हेलीमंडी और पटोदी नगर पालिका को नगर परिषद बनाना विचाराधीन

मौजूदा कार्यकाल में पटौदी को जिला बनाने की संभावना से इंकार

शिवचरण ( शिवा )
पटौदी।
 पटौदी के एमएलए एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा कि गुरुग्राम-रेवाड़ी के बीच नेशनल हाईवे का काउंट डाउन शुरु हो चुका है । गुरुग्राम से पटौदी होते हुए रेवाड़ी तक नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए टेंडर हो चुके हैं तथा इस नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य के लिए 18 माह का समय तय किया गया है । आगामी 18 माह के दौरान गुरुग्राम से पटौदी होते हुए रेवाड़ी तक नेशनल हाईवे बनकर तैयार हो जाएगा । यह बात उन्होंने सोमवार को पटौदी अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही ।

यहां सवालों का जवाब देते हुए एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा की पटौदी क्षेत्र और यहां की जनता के हित के लिए पटौदी तथा हेलीमंडी नगरपालिका को मिलाकर नगर परिषद बनाया जाने की जरूरत है । पटौदी और हेलीमंडी नगर पालिका को मिलाकर नगर परिषद बनाने की योजना पर गंभीरता से मंथन किया जा रहा है। दोनों पालिकाओं को नगर परिषद बनाने के लिए संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से भी लगातार संवाद किया जा रहा है, लेकिन पटौदी और हेलीमंडी पालिका के द्वारा नगर परिषद बनाने के लिए प्रस्ताव पास करके नहीं दिया जा रहा है।  उन्होंने कहा की नरहेड़ा , छावन, हेड़ाहेड़ी, रामपुर और जनौला, यह 5 गांव हेलीमंडी और पटौदी नगर पालिका सीमा के साथ में लगते हुए हैं । इन पांचों गांवों को नगर परिषद में शामिल किया जाने का भी प्रस्ताव विचाराधीन है । उन्होंने कहा की संबंधित विभाग और सरकार से अनुरोध किया गया है कि नगर परिषद बनाने की योजना को ध्यान में रखते हुए नगर परिषद में शामिल किए जाने वाले उपरोक्त 5 गांव में पंचायत चुनाव स्थगित कर दिए जाएं।

पटोदी में बाईपास के सवाल पर एमएलए एडवोकेट जरावता ने यू टर्न लेते हुए कहा कि इस सवाल का   जवाब अब वही दे सकता है जिसके द्वारा बाईपास बनाने की बात कही गई है । उन्होंने कहा उनका ड्रीम प्रोजेक्ट पटौदी के सभी गांवों में नहरी पानी की आपूर्ति करवाना है और इस दिशा में युद्ध स्तर पर काम भी किया जा रहा है । इसके साथ ही 1 वर्ष के अंदर विभिन्न गांवों में 10 स्कूलों को कक्षा 10वीं और कक्षा बारहवीं तक अपग्रेड भी करवा दिया गया है । बिलासपुर से कुलाना के बीच फोरलेन सड़क मार्ग बनाए जाने की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अब इस प्रोजेक्ट की फाइल फॉरेस्ट विभाग के पाले में है , फॉरेस्ट विभाग को ही यह देखना है कि फोरलेन सड़क मार्ग बनाने के दौरान रास्ते में आने वाले तथा परेशानी का कारण बनने वाले पेड़ों को किस प्रकार से हटाया जा सकता है।

विधानसभा चुनाव से पहले पटौदी को जिला बनाने के सवाल पर उन्होंने इस प्रकार की किसी भी संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया । उन्होंने कहा की जिला बनाने के लिए अथवा जिला बनने के लिए जो ढांचागत विकास और संसाधन सहित सुविधाएं होनी चाहिए थी , उस तरफ बिल्कुल भी ध्यान ही नहीं दिया गया । मौजूदा समय में जो भी बड़े प्रोजेक्ट पटौदी क्षेत्र के लिए विचाराधीन है और जितने भी बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है , वास्तव में वह पटौदी को जिला बनाने के फाउंडेशन का काम करेंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना सरकार की प्रमुखता में शामिल है, लेकिन बीते 60-70 वर्षों से जो व्यवस्था गहरी जड़ें जमा चुकी है उस को बदलने और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए सरकार के द्वारा ई गवर्निंग को प्राथमिकता दी जा रही है । आने वाले समय में किसी भी प्रकार का कार्य हो उसके लिए संबंधित पोर्टल पर ही आवेदन करना होगा । इसका फायदा यह होगा कि एक तय समय में संबंधित अधिकारी को काम निपटाना होगा और ऑटोमेटेकली ही संबंधित फाइल पर किया गया कार्य वरिष्ठ अधिकारी के पास फॉरवर्ड होता रहेगा । इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एक निश्चित समय में जो भी कार्य है उसको हर हालत में पूरा करना होगा। जिस भी अधिकारी के पास किया जाने वाला कार्य अथवा फाइल लटकेगी , उसकी एसीआर पर भी इसका सीधा असर पड़ना तय है। उन्होंने कहा आज भी ऐसे अनेक गरीब परिवार हैं जिन्हें की ग्रामीण आवास बस्ती योजना के तहत प्लाट और रजिस्ट्रीया अलाट की जा चुकी हैं ,लेकिन जमीन पर कब्जा नहीं मिल रहा है । यह मामला भी मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में उठाया गया । जिस भी गांव में लाभार्थियों के लिए जमीन नहीं है सरकार वहां जमीन का अधिग्रहण करें तथा जिन लाभार्थियों को प्लाट की रजिस्ट्री आफ प्राप्त हो चुकी हैं उनको जल्द से जल्द कब्जा दिलाया जाए।

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