26 की उम्र में रचा इतिहास योगेश चौधरी को मिलेगा देश का ''सर्वोच्च सम्मान''

चंडीगढ़ ब्यूरोl
हरियाणा के गुरुग्राम जिले की नगर परिषद पटौदी, गाव मिलकपुर के एक सामान्य परिवार में जन्मे योगेश चौधरी ने बचपन से ही सेवा और समाज के लिए कुछ बड़ा करने का सपना देखा। जब वे उच्च शिक्षा के लिए इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय पहुँचे, तब उनके सामने नए अवसर और चुनौतियाँ आईं। विश्वविद्यालय के गुरुजनों ने उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना से परिचित कराया और उनसे जुड़े रहने का आग्रह किया। यही वह पहला कदम था, जिसने उनके जीवन को एक नई दिशा दी। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ योगेश ने समाज सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। जागरूकता अभियानों, स्वच्छता कार्यक्रमों, रक्तदान शिविरों और पर्यावरण संरक्षण जैसी गतिविधियों में उनका समर्पण सभी के लिए मिसाल बन गया। उनकी लगन ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर के कैंपों में भाग लेने का अवसर दिलाया, जिसने उनके उत्साह को और बढ़ा दिया। कोविड के कठिन समय में जब अधिकांश लोग घरों में सीमित थे, योगेश ने अपने साथियों के साथ मिलकर ज़रूरतमंदों तक दवाइयाँ, राशन और प्लाज़्मा पहुँचाया। उन्होंने न केवल योगदान दिया, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित किया। उनके निःस्वार्थ कार्यों ने पूरे विश्वविद्यालय और गाँव में उन्हें एक आदर्श युवा के रूप में स्थापित किया। योगेश के सपनों का एक बड़ा मोड़ आया जब उन्होंने और उनके मित्र अमित भारद्वाज ने मिलकर 2021 में युथ सोशलग्राम फाउंडेशन की स्थापना की। इस संस्था ने 18 राज्यों के 5,000 से अधिक युवाओं को जोड़कर समाज सेवा और नेतृत्व की नई मिसाल स्थापित की। 
हाल ही में युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित देश की पहली ‘यूथ स्पिरिचुअल समिट’ में इस संस्था को चुनी गई 100 संस्थाओं में शामिल किया गया। समिट में योगेश ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने युवाओं को नशे से दूर रखने और उनके विकास के लिए कई नए सुझाव रखे, जिन्हें सराहा गया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सही सोच, कड़ी मेहनत और जुनून किसी भी युवा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला सकता है। योगेश कहते हैं, “जब मैंने विश्वविद्यालय में NSS से जुड़ना शुरू किया, तब मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मुझे देश का सर्वोच्च युवा सम्मान मिलेगा। यह सिर्फ मेरी मेहनत का फल नहीं, बल्कि गुरुजनों और साथियों के मार्गदर्शन का परिणाम है।” अब यह सपना साकार होने जा रहा है। 6 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों योगेश चौधरी को देश का सर्वोच्च ‘माई भारत – NSS’ राष्ट्रीय सम्मान मिलेगा। यह वही सम्मान है जिसे 1993 में इंदिरा गांधी पुरस्कार के नाम से जाना जाता था। इस घोषणा के बाद पूरे क्षेत्र और विश्वविद्यालय में उत्साह और गर्व का माहौल है। शुभकामनाएँ देने वालों का तांता उनके घर और विश्वविद्यालय दोनों जगह लगा हुआ है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा, “योगेश चौधरी ने आज संस्थान का नाम हरियाणा में ही नहीं, पूरे देश में रोशन किया है।” महज़ 26 वर्ष की उम्र में योगेश चौधरी न केवल अपने गाँव बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि अगर जुनून, लगन और समाज सेवा का जज़्बा हो तो कोई भी युवा इतिहास रच सकता है।

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