गांव मिलकपुर में प्लस टू तक स्कूल अपग्रेड करने का मामला गरम

आधा दर्जन गांवों के युवाओं ने सौंपा शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन

शिवचरण ( शिवा )
पटौदी। 
पटौदी क्षेत्र के गांव मिलकपुर, मिर्जापुर, देवलावास ,रणसीका, और छावन की रहने वाली अधिकांश युवतियां दसवीं कक्षा पास करने के बाद अपने घरों में बैठने के लिए मजबूर हो गई है। इसका मुख्य कारण है मेजबान गांव मिलकपुर सहित आसपास के गांव में कक्षा बारहवीं तक सरकारी स्कूल सहित शिक्षा की सुविधा उपलब्ध नहीं है ।

इन्हीं मुद्दों को लेकर गुरुवार को गांव मिलकपुर ,मिर्जापुर, देवलावास, रणसीका , छावन अन्य गांव के प्रबुद्ध नागरिकों और युवाओं के द्वारा गांव मिलकपुर में सरकारी स्कूल को प्लस टू तक अपग्रेड करने की मांग को लेकर हरियाणा के शिक्षा मंत्री के नाम एक ज्ञापन पटौदी एसडीएम कार्यालय की सुप्रिडेंट की माध्यम से सौंपा है । ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से योगेश चैधरी, ईश्वर सिंह, हुकम सिंह ,सावित्री, रेनू देवी, जयप्रकाश, अनु देवी, रेनू देवी , मनीष , जयप्रकाश अन्य लोग भी मौजूद रहे। ज्ञापन सौंपने से पहले मिलकपुर गांव में सरकारी स्कूल को कक्षा 12 तक अपग्रेड करने की मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय परिसर में युवाओं के द्वारा अपना हम अपना अधिकार मांगते नहीं किसी से भीख मांगते, हरियाणा सरकार होश में आओ हरियाणा सरकार होश में आओ, शिक्षा मंत्री ग्रामीणों की फरियाद सुनो शिक्षा मंत्री ग्रामीणों की फरियाद सुनो जैसे गगनभेदी नारे भी लगाए ।

ज्ञापन सौंपने के बाद पटौदी एसडीएम कार्यालय परिसर में पहुंचे ग्रामीणों के द्वारा खुलासा किया गया कि कुछ दिन पहले ही शिक्षा विभाग के द्वारा एक पत्र जारी किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि जिला गुरुग्राम में अपग्रेड किए जाने वाले 10 स्कूलों में सबसे पहले नंबर पर गांव मिलकपुर का सरकारी स्कूल का नाम दर्ज  था। इस स्कूल को कक्षा बारहवीं तक अपग्रेड किया जाना है , मिलकपुर के ही ईश्वर के मुताबिक कक्षा बारहवीं तक स्कूल अपग्रेड के सभी नॉर्म्स ,शर्तें व अन्य औपचारिकताएं सकूल अपग्रेडेशन की कसौटी पर पूरी तरह से खरी उतरती है । लेकिन अज्ञात कारणों से मिलकपुर गांव के स्कूल के मामले को अपग्रेड करने की फाइल पता नहीं कहां और क्यों किन कारणों से दूसरी फाइलों के बोझ नीचे दबी हुई है। ज्ञापन सौंपने वाले ग्रामीणों के मुताबिक मिलकपुर गांव में मौजूदा समय में भी मिर्जापुर,, देवलावास, रणसीका, छावन, खोड़ और यहां तक की हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र से भी अनेक बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए जा रहे हैं। इसका एक ठोस और सकारात्मक पहलू यह है कि मिलकपुर गांव के स्कूल का परीक्षा परिणाम अन्य स्कूलों से बेहतर, बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिवर्ष 12 से 15 छात्रों का मेरिट में आना, विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में जिला सहित अन्य प्रतियोगिताओं में छात्राओं के द्वारा लगातार अग्रणी स्थान प्राप्त करना, यह सब उपलब्धियां स्कूल के योग्य कुशल शिक्षा सहित विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के लिए समर्पित अध्यापकों की बदौलत ही संभव हो पा रहा है । यही कारण है कि  गांव मिलकपुर का स्कूल आसपास के ग्रामीणों के अभिभावकों के बीच में एक अलग ही पहचान बनाए हुए हैं ।

वहीं ग्रामीणों का यह भी कहना है कि आज के समय में अभिभावक अपनी बच्चियों को ग्रामीण अंचल के अलावा शहरी क्षेत्र में स्कूलों में पढ़ने से भेजने के लिए माहौल को अनुकूल नहीं देख रहे हैं । सबसे बड़ी समस्या परिवहन सुविधा का उपलब्ध नहीं होना है , वही अन्य और भी कई प्रकार के कारण है। जिन्हें देखते हुए विशेष रुप से युवतियों अथवा युवा छात्राओं की चिंता अभिभावकों को सताती आ रही है। ग्रामीणों की मानें तो गांव मिलकपुर के स्कूल को कक्षा बारहवीं तक अपग्रेड करने की मांग बीते करीब 15 वर्षों से की जाती आ रही है । ज्ञापन सौंपने वालों के द्वारा पटौदी के एमएलए और क्षेत्र के सांसद से भी यह सवाल किया गया है कि जब हाल ही में पटोरी क्षेत्र के अपग्रेड किए जाने वाले स्कूलों की लिस्ट में सबसे पहला नाम गांव मिलकपुर के स्कूल का था तो ऐसे क्या कारण रहेगी पहले स्थान पर दर्ज सकूल को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया है।
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