत यादव के मुताबिक गुरुग्राम जिला में महेंद्रगढ़, कोसली की तरफ से प्रवेश करने वाले चार टीडी दल शामिल थे । जोकि अलग-अलग दिशाओं से होते हुए झज्जर, फरीदाबाद, मेवात और दिल्ली की तरफ रवाना हो चुके हैं । कृषि अधिकारी मनमीत यादव का कहना है कि टिड्डी दल रात को रात के समय यदि कहीं रुकता है तो वहां फसल को खाकर अपना पेट भर लेता है । ऐसे में अगले दिन जिस भी इलाके से या गुजरता है तो वहां इस बात की संभावना बहुत कम होती है कि यह हरी फसल, पेड़, पौधों को नुकसान पहुंचाए । गुरुग्राम सहित पटौदी , फर्रुखनगर ग्रामीण अंचल में भी अनगिनत टिड्ड़िया ऊंचाई से होते हुए आगे की तरफ बढ़ती रही। जिससे किसानों का फसली नुकसान होने से बच गया है । अधिकारी का कहना है कि जो टिड्डी दल शनिवार को जिला गुरूग्राम और आसपास के ग्रामीण अंचल से गुजरा है , वह दल शनिवार रात को यूपी में प्रवेश करके ठहराव कर सकता है ।  इसके पलवल और आसपास के इलाकों में रात्रि ठहराव करने की संभावनाएं सबसे अधिक है । उन्होंने बताया कि टिड्ड़िया दिन भर में औसतन 100 से 120 किलोमीटर का सफर तय करती हैं । वह भी उस स्थिति में जब इनका का पेट भरा हुआ हो । यदि पेट खाली होता है तो रास्ते में उड़ते समय जहां भी कहीं फसल, हरियाली, हरे पेड़-पौधे इत्यादि दिखाई देते हैं तो यह नुकसान करने में देर भी नहीं करती हैं । गुरुग्राम के ग्रामीण अंचल में किसानों का फसली नुकसान होने से बचने का मुख्य कारण यही रहा है कि बीती रात को महेंद्रगढ़ और आसपास के इलाकों में रात्रि ठहराव के समय दल में शामिल टिड्ड़ियों के द्वारा अपना पेट भर लिया गया था ।

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