मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
कोर्ट की अवमानना के दोषी मशहूर वकील व सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को कोर्ट ने अपने लिखित बयान पर फिर से विचार करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि अगर प्रशांत भूषण बिना शर्त माफीनामा पेश करते हैं तो 25 अगस्त को उनकी सजा पर विचार किया जाएगा। अगर वे अपना माफीनामा कोर्ट में पेश नही करते हैं तो उन्हें तय तारीख़ पर सज़ा सुनाई जाएगी।
कोर्ट ने कहा, इस धरती पर कोई इंसान नही है गलती नही करता है, "आप सौ अच्छे काम करते हैं लेकिन वे आपको 10 अपराध करने की इजाज़त नही देते। जो हुआ सो हुआ, लेकिन हम चाहते हैं कि व्यक्ति विशेष(प्रशांत भूषण) को अपने किये पर पछतावा तो हो।"
प्रशांत भूषण ने कहा कि इससे कोर्ट का समय खराब होगा।
प्रशांत भूषण ने कहा, "अगर अदालत चाहती है तो मैं इस पर दोबारा विचार कर सकता हूं, लेकिन मेरे बयान में कोई ख़ास बदलाव नहीं होगा. मैं अदालत का समय नहीं बर्बाद करना चाहता हूं।"
उन्होंने कहा कि वे कोर्ट की सजा से नही डर रहे। उन्होंने कहा कि उन्हें कोर्ट की उदारता की दरकरार नही, कोर्ट जो सजा सुनाएगी उन्हें वो खुशी-खुशी मंजूर है।
आलोचना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान।
प्रशांत भूषण ने वीडियो कॉल के जरिये कहा कि मैं कोर्ट के द्वारा दोषी ठहराए जाने पर दुखी हूं। उन्होंने कहा कि जिन ट्वीट्स को चलते मुझे दोषी माना गया है वो मेरी ड्यूटी है। उन्होंने कहा की मैंने जो लिखा वो मेरी निज़ी राय है, मेरे विचार व विश्वास है उन्हें लोकतंत्र में सस्थानों को मजबूत बनाने के प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए। महात्मा गांधी के कथन को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि न मैं दया की भीख मांग रहा हूं, न मुझे कोर्ट की दरियादिली चाहिए। कोर्ट जो सजा देगी मुझे मंजूर है।
प्रशांत भूषण को अपनी टिप्पणी पर विचार करना चाहिए।
जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली सविंधानिक पीठ ने कहा कि प्रशांत भूषण को अपनी कथनी पर विचार करना चाहिए। कोर्ट ने प्रशांत भूषण की सजा टालने वाली याचिका को खारिज़ करते हुए कहा कि न्यायाधीश का फ़ैसला सजा सुनाए बगैर अधूरा रहता है, प्रशांत भूषण को 2-3 दिन का समय दिया जाता है। वो अपनी टिप्पणी पर विचार कर सकते हैं। जस्टिस अरुण मिश्र ने कहा कि कोर्ट को अभी सजा नही सुनानी चाहिए। कोर्ट ने डॉ धवन को कहा कि आज वाद-विवाद की करवाई को पूरा कर लेना चाहिए और भूषण को दो-तीन दिन का समय दिया जाता है। कोर्ट ने कहा कि उनके पास 24 अगस्त तक का समय है 25 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी।
प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल किए अपने हलफनामे में कहा कि सीजेआई या सीजेआई के उत्तराधिकारियों के कार्यों की आलोचना करना व इस मामले में यह तर्क देना की सीजीआई ही सुप्रीम कोर्ट है या सुप्रीम कोर्ट ही सीजेआई है, भारत के सर्वोच्च न्यायालय को कमज़ोर करना है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस एसएस बोबडे की सुपरबाइक हार्ले डेविडसन पर फ़ोटो को लेकर ट्वीट पर उन्होंने कहा कि उनका ट्वीट पिछले तीन महीनों से अधिक समय तक होने वाली पीड़ा को रेखांकित करता है, नागरिक में मौलिक अधिकारों के तहत देश में डिटेंशन कैम्प में बंद, पीड़ित व गरीब व अन्य जो गंभीर समस्या से गुजर रहे हैं, को लेकर कोई सुनवाई नही हुई।