अनेक वर्गों,समूहों और संगठनों द्वारा समर्थन
फतह सिंह उजाला
शांहजहापुर । बुधवार को शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन और संघर्ष ने 60 दिन पूरे कर लिये। किसानों के आंदोलन को समाज के अनेक वर्गों,समूहों और संगठनों द्वारा समर्थन प्रदान किया गया, जिससे किसानों के आंदोलन को एक नई ऊर्जा प्राप्त हुई। बुधवार की आमसभा की शुरुआत किसान साथियों द्वारा गीतों की प्रस्तुति से हुई।
संयुक्त किसान मोर्चा के शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर राजस्थान और हरियाणा दोनों ओर से स्थानीय जनता की ओर से भी भारी जन-समर्थन प्राप्त हुआ। नैहरा खांप, बावल चैरासी, अलवर और आस पास के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से व पूर्वी राजस्थान से भारी संख्या में किसानों ने मोर्चे की आमसभा में भाग लिया। भारी संख्या में छात्र व युवा साथी भी किसानों के समर्थन में शाहजहांपुर बॉर्डर के मोर्चे पर पहुँचे । बुधवार की किसान आमसभा को पवन दुग्गल,अतुल मीणा,केरल कृषक संघम के सज्जू, कमलेश विश्नोई, शोपतराम, बनवारी मीणा, पृथ्वीराज, मनीराम ठेकेदार, विक्रम सिंह मीणा, शंकरलाल थानेदार, नारायणराम डूडी, भंवरलाल,रूड़ सिंह महला, गुरुचरण मोड़, गुरप्रीत सिंह,जवान सिंह मोचा, पुष्पेंद्र त्यागी, मौलाना दिलशाद,पिंटू बडोली, अमरेश कुमार,जगदीश सारस्वत, शशिकांत शर्मा, राजवीर सिंह,रामावतार सिंह सपोटरा, आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया।
फतह सिंह उजाला
शांहजहापुर । बुधवार को शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन और संघर्ष ने 60 दिन पूरे कर लिये। किसानों के आंदोलन को समाज के अनेक वर्गों,समूहों और संगठनों द्वारा समर्थन प्रदान किया गया, जिससे किसानों के आंदोलन को एक नई ऊर्जा प्राप्त हुई। बुधवार की आमसभा की शुरुआत किसान साथियों द्वारा गीतों की प्रस्तुति से हुई।
संयुक्त किसान मोर्चा के शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर राजस्थान और हरियाणा दोनों ओर से स्थानीय जनता की ओर से भी भारी जन-समर्थन प्राप्त हुआ। नैहरा खांप, बावल चैरासी, अलवर और आस पास के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से व पूर्वी राजस्थान से भारी संख्या में किसानों ने मोर्चे की आमसभा में भाग लिया। भारी संख्या में छात्र व युवा साथी भी किसानों के समर्थन में शाहजहांपुर बॉर्डर के मोर्चे पर पहुँचे । बुधवार की किसान आमसभा को पवन दुग्गल,अतुल मीणा,केरल कृषक संघम के सज्जू, कमलेश विश्नोई, शोपतराम, बनवारी मीणा, पृथ्वीराज, मनीराम ठेकेदार, विक्रम सिंह मीणा, शंकरलाल थानेदार, नारायणराम डूडी, भंवरलाल,रूड़ सिंह महला, गुरुचरण मोड़, गुरप्रीत सिंह,जवान सिंह मोचा, पुष्पेंद्र त्यागी, मौलाना दिलशाद,पिंटू बडोली, अमरेश कुमार,जगदीश सारस्वत, शशिकांत शर्मा, राजवीर सिंह,रामावतार सिंह सपोटरा, आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया।