सोनिया गांधी ने की थी इस्तीफे की पेशकश, लेकिन मनमोहन सिंह समेत कुछ नेताओं ने उनसे अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया।

मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी(सीडब्ल्यूसी) की मैराथन बैठक के बाद फैसला लिया गया है कि सोनिया गांधी अगले अध्यक्ष की नियुक्ति तक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी और अगले छह महीने में पार्टी अपना अध्यक्ष चुन लेगी। बैठक के बाद सोनिया गांधी से आग्रह किया कि संगठन में बदलाव एवं मजबूती के लिए अगले अध्यक्ष के चुने जाने तक वह अंतरिम अध्यक्ष की भूमिका निभाती रहें।

करीब सात घंटे तक चली बैठक के बाद सूत्रों ने कहा कि सीडब्ल्यूसी के सभी सदस्यों ने सोनिया के नेतृत्व में विश्वास जताया और कहा कि नया अध्यक्ष चुने जाने तक तक वह अंतरिम अध्यक्ष बनी रहें।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सीडब्ल्यूसी के सदस्य पीएल पुनिया ने कहा, "सदस्यों ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भरोसा जताया है और उनसे (सोनिया गांधी) पार्टी का नेतृत्व करने का आग्रह किया है, जिस पर उन्होंने सहमति जता दी है।"

उन्होंने कहा, "नया अध्यक्ष चुनने के लिए अगली बैठक जल्द होगी। संभवत: छह महीने भीतर बैठक बुलाई जाएगी. तब तक सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बने रहने के लिए मान गई हैं।"

कांग्रेस के कुछ सदस्यों द्वारा नेतृत्व को लेकर लिखे गए पत्र के संबंध में पुनिया ने कहा, "विचार साझा करने की स्वतंत्रता है, लेकिन बातचीत सार्वजनिक तौर पर नहीं, पार्टी फोरम में होनी चाहिए। सोनिया गांधी जी ने कहा है कि हर एक व्यक्ति परिवार है और सभी को साथ मिलकर पार्टी को मजबूत बनाना है।"

सोनिया गांधी ने पद छोड़ने की पेशकश की थी।
इससे पहले सीडब्ल्यूसी की बैठक शुरू होने के साथ ही सोनिया ने पद छोड़ने की पेशकश की और कहा था कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए शुरू करे। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें। सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद और पत्र लिखने वाले कुछ नेताओं एवं उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों का हवाला दिया।

वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिख बदलाव की मांग की थी।

बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले शनिवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया था, जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई। पिछले छह सालों में लोकसभा एवं विभिन्न विधानसभा चुनावों में लगातार हार का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में मजबूत बदलाव लाने, जवाबदेही तय करने, नियुक्ति प्रक्रिया को मजबूत बनाने और हार का उचित आकलन करने की मांग की थी।

हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।
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