पर्यावरण में हो रहे नुक्सान के बारे मे जानकारी दी

पराली न जलाए, पराली प्रबंधन मशीनरी का प्रयोग करे

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 कृषि तथा किसान कल्याण विभाग गुरुग्राम के सौजन्य से बुधवार को फर्रुखनगर क्षेत्र के विभिन्न गांवों में कृषि जागरुकता अभियान रथ से मुनादी करके किसानों को पराली जलाने से जमीन, पर्यावरण में हो रहे नुक्सान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

इस मौके पर खंड कृषि अधिकारी नरेंद्र यादव ने बताया कि पराली न जलाए, जमीन में मिलायें पराली प्रबंधन मशीनरी का प्रयोग करे। पराली जलाने से हानि कारक गैसों का उत्सर्जन होता है और स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है। उन्होंने बताया कि इन दिनों फसल की कटाई शुरु हो चुकी है। ऐसे समय में किसानों को जागरुक करना जरूरी है। सरकार द्वारा किसानों के हितार्थ नई योजना के तहत पराली प्रबंधन मशीनरी हेतु किसानों को 50 प्रतिशत सबसिडी तथा किसानों के समुह को कस्टम हाईरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए 80 प्रतिशत तक की सबसिडी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पराली नहीं जलाने के लिए जागरुकता अभियान चलाया हुआ है। पराली जलाने से जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है वहीं पर्यावरण को भी हानि पहुंचती है। पर्यावरण प्रदूषण के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पडता है।


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