इतिहास में दर्द है और पूरा ब्रह्मांड इस बात का रहा है साक्षी
अयोध्या ही मर्यादा पुुरूषोतम भगवान श्री राम की जन्म स्थली
फतह सिंह उजाला
पटौदी। नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली भगवान राम की जन्म स्थली को नेपाल में बता कर अनावश्यक रूप से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा करने के साथ-साथ ऐतिहासिक तथ्यों के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं । ऐसा लगता है कि नेपाली पीएम ओली के द्वारा जो कुछ कहा जा रहा है वह किसी गहरी साजिश के तहत और अन्य किसी के इशारे पर ही ऐसा कहा जा रहा है । पीएम पद पर रहते हुए इस प्रकार के बयान देना अथवा बात कहना नेपाल के पीएम ओली को कतई भी शोभा नहीं देता । उन्हें भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या सहित नेपाल की संस्कृति के बारे में और अधिक अध्ययन करने के साथ अपना ज्ञान वर्धन करने की जरूरत है। यह तीखी प्रतिक्रिया पटौदी बार एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारी एडवोकेट सुधीर मोदी के द्वारा व्यक्त की गई।
इसी संदर्भ में एडवोकेट मुदगिल ने भारत में नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य के साथ-साथ भारत के गृह मंत्री अमित शाह वो भी एक पत्र लिखकर अपने सहित आम भारत वासियों की तरफ से नेपाल के पीएम के द्वारा की गई बातों पर विरोध दर्ज करवाया । एडवोकेट सुधीर मुदगिल के मुताबिक सही तथ्यों और इतिहास पर नजर डालते हुए अध्ययन किया जाए तो नेपाली पीएम ओली को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि जनकपुरी जो कि नेपाल में स्थित है वह भगवान श्री राम की अर्धांगिनी सीता माता का मायका रहा है । यह स्थान धनुआ जिला के जनकपुर अंचल में स्थित है , इतना ही नहीं उस स्थान पर माता सीता का जानकी मंदिर भी स्थापित है । इस मंदिर को 1911 में टीकमगढ़ की महारानी कुमारी वृक्ष भानू ने बनवाया था ।
नेपाली पीएम ओली के अनर्गल बयान को झूठा आधारहीन साबित करने के लिए यही एक साक्ष्य पर्याप्त है। सुधीर मुदगिल के मुताबिक नेपाली पीएम ओली यह भूल चुके हैं कि 1904 से पहले नेपाल भारत वर्ष का ही अभिन्न अंग था। जिसे की अंग्रेजों ने 46 छोटे-छोटे स्थानों को संगठित कर भारतवर्ष को कमजोर करने की नियत से एक योजना के तहत अलग देश नेपाल के नाम से संज्ञा दे डाली। एडवोकेट सुधीर के मुताबिक नेपाली पीएम औली को यह भी अध्ययन करना चाहिए कि जिस समय भगवान श्रीराम का जन्म हुआ तब नेपाल सही मायने में आर्यव्रत भारतवर्ष का ही अभिन्न अंग था । भगवान राम का जन्म वास्तव में अखंड भारत में हुआ , आज फिर से वही अखंड भारत उन्हें स्थापित हो यह उन्होंने मांग करते हुए कहा है क्योंकि पिछले करीब ढाई हजार वर्षों से भारत वर्ष के टुकड़े टुकड़े करके अलग-अलग 24 देशों की स्थापना की जा चुकी है । एडवोकेट सुधीर ने नेपाली राजदूत को और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रेषित पत्र में कहा है कि नेपाली पीएम ओली के द्वारा अयोध्या प्रकरण को लेकर जो भी कुछ बयान दिया गया अथवा बात कही गई उससे प्रत्येक भारतवासी और हिंदू की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं । ऐसे में नेपाली पीएम ओली को सार्वजनिक रूप से अपनी कही बातों पर माफी मांग कर पश्चाताप भी करना चाहिए।