बंद परिसरों में क्षमता के अधिकतम 50 प्रतिशत लोगो की अनुमति

फेस मास्क , हाथ धोना या सैनिटाइजर का प्रयोग करना अनिवार्य  

फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम।
   जिला गुरूग्राम में सामाजिक , धार्मिक , खेल , मनोरंजन , शैक्षणिक ,सांस्कृतिक आदि गतिविधियों में हाॅल की क्षमता के 50 प्रतिशत तक लोगों को शामिल किया जा सकता है और खुले परिसरों में लोगों के एकत्रित होने की कोई सीमा नही रखी गई है। ये आदेश जिला में 28 फरवरी तक प्रभावी रहेंगे।
 
इस बारे में आदेश  जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं डीसी डा. यश गर्ग ने जारी किए हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय तथा हरियाणा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आदेशों को आधार बनाकर जारी किए गए इन आदेशों में डीसी ने कहा है कि अब कंटेनमेंट जोन से बाहर के क्षेत्रों में जिला में खुले परिसरों में लोगों के एकत्रित होने की सीमा समाप्त कर दी गई है। बंद परिसरों जैसे कि हाॅल , भवन आदि में हाॅल की क्षमता के अधिकतम 50 प्रतिशत लोगों को एकत्रित होने की अनुमति दी गई है। उदाहरण के तौर पर यदि हाॅल की क्षमता एक हजार व्यक्तियों की है तो उसमें 500 व्यक्तियों को किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जा सकता है। इसी प्रकार, यदि हाॅल की क्षमता 500 व्यक्तियों की है तो 250 व्यक्ति और क्षमता 200 व्यक्तियों की है तो 100 व्यक्तियों को एकत्रित किया जा सकता है लेकिन इस दौरान गृह मंत्रालय की एसओपी का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है। इसका तात्पर्य है कि किसी भी सामाजिक , धार्मिक या अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोगों के लिए फेस मास्क पहनना , हाथ धोना या सैनिटाइजर का प्रयोग, थर्मल स्कैनिंग , सामाजिक दूरी आदि नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

आदेशो में कहा गया है कि सिनेमा हाॅल और थियेटर में दर्शकों की संख्या सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित एसओपी के आधार पर होगी। इसी प्रकार, स्वीमिंग पूल के मामले में युवा मामले एवं खेल मंत्रालय की हिदायतों का पालन करना अनिवार्य किया गया है । एग्जीबिशन हाॅल के मामले में वाणिज्य विभाग की एसओपी की पालना जरूरी है।  जिला में कोविड अनुरूप व्यवहार की पालना सुनिश्चित करने की हिदायत दी गई हैं। इसमें मास्क पहनना , हाथों की सफाई तथा सोशल डिस्टंेसिंग के सभी आवश्यक उपाय किए जाने जरूरी हैं। कोविड प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय निर्देशों की पालना जिला में जारी रहेगी। कंटेनमेंट जोन की सीमाएं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की हिदायतों अनुसार जिला अधिकारियों द्वारा तय की जाएंगी जिनमें कंटेनमेंट के आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। कंटेनमेंट जोन में हिदायतों की पालना सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पुलिस और नगर निगम अथवा नगर पालिकाओं को दी गई है।

आदेशों मेे यह भी कहा गया है कि यात्री गाड़ियों , हवाई जहाज , मैट्रो रेल , स्कूल , उच्च शिक्षण संस्थानों , होटल , रैस्टोरेंट , शाॅपिंग माॅल, मल्टीप्लैक्स , मनोरंजन पार्क, योगा सैंटर, जिम आदि के मामले में सरकार द्वारा समय समय पर जारी एसओपी की पालना अनिवार्य है। अंतर्राज्यीय तथा राज्य के भीतर यात्रियों तथा सामान के आवागमन पर कोई प्रतिबंध नही है और इसके लिए किसी प्रकार की अनुमति या परमिट लेने की आवश्यकता नही है। 65 साल से उपर के व्यक्तियों, गंभीर बिमारियों से ग्रस्त मरीजों , गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से छोटे बच्चों को आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है। सभी नागरिकों को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु डाउनलोड करके इसका प्रयोग करने के लिए कहा गया है। इन आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की विभिन्न धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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