मामला पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव मिलकपुर का, 42 प्लाट लटके
महात्मा गांधी ग्रामीण आवास योजना के तहत 2010 में दी गई रजिस्ट्री
2021 तक सरकारी योेजना के लाभार्थियों को प्लाटों का नहीं मिला कब्जा
शिवचरण ( शिवा )
पटौदी । विधानसभा क्षेत्र के गांव मिलकपुर में महात्मा गांधी ग्रामीण आवास योजना के तहत आवंटित किए गए प्लाटों का मामला अब तूल पकड़ चुका है । हालांकि इस मामले में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय के द्वारा प्लाटों की निशानदेही सहित कब्जे की गेंद पटौदी तहसीलदार के पाले में सरका दी गई है ।
लेकिन लाभार्थी परिवारों और महिलाओं का दो टूक कहना है कि वह अपने पहले से दिए गए अल्टीमेटम पर आज भी कायम है। एक सप्ताह के अंदर सरकार के द्वारा प्लाटो दी गई रजिस्ट्री के मुताबिक उनके प्लाटों की निशानदेही करके कब्जा नहीं दिया गया तो जिस भी विभाग और अधिकारी के पास प्लाटो संबंधित फाइल अटकी हुई मिलेगी , उसी अधिकारी के कार्यालय में ही घर परिवार बर्तन भांडे डांगर ढोर के साथ में बसेरा डाल दिया जाएगा । इन सब हालात और स्थिति के लिए पूरी तरह से संबंधित अधिकारी और विभाग की ही जवाबदेही होगी । आखिर करीब 11 - 12 साल हो चुके हैं । ऐसा क्या कारण है कि हरियाणा में जहां विभिन्न जिलों में लाभार्थियों को प्लाटों के कब्जे दिए जा चुके हैं, उसके उलट गांव मिलकपुर में प्लाटों की निशानदेही करके कब्जे नहीं दिए जा रहे ? इस सवाल का जवाब कोई भी विभाग अथवा अधिकारी साफ-साफ देने से बचता आ रहा है ।
जानकारी के मुताबिक पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव मिलकपुर में महात्मा गांधी ग्रामीण आवास योजना भूमिहीन कामगारों के लिए 42 लाभार्थियों को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी पटौदी कार्यालय के पत्र क्रमांक 382-84 के मुताबिक 4 मार्च 2010 तथा 14 जनवरी 2010 के मुताबिक लाभार्थियों को प्लाट के नंबर के साथ में प्रत्येक लाभार्थी एक सौै गज की रजिस्ट्री सौंपी जा चुकी है । इसके बाद से हरियाणा प्रदेश में अलग-अलग तीन सरकारों का गठन हो चुका है । लेकिन सरकारी योजना के तहत भूमिहीन लाभार्थी अपने हक हकूक के लिए हाथों में रजिस्टरी लेकर धक्के खाते आ रहे है । सूत्रों के मुताबिक बीते सप्ताह योजना के लाभार्थी परिवारों की महिलाओं के द्वारा किए गए जबरदस्त विरोध प्रदर्शन और बीडीपीओ कार्यालय में ही चूल्हा चौका सहित बसेरा डालने की दी गई चेतावनी के बाद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय के द्वारा पटौदी के तहसीलदार और पटौदी के एसडीएम कार्यालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है कि गांव मिलकपुर के योजना के लाभार्थियों के प्लाटों की जमीन की निशानदेही गिरदावर से करवाई जाए । जिससे कि लाभार्थियों को उनके प्लाटों का कब्जा जल्द से जल्द दिया जा सके ।
इधर लाभार्थी परिवारों की महिलाओं में सरोज, मीरा देवी ,इंदरो देवी, मीना कुमारी ,मीना देवी, महेंद्री, मीना देवी, मंजू देवी, कमला, सुशीला, सरोज, रोहताश, अतर सिंह, हवा सिंह, मनोहर लाल, प्रकाश मिस्त्री व अन्य का आरोेप है कि सरकारी विभाग और सरकारी अधिकारी गांव के कम पढ़े लिखे और नासमझ लोगों की मजबूरी का जम कर फायदा उठाते हैं, और जो भी कोई आवेदन दिया जाता है उसके विषय में यह जानकारी नहीं दी जाती कि उस आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई और किस अधिकारी के पास कार्यवाही के लिए भेजा गया है ।
अधिकारी और विभाग एक दूसरे के ऑफिस में ही चिट्ठी चिट्ठी भेजने का खेल खेल, भोले-भाले ग्रामीणों को चक्कर कटवाते चले आ रहे हैं । लेकिन अब पानी सिर के ऊपर से गुजर चुका है , क्योंकि गांव में जहां कहीं भी थोड़ी बहुत पंचायत की खाली जगह या जमीन थी वहां पर हम जैसे गरीबों के ईंधन सूखी लकड़ी जानवर इत्यादि बांधने या रखने पर भी रसूखदार लोगों के द्वारा पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। वहीं अनेक गरीब परिवारों के कच्चे मकान और झोपड़े बने हुए हैं । जैसे तैसे मजदूरी करके अपना गुजर-बसर कर रहे हैं । महात्मा गांधी ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थी परिवार के सदस्यों के द्वारा एक बार फिर से मंगलवार को गांव में ही सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करते हुए दो टूक शब्दों में चेतावनी दी गई है कि शुक्रवार तक उनके प्लाटों की निशानदेही करके कब्जे नहीं दिए गए तो आगामी सोमवार को बीडीपीओ पटौदी के साथ साथ पाटोदी तहसील कार्यालय में ही अपने चूल्हे चौके लेकर बसेरा डाल दिया जाएगा और यह उनका बसेरा तब तक जारी रहेगा जब तक प्लाटों की निशानदेही पूरी करके कब्जे नहीं दे दिए जाएंगे।