ग़रीब तबके क्षेत्र के नज़दिक बच्चों को शिक्षा मुहैया कराएगी संस्था  

शिक्षा से वंचित ग़रीब बच्चों को फ्री में शिक्षा होगी उपलब्ध

गुरुग्राम ब्यूरो।
पटौदी खंड के छोटे से गांव गोरियायास के रहने वाले अधिवक्ता अमित शर्मा ने दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 24 में प्रवासी मज़दूरों को खाना वितरित कर मनाया अपना जन्मोत्सव,युवा विकास शैक्षिक संस्थान,दिल्ली के संस्थापक अधिवक्ता अमित शर्मा ने आज झुग्गी झोपड़ी व फुटपाथ पर रह रहे लगभग 500 से अधिक गरीबों को खाना किया वितरित।इस अवसर पर संस्था के संस्थापक अमित शर्मा ने बताया कि जो भी बच्चा आज गरीबी की वजह से शिक्षा से वंचित है उसे हमारी संस्था द्वारा फ्री में शिक्षा उपलब्ध करवाई जाएगी जिसमें बच्चों कीं शिक्षा के लिए उपयोग होने वाली पाठ्य सामग्री भी उन्हें मुफ्त में वितरित की जाएगी, युवा विकास शैक्षिक संस्थान द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी स्किल्स प्रोग्राम्स आयोजित कराए जाते हैं जिसमें महिलाएँ अपने घर में रहकर हीं कार्य कर अपनी आजीविका चला सकती हैं।संस्था द्वारा विभिन्न प्रकार के कोर्स कराए जाते हैं जिसमें प्रत्येक पुरुष व महिला उन कोर्सेज को करने के पश्चात अपनी आजीविका के लिए सक्षम हो जाते है व कोर्स पूर्ण होने के पश्चात संस्था द्वारा उन्हें नौकरी के लिए भी प्रेरित किया जाता है।संस्था की सचिव सुषमा भास्कर ने बताया कीं संस्था द्वारा कराए जाने वाले कोर्स में जो भी विद्यार्थी सबसे उपर अपनी जगह बनाता है उसे युवा विकास शैक्षिक संस्थान द्वारा स्कॉलरशिप भी प्रदान कीं जाती हैं जिसमें उनकी उच्च शिक्षा के लिए संस्था द्वारा सहायता प्राप्त होती हैं, अधिवक्ता अमित शर्मा का कहना हैं कीं जल्द हीं जो छोटे विद्यार्थी एक स्थान से दूसरे स्थान अथवा दूर जाने में असमर्थ है उनके लिए संस्था बहुत जल्द उनके नज़दीक क्षेत्र में ही उनको पढ़ाने का इंतजाम करेगी जिस से छोटे व ग़रीब तबके के विधार्थियो को आने जाने की वजह से शिक्षा से वंचित नही रहना पड़ेगा इसी के साथ आज के आधुनिक समय में जो लोग किसी भी कारण या मजबूरी में अपने बच्चो को पढ़ाने में संकोच करते है उनसे भी संस्था प्रार्थना करता है की अपने बच्चो को पढ़ने के लिए जरूर भेजे और भारत को साक्षर बनाने में हमारा सहयोग करे,युवा विकास शैक्षिक संस्था का मुख्य उद्देश अधिक से अधिक ग़रीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है।इस अवसर पर संस्था की सचिव व अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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