रोेड रोलर-जेसीबी से नहीं मोटर साइकिल से रोड बनाने का कारनामा

बीडीपीओ-चेेयरमैन के द्वारा इस मामले में भुगतान भी किया गया

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
   रोड रोलर और जेसीबी पटौदी के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी , पंचायत समिति चेयरमैन सहित अन्य कर्मचारियों के लिए अब जी का जंजाल बन गए हैं । मामला ही कुछ ऐसा है कि खंड विकास एवं पंचायत विभाग के द्वारा करवाए गए विभिन्न विकास कार्यों में जेसीबी और रोड रोलर इस्तेमाल किए जाने का दावा किया गया , इसकी एवज में भुगतान भी कर दिया गया । लेकिन जब शक हुआ और आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी गई तो बेहद चैंकाने वाला कथित भ्रष्टाचार का मामला बाहर निकल आया ।

दरअसल जिस रोड रोलर और जेसीबी के लिए भुगतान किया गया जब उसके रजिस्ट्रेशन नंबर की आईटीआई के द्वारा पुष्टि की गई तो वह नंबर एक मोटरसाइकिल का सामने आया । इसके बाद में सीधा-सीधा मामला यह बन गया कि कथित रूप से रोड रोलर और जेसीबी का तो इस्तेमाल ही नहीं हुआ, जो भी विकास कार्य करवाए गए जैसे कि रोड बनाना, रोड को समतल करना, मिट्टी की खुदाई करवाना, वह सब एक मामूली सी मोटरसाइकिल के दम पर करवा दिया गया । अब इसी मामले को लेकर पटौदी थाना में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत इस भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाए गए खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय के अधिकारी और पंचायत समिति के चेयरमैन सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है ।  चारा घोटाले की तर्ज पर इस्तेमाल किए गए वाहनों के घोटाले के जैसे ही इस मामले को भी सबसे पहले 17 सितंबर को मीडिया के माध्यम से शासन प्रशासन सहित आम जनमानस के सामने लाया गया।

आए दिन भ्रष्टाचार के नए-नए कारनामे व तरीके सामने आते रहते हैं । लेकिन रोड रोलर , जेसीबी की जगह मोटरसाइकिल चलवा कर विकास कार्य के सरकारी खजाने से पैसा निकालने का एक अद्भुत कारनामे का खुलासा हो चुका है  । पटौदी खंड के ही गांवों में रास्तों को ठीक करने, बनाने सहित अन्य कार्य  के लिए रोड रोलर और जेसीबी से काम किया जाना था । लेकिन पटौदी ब्लॉक समिति के पदाधिकारियों व सरकारी अधिकारियों ने कथित मिलीभगत करके रोड रोलर- जेसीबी की जगह मोटरसाइकिल चलवा दी और इसके एवज में सरकारी खजाने से 18000 रूपए भी निकाल लिए गए।

जब इस की जानकारी आरटीआई कार्यकर्ता नरेश कुमार को हुई तो आरटीआई के माध्यम से कार्य के बिल की कॉपी मांगी गई।  जिसमें ब्लॉक समिति पटौदी की तरफ से तीन बिलों की कॉपियां प्राप्त हुई,  जिसमें दो बिलों की तिथि 28.5. 2018 एक बिल की तिथि 6.3. 2018 दिखाई गई है और इन बिलों में जो रोड रोलर का नंबर एचआर 76सी - 4748 दिया गया , जांच करने पर यह नंबर हौंडा मोटरसाइकिल,  ब्रह्म प्रकाश के नाम से रजिस्टर्ड मिला है। जिसकी एवज में अधिकार मंच के आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव व नरेश कुमार  ने दोषियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर कार्रवाई करने के लिए 8 नवंबर 2020 को एसएचओ पटौदी को एक शिकायत दी। जिस पर पुलिस ने 2 महीने तक कोई कार्यवाही नहीं की ।

इसके उपरांत आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव ने माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सीएम विंडो के द्वारा मामले में कार्रवाई करनी के लिए पत्र लिखा । जिसे कार्यवाही के लिए एसीपी पटौदी के द्वारा एसएचओ पटौदी को भेजा गया । जिसकी जांच में एसएचओ पटौदी ने पाया की रोड रोलर-जेसीबी की जगह मोटरसाइकिल के नंबर के प्लेट लगाए हुए वह अन्य कामों में भी हेराफेरी की गई है ।  एसएचओ पटौदी ने इसे मानव त्रुटि बताते हुए शिकायत को फाइल करने की सिफारिश कर दी । लेकिन जैसे ही जांच रिपोर्ट डीसीपी मानेसर के पास पहुंचीत्र तो डीसीपी मानेसर ने एसीपी पटौदी को साफ-साफ लिखा कि रिपोर्ट के अनुसार अपराध का होना पाया गया है और इस पर कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाए। जिसके उपरांत पटौदी थाने में एफ आई आर नंबर 56 आईपीसी की धारा 120 बी 420 वह 409 के तहत राकेश यादव चेयरमैन ब्लाक समिति पटौदी, अरुण कुमार बीडीपीओ ब्लाक समिति पटौदी, बीडीपीओ कर्मचारी सुरेश कुमार , महेंद्र व अन्य के खिलाफ दर्ज की गई है।

डिप्टी सीएम ने भी कराई जांच
बीते वर्ष 13 सिंतबर को बोहड़ाकला में अपने राजनीतिक सचिव महेश के यहां पहंुचने पर डिप्टी सीएम दुष्यंत को भी नरेश कुमार के द्वारा इस मामले के दस्तावेज सौंपते हुए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी। डिप्टी सीएम ने जांच पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को पूरी करके 15 दिन में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। इसी बीच में एसडीएम पटौदी के द्वारा भी संबंधित मामले में विकास कराये स्थानों का मुआयना कर लोगों से जानकारी जुटाई गई। पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार का कहना है कि वह अपनी जांच पूरी करके रिपोर्ट डिप्टी सीएम को पहले ही भेज चुके हैं।  

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