करोना संक्रमित मृतक का 18 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार

पटौदी पालिका के कर्मचारियों द्वारा किया गया अंतिम संस्कार

कोरोना संक्रमित के संस्कार पर पालिका प्रशासन पर दबाव

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
कोरोना प्रोटोकॉल का कितना और कितनी गंभीरता से पालन किया जा रहा है, यह भी अब पटौदी स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ा सवाल बन गया है । घटना एक दिन पहले सोमवार की है , यहां अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने ही खुले वाहन में एक कोरोना संक्रमित मृत व्यक्ति करीब 16 घंटे तक खुलेआम पड़़ा रहा।  मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद, पटौदी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और आनन-फानन में कार्रवाई को अंजाम दिया गया ।

यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक कथित रूप से कोरोना संक्रमित मृतक का अंतिम संस्कार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ही किया जाना बताया गया है । लेकिन इस पूरे मामले में कई चैंकाने वाली बातें सामने आई हैं । कोरोना संक्रमित मृतक जिसे की पटौदी अस्पताल के ही डॉक्टरों के द्वारा मृत घोषित किया गया, उसके बाद भी कई घंटों तक शव को सुरक्षित तरीके से नहीं रखे जाने की गंभीर लापरवाही मीडिया में सुर्खियां बनी हुई हैं । इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग ने खामोशी बनाई हुई है । सूत्रों के मुताबिक सोमवार दिन ढले जब कोरोना संक्रमित व्यक्ति के साथ आए सहकर्मियों और ग्रामीणों के द्वारा रोष जाहिर किया गया , वही कुलाना पुलिस चैकी से आए पुलिस अधिकारियों के द्वारा भी पटौदी  स्वास्थ्य विभाग के रवैए को लेकर नाराजगी जाहिर की गई । इसके बाद मृतक के शव को एक काले पॉलिथीन में पैक किया गया ।

कथित रूप से यह सारा काम स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ही किया जाना था, लेकिन पटौदी पालिका प्रशासन पर कथित दवाब बनवाते हुए अपने कर्मचारियों को भेजने के लिए कहा गया । सूत्रों के मुताबिक पटौदी पालिका के कर्मचारी अपने ही विभाग से पीपीई किट पहनकर मृतक के शव को पैक करने के लिए पहुंचे। इसके बाद बात यह थी कि मृतक का शव संस्कार के लिए जिला प्रशासन के द्वारा अधिकृत श्मशान घाट में ही ले जाया जाएगा, इसके बाद जिन कर्मचारियों के द्वारा शव को पैक किया गया उन्होंने पीपीई किट निकाल कर एक तरफ रख दी ।
सूत्रों के मुताबिक पटौदी पालिका सचिव के द्वारा इस बात का कड़ा विरोध किया गया कि पटौदी पालिका क्षेत्र में ऐसा कोई भी शमशान अधिकृत नहीं है, जहां कोरोना संक्रमित मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सके । पालिका सचिव के द्वारा स्वास्थ्य विभाग को पालिका अधिकार क्षेत्र के श्मशान में संस्कार किया जाने से साफ इंकार कर दिया गया । लेकिन कथित रूप से पालिका सचिव पर पटौदी  स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निरंतर दबाव बनाया गया कि कोरोना संक्रमित मृतक का संस्कार पटौदी में ही किया जाए । इसके बाद देर रात फिर से वही कर्मचारी कोरोना संक्रमित मृतक के संस्कार के लिए पहुंचे, जिनके द्वारा शव को पैक किया गया था। बताया गया है कि इस पूरे प्रकरण में पटौदी पालिका के 9 कर्मचारियों के द्वारा अपना सहयोग दिया गया और 18 पीपीई किट इस दौरान प्रयोग में लाई गई ।

सूत्रों का यह भी दावा है  कि कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक मृतक के अंतिम संस्कार के लिए तमाम संसाधन स्वास्थ्य विभाग को ही उपलब्ध करवाने चाहिए थे। लेकिन इस मामले में जो कुछ भी खर्च हुआ वह मृतक के परिचित के द्वारा ही भुगतान किया गया । जबकि पटौदी पालिका प्रशासन के द्वारा माननीय पहलू दिखाते हुए कोरोना संक्रमित मृतक के साथ आए परिजनों व परिचितों को कह दिया गया था कि पालिका प्रशासन मृतक के अंतिम संस्कार का जो भी खर्चा होगा वह पालिका प्रशासन के द्वारा भुगतान कर दिया जाएगा। इस पूरे मामले में जो सवाल जवाब मांग रहा है, वह यह है कि पटौदी पालिका क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मृतक के अंतिम संस्कार के लिए कोई भी शमशान अधिकृत नहीं किया जाने के बावजूद आखिर किसके दवाब में पालिका प्रशासन के द्वारा कोरोना संक्रमित मृतक का संस्कार करवाया गया है । इस बात के भी संकेत मिले हैं कि इस पूरे मामले को लेकर शहर के प्रबुद्ध नागरिकों में नाराजगी बनी हुई है और आने वाले समय में यह मामला तूल भी पकड़ सकता है।

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