मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
तमिलनाडु के टूथुकुड़ी जिले में एक गांव में सफ़ाई के दौरान चार नौजवान सफाईकर्मियों की सीवर में सांस घुटने की वजह से मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक घटना चेक्कराकुड़ी गांव की है जिसमे एक बुजुर्ग द्वारा अपने घर के सेप्टिक टैंक की सफ़ाई के लिए चार सफाईकर्मियों को बुलाया था जिसमे चारों युवकों की सीवर में दम घुटने से मौत हो गई है। 

सभी की उम्र 20 से 24 साल के बीच।

इन चारों लड़कों का नाम पांडी, इसाकिराजा, बाली और दिनेश बताया गया है। पांडी, इसाकिराजा और बाली गटर साफ़ करने का ही काम करते थे। लेकिन दिनेश को लॉकडाउन में काम न मिलने की वजह से पहली बार यह काम करना पड़ा था। चारों की उम्र 20 से 24 साल के बीच बताई जा रही है। 

मकान मालिक पर केस दर्ज़।

तमिलनाडु के टूथुकुड़ी जिले में चेक्करकुड़ी गांव में वीरवार को सोमसुंदरम नाम के 65 वर्षीय बुजुर्ग ने अपने घर के सेप्टिकटैंक की सफाई के लिए सफाईकर्मियों को बुलाया था। दो राउंड टैंक की सफ़ाई के बाद तीसरे राउंड की सफ़ाई शुरू की तो टैंक में एक युवक बेहोश होकर अंदर गिर गया। उसके बचाने के लिए जब बाक़ी टैंक के अंदर गए तो टैंक की ज़हरीली गैस से दम घुटने से चारों की मौत हो गई। पुलिस ने मकान मालिक सोमसुंदरम के खिलाफ धारा 288 (जान-बूझकर या लापरवाही से काम करने के लिए उकसाना), धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मैनुअल स्कैवेंजर्स एक्ट, 2014 के तहत रोजगार निषेध अधिनियम की धारा 8 और 9 के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि मकान मालिक को दिल की बीमारी होने की वजह से गिरफ़्तार नही किया गया है। पुलिस के मुताबिक बुजुर्ग का मेडिकल चेकअप होने के बाद गिरफ़्तार किया जा सकता है।

दो दो कानून के बावजूद ये हालात।

मैन्युअल सैकवेनजिंग को लेकर देश में दो कानून है जिसमे हाथ से मैला उठाने को गैरकानूनी बताया गया है पहला कानून साल 1993 में पारित 'मैन्युअल सकैवेंजिंग एंड ड्राई लैट्रिनस एक्ट' के अनुसार हाथ से मैला ढोने को अपराध मानते हुए आर्थिक दंड व कारावास का प्रावधान है। दूसरा कानून 2013 में सुप्रीम कोर्ट के इतिहासिक फैसले में बिना सुरक्षा उपकरणों के मैनहोल में जाने पर प्रतिबंध लगाया गया। सभी कर्मचारियों के लिए मास्क, हेलमेट, दस्ताने, स्पेशल शूट की व्यवस्था करना अधिकारी या ठेकेदार के दवारा अनिवार्य है। ऐसा न करने पर पांच साल की सज़ा का प्रावधान है।

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