आरोपियों ने मारपीट करके हत्या की वारदात को अन्जाम दिया

पुलिस रिमाण्ड पर लेकर प्रयोग किए हथियार बरामद किए जाएगें
शिवचरण
गुरूग्राम।  
   एक दिन पहले टेलिफोन काल कथुरिया अस्पताल, गुरुग्राम से थाना सैक्टर-40, गुरुग्राम में नरेन्द्र उर्फ नितिन पुत्र गीतानन्द निवासी गांव नाहरपुर रुपा थाना सदर, गुरुग्राम को लडाई झगडे में लगी चोटो के कारण मौत होने के सम्बन्ध में प्राप्त हुई। थाना सैक्टर-40 से अनुसंधान अधिकारी सहायक उप-निरीक्षक प्रवीन कुमार कथुरिया अस्पताल पहुचां जहां पर मृतक नरेन्द्र उर्फ नितिन की माता कमलेश पत्नी गीतानन्द निवासी गांव नाहरपुर रुपा मिली। एसीपी क्राइम प्रीतपाल के मुताबिक उसने लिखित शिकायत दी कि दिनांक 20 जून को बङे लडके नरेन्द्र उर्फ नितिन, उम्र करीब 19 वर्ष को वरुण नामक लड़के ने फोन करके ग्रीन वुड सिटी सैक्टर-45 बुलाया जहां पर विनयपाल,  मानसिह व बोधन व वरुण व अन्य 7-8 व्यक्तियों ने मिलकर  लडके नरेन्द्र के साथ मारपीट की। इसके लडके को विनयपाल, मानसिंह, बोधन व वरुण व अन्य  मरा हुआ समझकर छोड कर चले गए। दामाद मंगलसिंह पुत्र सतपाल निवासी गांव कालवा जिला जीन्द के पास इसके बेटे की फोन लोकेशन आने पर यह व इसका दामाद मंगल सिंह के साथ ग्रीन वुड सिटी सैक्टर-45, गुरुग्राम पहुंचे तो देखा इसका लडका नरेन्द्र उर्फ नितिन रोड पर पडा हुआ है जिसके दोनों हथों दोनों पैरों व पीठ पर चोटों के निशान है, ये नरेन्द्र उर्फ नितिन को ईलाज के लिए कथूरिया अस्पताल में आए जिसकी दौराने ईलाज मारपीट में लगी चोटों के कारण मौत हो गई।

निरीक्षक विरेन्द्र खत्री, प्रभारी थाना सैक्टर-40, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने अपनी समझबुझ से मारपीट करके हत्या की वारदात को अन्जाम देने वाले  चार आरोपियों को 21 जून को गुरुग्राम से काबू करने में बङी सफलता हासिल की। इनकी पहचान कुलताज पुत्र दलबीर निवासी मकान नं. 897ध्35, गली नं.-3, शिव विहार कॉलोनी, वेस्ट राजीव नगर, गुरुग्राम, प्रदीप पुत्र कृष्ण निवासी बालाजी कॉलोनी गढी हरसरु, गुरुग्राम, मान सिंह उर्फ मोनू पुत्र बोधन निवासी मकान नं. 759/22 गली नं.-2, गाँधी नगर, गुरुग्राम और वरुण पुत्र रामफल निवासी सी-126 वैस्ट राजीव नगर, गुरुग्राम के तौर पर की गई। आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि मृतक नरेन्द्र उर्फ नितिन को आरोपी मानसिंह उर्फ मोनू ने अपने भान्जे आरोपी वरुण व अन्य आरोपियों के साथ मिलकर मारपीट करके इस वारदात को अन्जाम दिया। पुलिस हिरासत रिमाण्ड के दौरान आरोपियों के साथ अभियोग की वारदात को अन्जाम देने में शामिल रहे अन्य साथी आरोपियों के बारे में पूछताछ करते हुए मारपीट करने में प्रयोग किए गए हथियार इत्यादि बरामद किए जाएगें।
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