बीडीपीओ कार्यालय पटौदी को दिया गया एक और मौका
शिकायतकर्ता ने मजबूती से रखें अपने साक्ष्य और पक्ष
फतह सिंह उजाला
पटौदी । पटौदी क्षेत्र में अपनी तरह के अनोखे और पहले कमाल के घोटाले की जांच पूरी नहीं हो सकी। मोटरसाइकिल से सड़क बनाने, जमीन की खुदाई करवाने और जमीन समतल कराने के काम में आरटीआई से मांगी गई सूचना के बाद सामने आए घोटाले की शिकायत बोहड़ा कला में आए डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला को दी गई थी ।
मामले की गंभीरता को देखते हुए डिप्टी सीएम ने इस गंभीर घोटाले की तत्काल जांच पूरी कर रिपोर्ट तलब की थी । इस घोटाले की जांच पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार के द्वारा की जानी थी । लेकिन शुक्रवार को यह जांच पूरी नहीं हो सकी । हालांकि इस मामले में शिकायतकर्ता पंचायत समिति सदस्य नरेश और बीडीपीओ कार्यालय पटौदी से भी अधिकारी पटौदी के एसडीएम के सामने पेश हुए । सूत्रों के मुताबिक आरोपी बीडीपीओ कार्यालय से अपना पक्ष रखने और सफाई देने के लिए पहुंचे अधिकारी यह कहकर की कलेरीकल मिस्टेक हुई है, इस घोटाले पर पर्दा डालने का प्रयास करते दिखाई दिए । वहीं सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि बीडीपीओ पटौदी कार्यालय से आए एक अधिकारी के द्वारा इस मामले में जांच आरंभ की जाने से पहले एसडीएम कार्यालय के ही एक कर्मचारी से कथित रूप से अंग्रेजी में बातें करते हुए बरगलाने का प्रयास किया गया ।
पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार के सामने शिकायतकर्ता और प्रतिपक्ष दोनों के द्वारा अपनी अपनी बात मजबूती से रखी गई । सूत्रों की माने तो यहां भी एसडीएम के सामने यही तर्क दिया गया कि यह कलेरीकल मिस्टेक हुई है । लेकिन जो दस्तावेज बीडीपीओ कार्यालय से ही आरटीआई के माध्यम से मांगी गई सूचना में सत्यापित करके दिए जा चुके हैं, उन दस्तावेजों को अब कलेरिकल मिस्टेक कहकर बचाव किया जाना कतई भी आसान काम दिखाई नहीं दे रहा है । पटौदी के एसडीएम, बीडीपीओ कार्यालय से आए अधिकारियों के द्वारा रखे गए पक्ष और कही गई बातों से कतई भी संतुष्ट दिखाई नहीं दिए । वही शिकायतकर्ता से इसी मामले में और अन्य किसी प्रकार के संबंधित साक्ष्य देने के लिए भी कहा गया। शिकायतकर्ता ने साफ-साफ बता दिया कि जो भी दस्तावेज बीडीपीओ पटौदी कार्यालय के द्वारा दिए गए हैं, वहीं डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला को सौंपी गए और यही दस्तावेज अब जांच सहित सत्यापन के लिए सामने पहुंचे हैं ।
सूत्रों के ही मुताबिक बीडीपीओ कार्यालय से आए अधिकारियों के द्वारा यह तर्क दिया गया कि मौके पर काम तो हुआ है । लेकिन सवाल वही का वही की रोड रोलर, जेसीबी और मोटरसाइकिल इनके रजिस्ट्रेशन नंबर एक ही किस प्रकार से हो सकते हैं ? इतना ही नहीं शिकायतकर्ता ने यह भी सवाल किया कि ठेकेदार को जो भुगतान किया गया या ठेकेदार ठेकेदार में जो भी बिल दिए हैं , वह किसी भी प्रकार के संबंधित ठेकेदार के लेटर हेड पर नहीं है । अंततः पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार के द्वारा बीडीपीओ कार्यालय पटौदी को एक मौका और दिया गया कि जो भी ठोस दस्तावेज अथवा साक्ष्य हैं, वह लेकर के आएं । अब देखना यह है कि इस मामले में कब तक जांच पूरी कर डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला के कार्यालय में उपलब्ध करवाई जा सकेगी। जिससे कि संबंधित घोटाले में आरोप सही साबित होने पर आगे की कार्यवाही अमल में लाई जा सके ।