गुरुग्राम पटौदी से शमशेर सिंह: बी.एम.बी वरिष्ठ माध्यमिक विधालय डाडावास की प्राचार्य मंजीत यादव ने एक कार्यक्रम के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया क़ि आदर्श विद्यार्थी वह है जो ज्ञान या विद्या की प्राप्ति को जीवन का पहला आदर्श मानता है। जिसे विद्या की चाह नहीं वह आदर्श विद्यार्थी नहीं हो सकता। यह विद्या ही है जो मनुष्य को नम्र, सहनशील और गुणवान बनाती है। विद्या की प्राप्ति से ही विद्यार्थी आगे चलकर योग्य नागरिक बन पाता है।वरिष्ठ अध्यापक मास्टर सुरेन्द्र चौहान ने बताया क़ि आदर्श विद्यार्थी को अच्छी पुस्तकों से प्रेम होता है। वह पुस्तक में बताई गई बातों को ध्यान में रखता है और अपने जीवन में उतार लेता है। वह अच्छे गुणों को अपनाता है और बुराइयों से दूर रहता है। उसके मित्र भी अच्‍छे सद्‍गुणों से युक्त होते हैं।वह अपने गुरुजनों का सम्मान करता है। आदर्श विद्यार्थी अपने चरित्र को ऊंचा बनाने का प्रयास करता है। वह शिक्षकों तथा अभिभावकों की उचित सलाह को सुनकर उस पर अमल करता है। इसलिए हमें एक आदर्श विद्यार्थी बनकर समाज व विद्यालय में एक उदाहरण पेश करना चाहिये।
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