गुरुग्राम, फरीदाबाद में टिड्डी दल से मचा हड़कंप।

मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार

कोरोना संकट से जूझ रहे गुरुग्राम, फरीदाबाद के लोगों के लिए टिड्डी दल नई मुसीबत बनकर आया है। आज सुबह गुरुग्राम व फरीदाबाद के कई इलाकों में लाखों की संख्या में टिड्डी दल देखा गया है। टिड्डी दल को देखने के बाद स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया, लोग थाली बजाकर, टीन बजाकर, पटाखे जलाकर टिड्डियों को भगाने की कोशिश कर रहे हैं। टिड्डी दल को लेकर प्रशासन भी सकते में आ गया है, लोगों को खिड़की, दरवाज़े बंद करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि टिड्डियां असली नुकसान फसलों को पहुंचाती हैं तो गुरुग्राम, फरीदाबाद के आस पास के गांवों में एडवाइजरी जारी की है।

रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ के बाद गुरुग्राम, फरीदाबाद पहुंचा टिड्डी दल।

रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ के गांवों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाने के बाद टिड्डी दल ने लाखों की संख्या में गुरुग्राम, फरीदाबाद में दस्तक दी। शुक्रवार को रेवाड़ी में कृषि मंत्री जेपी दलाल कई गांवों में किसानों की फसल के नुकसान का जायज़ा लेने पहुंचे थे। कृषि मंत्री के साथ रेवाड़ी के उपयुक्त यशेन्द्र सिंह समेत कई अधिकारी भी पहुंचे थे।

रोहतक, सोनीपत में अलर्ट जारी।

हवा के रुख तेज़ होने की वजह से टिड्डी दल बहुत तेज़ी से आस पास के इलाकों को फैलता जा रहा है। प्रशासन को डर है कि बहुत ही जल्द इसका प्रकोप रोहतक, सोनीपत व इसके आस-पास के इलाकों में हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने किसानों को शोर मचाने वाले यंत्रों को तैयार रखने की सलाह दी है।

2500 आदमियों के बराबर खाना खा सकता है एक दल।

एलडब्ल्यूओ द्वारा टिड्डियों पर जारी एक डॉक्यूमेंट के अनुसार दुनिया में टिड्डियों की 10 प्रजातियां सक्रिय हैं, इनमें से चार प्रजातियां भारत में समय-समय पर देखी गई हैं। सबसे खतरनाक रेगिस्तानी टिड्डी को बताया गया है। इसके अलावा प्रवासी टिड्डियां, बॉम्बे टिड्डी और ट्री (वृक्ष) टिड्डी भी भारत में आती हैं। इस बार जो प्रजाति सक्रिय है, वह रेगिस्तानी टिड्डियां हैं। एक व्यस्क टिड्डी की रफ्तार 12 से 16 किलोमीटर प्रति घण्टा तक हो सकती है। ये टिड्डियां फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। एक शोध के अनुसार एक छोटा सा टिड्डी दल एक दिन में 10 हाथियों के बराबर और 25 ऊंट या 2500 आदमियों के बराबर खाना खा जाता है।

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