लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी

एमएलए से लेकर सीएम तक की गुहार

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
 फर्रुखनगर क्षेत्र में गांव से गांव जोडने वाली बदहाल सड़कें स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। विधायक से मुख्यमंत्री तक गुहार के बाद सड़कों को गड्ढा मुक्त नहीं किया गया। सड़क के सुधार के लिए दी गई शिकायते भी बेअसर है।

ग्रामीण क्षेत्र में मार्केटिंग बोर्ड, लोकनिर्माण विभाग द्वारा सड़के बनाई हुई है। अधिकांश सड़कों की हालत काफी खराब है। यहां कई वर्षों से लोग जर्जर सड़क पर ही आवागमन कर रहे हैं। ऐसी ही एक सड़क करीब 17-18 साल पहले गांव जोनियावास- तिरपड़ी को जोड़ने के लिए बनाई गई थी। लेकिन राजनितिक उपेक्षा और अधिकारियों की अनदेखी आलम यह रहा कि सड़क निर्माण के बाद किसी ने पलट कर भी नहीं देखा कि सड़क की हालत कैसी है। सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे देखकर ऐसा प्रति होता है कि मानों गडढों के बीच में सड़क तैयार की गई हो। सड़क की यह दुर्दशा तो तक है जबकि इस मार्ग से हर रोज सैंकडों की संख्या में ग्रामीण, युवा नौकरी के लिए पंचगांव, मानेसर आदि स्थित विभिन्न कम्पनियों में काम करने साइकिल, बाइक, गाडी आदि साधन से जाते है। यह रास्ता अन्य रास्तों से करीब 10 से 12 किलों मीटर छोटा पड़ता है।
समाजसेवी राजबीर शर्मा सैहदपुर, सरपंच राकेश ठेकेदार तिरपड़ी, पंचायत समिति के वाइस चेयरमैन सोम प्रकाश यादव, रमेश यादव लम्बरदार, विजय पाल जोनियावास, अजय यादव जोनियावास, राव अजीत सिंह, चैधरी हेमराज किन्हा , बुधराम यादव आदि ने बताया कि इस सड़क पर प्रतिदिन स्थानीय लोगों के अलावा सैंकडों लोगों का आवागमन रहता है। करीब 17 -18 वर्ष पहले इस सड़क का निर्माण तत्कालीन पटौदी विधायक रामबीर सिंह द्वारा इनेलो सरकार में कराया गया था। इसके बाद से सड़क की मरम्मत तक का कार्य नहीं कराया गया है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।  उपेक्षा के चलते बीच बीच में से सड़क गायब ही हो गई है। कहीं तो बीच में मात्र पगडंडी ही रह गई है। सड़क जर्जर होने के चलते अक्सर राहगीर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। सड़क की हालत में सुधार के लिए स्थानीय, जिला अधिकारियों के अलावा स्थानीय विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री से शिकायत की गई लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ। किसी ने भी सड़क निर्माण कराने की जहमत नहीं उठाई है। ग्रामीण जर्जर सड़क पर आवागमन करने को मजबूर हैं। बरसात के दिनों में स्थित और भी दयनीय हो जाती है।


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