आंदोलनकारी बोले यह किसान अंादेालन नही जन आंदोलन

रविवार 28 को होलिका दहन मोर्चे पर ही किसान मनांएगे

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर पिछले 103 दिनों से संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में घोषणा के अनुरूप शुक्रवार 26 मार्च को देश व्यापी भारत बंद के आहवान पर शाहजहांपुर खेडा बोर्डर के चोतरफा नाकाबंदी करके किसान आंदोलनकारियों द्वारा प्रदर्शन कर जाम किया गया। किसान सभा और धरना स्थल पर राजस्थान पूर्व विधायक अमराराम, पूर्व विधायक पैमाराम, पवन दुगगल, राजाराम मील, किसान नेता रामकिशन महलावत, सरदार राजू उर्फ रणजीत सिंह, डॉ संजय माधव, कालू थोरी ने कहा कि केंद्र सरकार को भारत बंद के आहवान पर हाईवे पर वाहनों का चक्का जाम करके केंद्र सरकार को एक आईना दिखाया है । आंदोलन किसानों के द्वारा की गई मांग जब तक पूरी नही होती आंदोलन जारी रहेगा । सही मायाने में यह किसान अंादेालन नही जन आंदोलन बन चुका है।

इसी क्रम में आगामी 28 मार्च को  देश के किसान अलग अलग मोर्चो पर होली पर्व के साथ होली दहन में कृषि बिल के विरोध में कृषि कानून बिल का दहन करेंगे । इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं एवं किसान नेताओं ने भारत बंद के आहवान पर सहयोग करने वाले जागरूक किसानों, मजदूर, कमेरा वर्ग को धन्यवाद किया। राजस्थान के बीकानेर के शीर्ष के नेता कामरेड शोपथ सिंह की 15वीं पुण्य तिथि पर श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि किसान मजदूर हितैषी लगातार चार बार विधायक रहे व बीकानेर क्षेत्र से सांसद रहे कामरेड शोपथ सिंह को सच्ची श्रृद्धांजलि उनके अधूरे सपने को साकार करके आगे बढाना ही सच्ची श्रृद्धांजलि है ।

इस मौके पर बच्चू सिंह शाहपुर, जेठाराम बीकानेर, मास्टर रघबीर भेरा, जीतराम लौर, बलकेश दाता राम गढ, अत्तर सिंह प्राणपुरा, सुभाष महलावत, महेंद्र ककरावत आदि किसानों ने कहा कि, गुजरात में आयोजित भारतीय किसान यूनियन के शीर्ष के नेता युद्धबीर सिंह के द्वारा आयोजित अहमदाबाद में  प्रैस कान्फें्रस करने के नाम पर उन्हे भाजपा के शीष नेताओं के ईशारों पर गिरफतार करना केंद्र सरकार व गुजरात सरकार कर निंदनीय और तानाशाही वाला कार्य है। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार पै्रस वार्ता के आयोजन में दखल डालकर कुठाराघात कर रही है , जिसकी विरोध हर मोर्चे से किया जाएगा। राजाराम मील ने कठोर निंदा करते हुए कहा कि केंद्र की सरकार बौखलागई है । संयुक्त मोर्चे द्वारा समय समय पर की जाने वाले महापंचायतों को मिल रहे जनसमर्थन के कारण केंद्र सरकार के पैर उखड़ गए है और औछी हरकते करने पर उतारू है । किसान नेता इसका डटकर मुकाबला करेंगे।

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