डीसी गुरुग्राम के द्वारा जारी किए गए आदेश
सुनवाई के दौरान सरपंच सबूत देने में रहा नाकाम
फतह सिंह उजाला
पटौदी । पटौदी हलके के गांव मौजाबाद के सरपंच केशु राम को तुरंत प्रभाव से सरपंच पद से निलंबित कर दिया गया है । इस संदर्भ में जिला उपायुक्त अमित खत्री के द्वारा हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51 के तहत निलंबन के आदेश पारित किए गए हैं । इस संदर्भ में निलंबन आदेश की प्रतियां क्रमशः निदेशक विकास एवं पंचायती विभाग चंडीगढ़, पटौदी के एसडीएम, पटौदी के खंड एवं विकास पंचायत अधिकारी के साथ-साथ निलंबित सरपंच केसु राम को भी प्रेषित कर दी गई हैं ।
जानकारी के मुताबिक गांव जैतपुर के निवासी नितिन कुमार के द्वारा मौजाबाद गांव के सरपंच के खिलाफ पंचायती रास्ते पर अवैध कब्जा हटवाने के संदर्भ में शिकायत की गई थी। नितिन कुमार का आरोप था कि पंचायती रास्ते से अवैध कब्जा हटवाने के मामले में सरपंच और संबंधित अधिकारियों ने मिलीभगत करके मामले को गोलमाल कर दिया । इस शिकायत की जांच करवाई गई और जांच में आरोपी सरपंच को भी व्यक्तिगत रूप से बचाव का मौका दिया गया । लेकिन सरपंच केशु राम अपने ऊपर लगे आरोपों से बचाव के मामले में मैं तो लिखित में कोई जवाब दे सका और नहीं इसी प्रकार के अन्य सबूत प्रस्तुत किए गए। ऐसे में जो आरोप सरपंच पर लगाए गए वह सही माने गए। जिससे यह महसूस किया गया कि सरपंच के द्वारा अपने सरपंच पद के दायित्व का सही प्रकार से निर्वाह नहीं किया गया। जो कि कदाचार की श्रेणी में आता है। इसी मामले में जिला उपायुक्त गुरुग्राम में पंचायती अधिनियम 1994 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए मौजा बाद के सरपंच केसु राम को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।
सुनवाई के दौरान सरपंच सबूत देने में रहा नाकाम
फतह सिंह उजाला
पटौदी । पटौदी हलके के गांव मौजाबाद के सरपंच केशु राम को तुरंत प्रभाव से सरपंच पद से निलंबित कर दिया गया है । इस संदर्भ में जिला उपायुक्त अमित खत्री के द्वारा हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51 के तहत निलंबन के आदेश पारित किए गए हैं । इस संदर्भ में निलंबन आदेश की प्रतियां क्रमशः निदेशक विकास एवं पंचायती विभाग चंडीगढ़, पटौदी के एसडीएम, पटौदी के खंड एवं विकास पंचायत अधिकारी के साथ-साथ निलंबित सरपंच केसु राम को भी प्रेषित कर दी गई हैं ।
जानकारी के मुताबिक गांव जैतपुर के निवासी नितिन कुमार के द्वारा मौजाबाद गांव के सरपंच के खिलाफ पंचायती रास्ते पर अवैध कब्जा हटवाने के संदर्भ में शिकायत की गई थी। नितिन कुमार का आरोप था कि पंचायती रास्ते से अवैध कब्जा हटवाने के मामले में सरपंच और संबंधित अधिकारियों ने मिलीभगत करके मामले को गोलमाल कर दिया । इस शिकायत की जांच करवाई गई और जांच में आरोपी सरपंच को भी व्यक्तिगत रूप से बचाव का मौका दिया गया । लेकिन सरपंच केशु राम अपने ऊपर लगे आरोपों से बचाव के मामले में मैं तो लिखित में कोई जवाब दे सका और नहीं इसी प्रकार के अन्य सबूत प्रस्तुत किए गए। ऐसे में जो आरोप सरपंच पर लगाए गए वह सही माने गए। जिससे यह महसूस किया गया कि सरपंच के द्वारा अपने सरपंच पद के दायित्व का सही प्रकार से निर्वाह नहीं किया गया। जो कि कदाचार की श्रेणी में आता है। इसी मामले में जिला उपायुक्त गुरुग्राम में पंचायती अधिनियम 1994 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए मौजा बाद के सरपंच केसु राम को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।