मानसिक तनाव नशे का एक मूल कारण - डॉ. दुर्गेश

नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत हुआ कार्यक्रम

शिवचरण/पटौदी। अधिक मानसिक तनाव भी नशे का एक मूल कारण है। उक्त विचार ओआरसी के डॉ. दुर्गेश ने नशामुक्ति शिविर में व्यक्त किए। पटौदी, साध केयर हॉस्पिटल में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने ये बात कही। डॉ. दुर्गेश ने कहा कि नशा एक लत है। जो बीमारी का रूप ले लेती है। लत की वजह से व्यवहारिक दिक्कतें आती हैं। खुद पर नियंत्रण नहीं रहता। याददाश्त कमजोर हो जाती है। अपने कार्यों पर व्यक्ति किसी तरह का नियंत्रण नहीं रख पाता। उन्होंने कहा कि नशा दिमाग पर गहरा असर डालता है। ये मस्तिष्क के न्यूरॉन्स को नुकसान पहुंचाता है। डॉ. दुर्गेश ने कहा कि एक कमजोर मन नशे का जल्दी शिकार होता है। इसके प्रति जागृति बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि राजयोग के अभ्यास से हम मन को सशक्त कर सकते हैं। ओआरसी की डॉ. शर्मिला ने राजयोग के विषय में कहा कि योग मन को सकारात्मक चिंतन प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि नकारात्मक विचार ही वास्तव में कमजोर मन का निर्माण करते हैं। नकारात्मक विचारों की गति फास्ट होने के कारण मानसिक शक्ति जल्दी नष्ट होती है। जबकि सकारात्मक और शुद्ध विचार मन को ऊर्जा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान भारत सरकार के साथ मिलकर देश भर में नशामुक्ति अभियान पर कार्य कर रहा है। संस्थान में आकर राजयोग के द्वारा लाखों युवा नशामुक्त हो चुके हैं। 
कार्यक्रम में हॉस्पिटल की डॉ. रोली ने कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक सशक्तिकरण ही वास्तव में स्थाई परिवर्तन ला सकता है।
कार्यक्रम में 50 से भी अधिक लोगों ने शिरकत की। कार्यक्रम का आयोजन साध केयर हॉस्पिटल एवं ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सहयोग से हुआ।

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