छह वर्षों बाद बोहड़ाकला पधारेंगे महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी महाराज।

प्रथम शारदीय नवरात्र (22 सितंबर) को होगा विशाल भंडारा, श्रद्धालुओं में उत्साह

पटौदी से शमशेर सिंह 
पटौदी: महाकालेश्वर कल्याण के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी महाराज लंबे अज्ञातवास और कठोर तपस्या के बाद आगामी 22 सितंबर, प्रथम शारदीय नवरात्र को अपनी मल्कीयत के बोहड़ाकला स्थित परिसर में पधार रहे हैं। यह समाचार मिलते ही उनके दीक्षा प्राप्त शिष्यों, अनुयायियों और श्रद्धालुओं में गहरा उत्साह व्याप्त हो गया है।

करीब छह वर्षों के अंतराल के बाद शिष्य और संन्यासी अपने गुरु के समक्ष हाजिरी लगाने का अवसर पा सकेंगे। इस अवसर पर हनुमान मंदिर के पीछे स्थित गौ सेवा सदन, शिव सदन और जय महाकाल अस्पताल परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

कठोर तपस्या और अज्ञातवास
गौरतलब है कि स्वामी ज्योति गिरी महाराज लगभग छह वर्ष पूर्व अज्ञातवास हेतु प्रस्थान कर गए थे। जनवरी 2025 में उन्होंने कठोर तपस्या पूरी करने के बाद सार्वजनिक रूप से दर्शन दिए। उनके द्वारा किए गए 108 कुंडीय महायज्ञ को भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण के संकल्प से जोड़कर देखा जाता है।

मानव सेवा और गौ सेवा का अनूठा उदाहरण
स्वामी ज्योति गिरी ने मानव सेवा, गौ सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। गरीब, असहाय और गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों का निःशुल्क उपचार व सर्जरी, तथा दुर्घटनाग्रस्त गोधन के लिए गौ सेवा सदन की स्थापना उनके प्रमुख कार्यों में शामिल हैं।

श्रद्धालुओं में उत्साह
ग्राम विकास समिति बोहड़ाकला के प्रधान राम भूल चौहान ने बताया कि गुरु महाराज के आगमन को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह की लहर है। श्रद्धालुओं ने परिसर में तैयारी शुरू कर दी है और बताया कि गुरु महाराज का स्वागत देवदर्शन के समान होगा।स्वागत की तैयारियों में श्रमदान कर रहे श्रद्धालु राजकुमार रजवा प्रधान, महेश ठेकेदार, सतबीर उर्फ कालू प्रधान, बिनेश उर्फ सुसा, ललित शर्मा कामदेव, छतर सिंह चौहान, जयदेव चौहान, फतेह सिंह सैनी, विक्रम चौहान और दिनेश सहित अन्य ने कहा कि गुरु महाराज के आगमन पर उनका अभिनंदन पलक-पांवड़े बिछाकर किया जाएगा।
पटौदी से मीर सिंह के रिपोर्ट
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