पटौदी सबडिवीजन कोर्ट के इलाका मजिस्ट्रेट की कोर्ट में खारिज की याचिका

राम भगत गोपाल की तरफ से पांच वरिष्ठ एडवोकेट के द्वारा की गई बहस

माननीय न्यायधीश के पूछने पर भी सरकारी वकील का नहीं संतोषजनक जवाब

शिवचरण ( शिवा )
पटौदी ।  बीती 4 जुलाई संडे को पटौदी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आहूत लव जिहाद, जमीन जिहाद, बाजार जिहाद ,धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दों को लेकर भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष मास्टर ओम सिंह चैहान की अध्यक्षता में पंचायत का आयोजन किया गया।  इस महापंचायत में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता सूरज पाल अम्मू, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष एवं गुरुग्राम बार के पूर्व  अध्यक्ष एडवोकेट कुलभूषण भारद्वाज, जिला गौ रक्षा दल के अध्यक्ष नीलम रामपुर , जयदीप आर्य ,सुशील गिरी, आशुतोष महाराज सहित अन्य वक्ताओं के द्वारा हिंदू धर्म और संस्कृति के रक्षक के साथ-साथ एक वर्ग विशेष के द्वारा किए जा रहे योजनाबद्ध तरीके से लव जिहाद , जमीन जिहाद, धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर अपने अपने खुलकर विचार रखे गए|

इसी पंचायत में ही शहीन बाग से चर्चा में आए युवा राम गोपाल शर्मा उर्फ राम गोपाल भगत के द्वारा भी बेबाकी के साथ में अपनी बातें रखी गई । करीब एक सप्ताह के बाद में गांव जमालपुर के रहने वाले दिनेश पुत्र ब्रह्मपाल प्रकाश के द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो फुटेज की शिकायत पर पटौदी थाना पुलिस के द्वारा रामगोपाल शर्मा और राम भक्त गोपाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर 24 घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर लिया गया । गुरुवार को रामगोपाल शर्मा उर्फ रामगोपाल भगत की जमानत याचिका पर सुनवाई पटौदी में माननीय न्यायधीश मोहम्मद सगीर की कोर्ट में होना तय की गई।
रामगोपाल शर्मा उर्फ रामगोपाल भगत की तरफ से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट लोकेश वशिष्ठ , गुरुग्राम बार के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट कुलभूषण भारद्वाज , पटौदी बार के प्रधान विशाल चैहान , पटौदी बार के ही सचिव राजेश राव और पटौदी बार के ही एडवोकेट आर एस सैनी के द्वारा राम भगत गोपाल उर्फ राम गोपाल शर्मा की जमानत याचिका लगाई गई थी । सूत्रों के मुताबिक जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले माननीय अदालत के द्वारा पटौदी पुलिस को अपना समय रहते जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया गया । कथित रूप से पटौदी पुलिस के द्वारा गुरुवार को ही दोपहर में जमानत के मामले में अपना जवाब सरकारी वकील के माध्यम से कोर्ट के समक्ष रखा गया । जमानत के मुद्दे को लेकर सरकारी वकील और राम भगत के वकीलों में करीब पौना घंटा तक बहस हुई और इस दौरान रामगोपाल शर्मा उर्फ रामगोपाल भगत की पैरवी करने वाले वरिष्ठ एडवोकेट के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा विभिन्न मामलों में जारी किए गए ऑर्डर की प्रतियां माननीय न्यायालय में पेश करते हुए जमानत स्वीकार करने का अनुरोध किया गया । सूत्रों के मुताबिक इसी बीच में माननीय न्यायधीश के द्वारा सरकारी वकील से यह भी सवाल किया गया कथित रूप से क्या आप हिंदू होकर इस पूरे मामले में कुछ कहने से बच रहे हैं या कहना नहीं चाहते हैं ? सूत्रों का कहना है कि रामगोपाल शर्मा उर्फ रामगोपाल भगत की जमानत याचिका को लेकर सरकारी वकील के द्वारा विरोध में कोई भी ठोस तथ्य सामने नहीं रखी जा सके।

फिर भी देश में कोर्ट सहित कानून का सभी सम्मान करते हैं और पटौदी कोर्ट में माननीय न्यायधीश मोहम्मद सगीर की अदालत के द्वारा दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत 11 पेज के आदेशों पर अंकित करवाते हुए रिजेक्ट कर दी गई । जमानत रद्द किए जाने की इन 11 पेज के आदेश की समरी अथवा कुल सार प्रबुद्ध और वरिष्ठ एडवोकेट के द्वारा बताया जा रहा है कि जमानत याचिका रद्द किए गए आदेश में सबसे महत्वपूर्ण बात यह दर्ज है कि आरोपी सबूतों के साथ में छेड़छाड़ कर सकता है और समाज में शांति भंग होने का खतरा है ।

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट लोकेश वशिष्ट इस प्रकार के आदेश से इत्तेफाक नहीं रखते हैं । उनका कहना है कि राम भगत गोपाल उर्फ रामगोपाल शर्मा के भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी वीडियो लिंक बतौर सबूत पुलिस के पास है और पुलिस यही सबूत अदालत में भी सौंप चुकी है । तो यह बेहद गंभीर और विचारणीय सवाल है कि जो सबूत पुलिस सहित अदालत के पास मौजूद हैं उनसे किस प्रकार से और किस आधार पर छेड़छाड़ करना संभव है ?

जमानत याचिका खारिज किया जाने के बाद में तमाम हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों में तीव्र रोष बना हुआ है। वही रामगोपाल शर्मा उर्फ रामगोपाल भगत की जमानत याचिका पैरवी करने वाले सभी वरिष्ठ वकीलों का कहना है कि अब गुरुग्राम सेशन कोर्ट में पटौदी कोर्ट के द्वारा खारिज की गई याचिका को चुनौती दी जाएगी । वही एडवोकेट का यह भी कहना है कि पटौदी पुलिस ने कथित किसी न किसी दवाब में बहुत जल्दबाजी में राम गोपाल शर्मा को गिरफ्तार करने और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और आर्डर की अनदेखी करते हुए माननीय न्यायधीश के समक्ष पेश किया । यह सब कानून और कोर्ट के द्वारा इंसाफ प्राप्त करने की एक प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया का सम्मान करते हुए गुरुग्राम सेशन कोर्ट में रामगोपाल शर्मा उर्फ रामगोपाल भगत की जमानत याद याचिका दायर की जाएगी, पूरी उम्मीद है कि सेशन कोर्ट से हम सभी को न्याय मिल सकेगा।
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