माता-पिता एवं परिजन अपनी बेटियों के दिव्य स्वयंवर को देख हुए गदगद
दृढ़ प्रतिज्ञाओं के साथ पूरी हुई दिव्य समर्पण समारोह की प्रक्रिया
ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ दिव्य समर्पण समारोह का आयोजन
3000 से भी अधिक लोग हुए अलौकिक दिव्य समर्पण समारोह में सम्मिलित
शिवचरण/पटौदी। ब्रह्माकुमारीज के गुरुग्राम, भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में दिव्य समर्पण समारोह का आयोजन हुआ। सेंटर के दादी प्रकाशमणी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में 7 कुमारियों ने अपने जीवन को ईश्वरीय सेवाओं में सम्पूर्ण समर्पित करने का दृढ़ संकल्प किया। दुल्हन की तरह सजी सजाई कुमारियों को माता-पिता और भाई-बहन जैसे ही स्टेज तक ले गए तो लोग भावुक हो उठे। माता-पिता की आंखों से खुशियों के आंसू छलक आये। इस अवसर पर माता-पिता को ऐसी दैवी स्वरूप बेटियों को पाकर गौरव महसूस हो रहा था।
यूरोप में ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्रो की निदेशिका राजयोगिनी सुदेश दीदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज इन बहनों ने परमात्मा को अपना जीवन समर्पित किया है। ईश्वर के प्रति समर्पित भाव ही सेवा का सच्चा साधन है। ईश्वर के प्रति समर्पण आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। वास्तव में ये शिव पार्वती विवाह है। क्योंकि आज पार्वतियों ने शिव का वरण किया है। पार्वती हम आत्माओं का ही सूचक है। ईश्वरीय सेवाओं में सदा निस्वार्थ भाव समाया होता है। ईश्वरीय मार्ग पर समर्पित होना श्रेष्ठ भाग्य की निशानी है। इस प्रकार के समर्पण के पीछे माता-पिता की ही प्रेरणा है। अमरनाथ शिव से विवाह सदा अमर बनाने वाला है। धन्य हैं इन कन्याओं के माता-पिता जिन्होंने इन्हें परमात्मा को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि जब हम परमात्मा पर अपना सर्वस्व न्योछावर कर देते हैं तो फिर परमात्मा ही हमारा जिम्मेवार हो जाता है। परमात्मा के प्रति अर्पित होना ही परमात्मा के कार्य में सहयोगी बनना है।
ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने कहा कि आज ये कुमारियां जगत माता बन गई। क्योंकि ये शिव की सच्ची सजनियां बनी हैं। इन कुमारियों ने नव विश्व के सृजन के लिए समर्पण किया है। ये सभा दिव्य और अलौकिक है। जहां सजनी तो दिख रही है लेकिन साजन दिखाई नहीं देता। क्योंकि परमात्मा शिव कोई साकार नहीं बल्कि निराकार ज्योति स्वरूप हैं।
ओआरसी की निदेशिका शुक्ला दीदी ने अपनी शुभकामनाएं करते हुए कहा कि ईश्वरीय मार्ग ही वास्तव में सत्य और सनातन है। इस मार्ग पर चलकर हम सिर्फ अपना ही नहीं बल्कि औरों का भी कल्याण करते हैं। इन कुमारियों ने विश्व कल्याण का महान लक्ष्य चुना है।
ब्रह्माकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन ने कहा कि ये कुमारियां परमात्मा का नाम रोशन करेंगी। ये वो कुमारियां हैं जो किसी के भी 21 कुल का उद्धार कर सकती हैं। ये शिव शक्तियां हैं जो शिव की शक्ति से सबका कल्याण करेंगी।
अलवर से पधारी बीके ममता दीदी ने माता पिता के द्वारा उनकी बेटियों के प्रति शुभ संकल्पों का उच्चारण कराया। सभी के माता-पिता ने कहा कि उन्हें अपने भाग्य पर नाज है, जो उनकी पुत्रियों को ईश्वरीय कार्य में समर्पित होने का शुभ अवसर मिला। अपनी शुभ भावनाएं व्यक्त करते हुए सबने कहा कि उनकी पुत्रियां ईश्वरीय मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ती रहें। और अनेकों का कल्याण करती रहें।
इंदौर से आई बीके शकुंतला दीदी ने सभी कुमारियों को ईश्वरीय मर्यादाओं के प्रति विशेष प्रतिज्ञाएं कराई। सबने प्रतिज्ञा की कि सदा वफादारी, ईमानदारी और अपने पवित्र जीवन के आधार से परमात्मा की श्रीमत का पालन करेंगे।
सभी कुमारियों को दुल्हन के रूप में सजाकर क्लब कार में बिठाकर शोभायात्रा निकाली गई। पूरे परिसर में जगह-जगह पर सबने फूलों की वर्षा की। 7 क्लब कार्स में कुमारियों के साथ-साथ उनके माता-पिता को भी बिठाया गया। शोभायात्रा में कार्स को बहुत ही सुंदर फूल मालाओं से सजाया गया।
दिल्ली, शक्ति नगर सेवाकेंद्र की निदेशिका चक्रधारी दीदी ने कहा कि ये समर्पण प्रतीक है, परमात्मा के साथ आत्मा के सच्चे सम्बन्ध का।
दिल्ली, करोल बाग सेवाकेंद्र की निदेशिका बीके पुष्पा दीदी ने कहा कि ये वो कुमारियां हैं जिन्होंने शिव को पहचाना है।
चेन्नई से आई वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके बीणा ने कहा कि अपने लिए तो सब जीते हैं लेकिन इन बहनों ने दूसरों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
बड़ौत, यूपी से बीके वर्षा, रोहतक, हरियाणा से बीके निधि, पात्रा, पंजाब से बीके मोनिका, वसुंधरा, यूपी से बीके ईशु, लुधियाना, पंजाब से बीके गुरप्रीत, ग्रेटर नोएडा, यूपी से बीके अल्का एवं फिरोजपुर, पंजाब से बीके शेफाली ने अपना जीवन समर्पित किया।
सभी कुमारियों एवं उनके माता पिता ने सुदेश दीदी के हाथ में हाथ देते हुए ईश्वर पर समर्पण किया।
सभी कुमारियों की विशेषताओं का वर्णन आशा दीदी ने सुंदर कार्ड के माध्यम से किया।
बीके बृजमोहन जी के द्वारा सभी को प्रतिज्ञा पत्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर बहुत सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। जिसमें पार्श्व गायक हरीश मोयल एवं उनके ग्रुप ने ईश्वरीय स्मृति के गीतों से समा बांध दिया।- - पंजाबी लोक नृत्य के माध्यम से कलाकारों ने सबका मन मोह लिया।
- शिव से चले व्याहने, नृत्य नाटिका के माध्यम से कलाकारों ने समर्पण समारोह का उद्देश्य स्पष्ट किया।
- कार्यक्रम का संचालन बीके ममता एवं बीके मधु ने किया। कार्यक्रम में 3000 से भी अधिक लोग सम्मिलित हुए।