नियमों के मुताबिक प्रॉपर्टी के स्टेट्स बदलाव में एफिडेविट मान्य नहीं

सिनेमा को गोदाम दिखाकर नगर निगम को लाखों का चूना


फतह सिंह उजाला 
गुरुग्राम। गुरुग्राम नगर निगम में भ्रष्टाचार की बानगी देखिये कि मात्र एक एफिडेविट के आधार पर करोड़ों की प्रॉपर्टी का स्टेट्स बदल दिया गया। यह प्रॉपर्टी सिनेमाघर की है और इसे प्रॉपर्टी के स्टेट्स में बदलाव करके गोदाम दिखा दिया गया। गोदाम दिखाकर लाखों का प्रॉपर्टी टैक्स भी चोरी किया गया है। क्योंकि सिनेमा के और गोदाम के टैक्स में 50 फीसदी तक का अंतर है। ऐसे में सवाल उठते हैं कि नगर निगम द्वारा आखिर किस आधार पर यह सब किया गया। सीधे तौर पर इसमें भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है।
यहां एमजी रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक के सामने देव सिनेमा है। यह सिनेमा वर्ष 2013 में बंद हो गया था। इस सिनेमा के मालिक रहे गंगा सरूप वशिष्ठ ने वर्ष 2007 में इसका मालिकाना हक अपने बेटों के नाम कर दिया था। 17 जून 2013 को गंगा सरूप वशिष्ठ का देहांत हो गया था। अब 3000 गज जमीन में बने इस देव सिनेमा पर विवाद खड़ा हो गया है। विवाद यह है कि गंगा सरूप वशिष्ठ के बड़े बेटे देवेंद्र वशिष्ठ ने सिनेमा को वर्ष 2010 से बंद दिखाकर इसे मात्र एक एफिडेविट के आधार पर नगर निगम से गोदाम में बदलाव करवा लिया है। छोटे बेटे हेमंत वशिष्ठ का आरोप है कि वर्ष 2013 में सिनेमा बंद हुआ था और देवेंद्र वशिष्ठ की ओर से एफिडेविट में इसे 2010 से बंद दिखाया गया और इसे वुडन का गोदाम दिखा दिया। नियमन सिनेमा को अन्य किसी व्यवसायिक गतिविधि में उपयोग नहीं किया जा सकता। हेमंत वशिष्ठ का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2018 में भी नगर निगम में कागजात जमा कराए थे कि उनके पिता गंगा सरूप वशिष्ठ ने सभी बच्चों के नाम पर इस प्रॉपर्टी का मालिकाना हक दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि गुरुग्राम में देवेंद्र ङ्क्षसह जेडटीओ थे। उनके साथ मिलीभगत करके ही ऐसा किया गया है। सीधे तौर पर यह भ्रष्टाचार है।


नगर निगम को भेजा नोटिस
गंगा सरूप वशिष्ठ के छोटे बेटे हेमंत वशिष्ठ ने अब नगर निगम को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है कि आखिर किस प्रावधान के तहत मात्र एक एफिडेविट के आधार पर प्रॉपर्टी को दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रंासफर कर दिया गया। क्या सरकार ने इसके कोई नियम बदले हैं। अगर बदले हैं तो उस नियम के बारे में जानकारी दी जाए।  
कहीं दूसरा उपहार कांड ना हो जाए
हेमंत वशिष्ठ का कहना है कि सिनेमा की जगह पर अब यहां वूडन का काम शुरू किया गया है। गोदाम बनाया गया है। इसी के साथ में ही एक सरकारी व एक प्राइवेट पेट्रोल पंप भी है। बदकिस्मती से अगर यहां लकडिय़ों में कभी आगजनी हुई तो फिर बड़ा हादसा टाला नहीं जा सकता। एक तरह से यहां दूसरा उपहार कांड हो सकता है। ऐसे में इस पर बंदिश लगाई जानी चाहिए। बिना फायर प्रोविजन के यह वुडन का गोदाम चलाया जा रहा है।  

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